SIX ATTITUDES FOR WINNERS BY NORMAN VINCENT PEALE BOOK SUMMARY IN HINDI

हेलो दोस्तों थॉट्स फॉर ग्रोथ ब्लॉग में आपका स्वागत है । आज हम आपके लिए लेकर आए हैं “Norman Vincent Peale”  की लिखी किताब “Six Attitudes for Winners” या “विजेताओं के छह नजरिए” का हिंदी बुक समरी । इस बुक में लेखक हमें विजेताओं के 6 ऐसे नजरिया के बारे में बात करते हैं , जोकि अत्यंत आवश्यक है । तो चलिए बिना किसी देरी किए शुरू करते हैं “Six Attitudes for Winners” का हिंदी  बुक समरी |

सकारात्मकता 

कोई समस्या इतनी बड़ी नहीं है कि सुलझाए ना जा सके ।

अगर आप अपनी समस्याओं से उबरना चाहते हैं तो सबसे पहला काम जो आपको करना होगा वह है आपको अपनी समस्याओं के प्रति एक सकारात्मक मानसिक नजरिया रखना होगा ।

क्योंकि किसी भी समस्या के प्रति हमारा नजरिया उस समस्या से संबंधित तथ्यों से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है ।

इस बात की काफी संभावना है कि नकारात्मक व्यक्ति तथ्यों से पराजित हो जाएगा , जबकि सकारात्मक व्यक्ति इसे सृजनात्मक तरीके से सुलझा लेगा ।

क्योंकि परिणाम तथ्यों से तय नहीं होते , यह तो उनके प्रति आपके नजरिए से तय होता है ।

इसलिए जीवन में हर समस्या के प्रति एक सकारात्मक मानसिक नजरिया रखिए ।

सकारात्मक मानसिक नजरिया विकसित करने के 3 उपाय-

पहला:
प्रतिक्रिया ना करें बल्कि सोच विचार करें ।

जब भी किसी इंसान पर कोई मुश्किल आता है तो वह दहशत में आ जाता है , और विचलित हो जाता है । और अगर वह इंसान  ऐसी मानसिक अवस्था में अपने भावी कार्यों की योजना बनाता है तो इस बात की काफी संभावना रहती है कि उसके कार्य तर्कपूर्ण और विवेकशील नहीं होंगे ।

इसीलिए हर परिस्थिति में अपने दिमाग को ठंडा रखें । प्रतिक्रिया करने से बचें और सोच विचार कर निर्णय लें ।

वास्तव में आप का दिमाग आप की सबसे बड़ी संपत्ति है ।इसे हमेशा अनुशासनात्मक नियंत्रण में रखें ।

ठंडे दिमाग से लिया गया निर्णय आपको हमेशा समाधान की ओर ले जाएगा ।

दूसरा :
कैसे सोचने वाले व्यक्ति बने ।

कैसे सोचने वाले व्यक्ति के सामने जब कोई मुश्किल आती है तो वह उसकी चिरफाड करने पर अपनी उर्जा बर्बाद नहीं करता है, बल्कि वह तुरंत सर्वश्रेष्ठ समाधान की तलाश करने लगता है । क्योंकि वह जानता है कि हर समस्या का कोई न कोई समाधान हमेशा होता है ।

कैसे का तरीका सोचने वाला इंसान समस्याओं को प्रभावी ढंग से सुलझा लेता है, क्योंकि वह जानता है कि हर मुश्किल में कोई ना कोई महत्वपूर्ण सीख छिपी होती है ।

वह निरर्थक अगर मगर में समय बर्बाद नहीं करता है, और सीधे सृजनात्मक तरीके से समस्या को हल करने में जुट जाता है ।

तीसरा :
खुद पर विश्वास करें कि आप कर सकते हैं और फिर आप कर लेंगे ।

लेखक कहते हैं कि ईश्वर की मदद से आप सारी समस्याओं का मुकाबला कर लेंगे और उनसे जीत पाएंगे ।

अगर आप विश्वास करते हैं कि आप कर सकते हैं तो आप वह काम अवश्य कर लेंगे ।

हर एक धर्म ग्रंथ और हर एक महान पुरुषों ने हमें यही बात सिखाई है कि विश्वास में अचूक शक्ति होती है । आप जैसा विश्वास करते हैं आप वैसे ही बन जाते हैं ।

लेखक कहते हैं कि समस्याओं से हारिये मत । जब समस्या आप पर वार करें तो कभी भी शिकायत मत करिए । इसके बजाय समस्या से पूछिए कि इसमें आपके लिए क्या सीख छुपा हुआ है , क्योंकि हर समस्या ईश्वर की महानतम नसीहतों में से एक होती है, जिससे यह आपको सिखाता है और विकास करने में आपकी मदद करता है ।

आपके सामने कोई भी समस्या आ जाए आप उन समस्या को टुकड़ों में तोड़ कर उन्हें आसानी से सुलझा सकते हैं । टुकड़ों में तोड़ने के बाद आपको आपकी समस्या ज्यादा बड़ी नहीं दिखाई देगी ।

साहसी 

मुझे डरने की कोई बात नहीं है

लेखक कहते हैं कि हम अपने जीवन में किसी भी भावना को दूर कर सकते हैं । क्रोध को दूर कर सकते हैं ,  डिप्रेशन को दूर कर सकते हैं , नफरत को दूर कर सकते हैं , पूर्वाग्रह को दूर कर सकते हैं , और सबसे बढ़कर हम अपने डर को भी दूर कर सकते हैं ।

किसी भी डर को दूर करने का सबसे पहला कदम इस बात का एहसास करना है कि डर को सचमुच दूर किया जा सकता है ।

अपने मन में कभी भी यह धारणा ना रखें कि आपको जिंदगी भर डर डर कर या डर के साथ जीना पड़ेगा ।

जब कभी भी आप रुक कर डर का सामना करते हैं और उससे निगाहें मिलाते हैं तो उससे आपको अनुभव ,  शक्ति , साहस और आत्मविश्वास मिलता है ।

जब कोई इंसान संकल्प के साथ किसी डर से मुकाबला करने के लिए खड़ा हो जाता है तो वह डर उस इंसान के रास्ते से दूर हट जाती है । मुश्किल या डर से बचने के बजाय उनके सामने डट कर खड़ा होने में कम खतरा होता है ।

जिन चीजों से आप डरते हैं उनसे बचने की कोशिश ना करें । उन से दूर रहने के लिए हवा के रुख के साथ ना चले ।

डर को खत्म करने के 3 तरीके

पहला :
विश्वास से भरपूर व्यक्ति बनने का संकल्प लें ।

डर को खत्म करने के लिए सबसे बड़ा काम संकल्प के साथ यह कहना है कि अब मैं डर और चिंता के बस में नहीं रहना चाहता ।

मैं अपने मन से चिंता और डर को बाहर निकालना चाहता हूं । मैं इसी समय निर्णय लेता हूं । मैं इसी समय संकल्प लेता हूं कि मेरी चिंता और डर काबू में आ जाए और खत्म हो जाए ।

दूसरा :
एक बार में एक ही डर पर काम करें ।

एक कागज पर उन सभी चीजों की सूची बनाएं जिन से आप डरते हैं । जहां तक संभव हो ईमानदारी से पूरी सूची बनाएं , फिर सावधानी से उस सूची में से अपने सबसे व्यापक डर का पता लगाएं । यह वही डर होगा जो हर दिन मौजूद रहता है और आप को सबसे ज्यादा परेशान करता है । सबसे पहले आप सिर्फ इसी खास डर से जूझने का निर्णय लें ।

आप में सिर्फ इतनी शक्ति होती है कि आप एक समय में केवल एक ही डर से मुकाबला कर सकते हैं । अगर आप अपने सारे डरों के समूह के साथ एक बार में भीड़ जाएंगे तो यह काम बहुत कठिन होगा और शायद आपको इसमें सफलता ना मिले ।

तीसरा :
अपनी आस्था को बढ़ाएं ।

लेखक कहते हैं कि आस्था को बढ़ाने में अध्यात्मिक प्रक्रियाओं से काफी लाभ मिलता है । परंतु यह एक लंबा रास्ता है ।

क्योंकि हमारे सामने डर से निपटने की व्यावहारिक समस्या है , इसलिए हमें अपनी आस्था को तुरंत बढ़ाने की आवश्यकता होती है ।

अपनी आस्था को तुरंत बढ़ाने के लिए हमें ऐसे शक्तिशाली वाक्य और शब्दों को अपने मन में बार-बार दोहराना चाहिए जिनसे हमें सकारात्मक ऊर्जा मिले और हमारा आत्मविश्वास बढ़े ।

हमारे धर्म ग्रंथ और महापुरुषों के वचन में इस प्रकार की शक्ति होती है कि जिनको हम बार-बार दोहरा कर अपनी आस्था को तुरंत विकसित कर सकते हैं और अपने डर पर काबू पा सकते हैं ।

उत्साही 

जीवन रोमांचक है

इमर्शन ने लिखा था “उत्साह के बिना कोई महान चीज कभी हासिल नहीं हुई है “

उत्साह एक असाधारण और प्रगतिशील गुण है । उत्साही नजरिया इतना शक्तिशाली और अजेय होता है कि अपने सामने की सारी बाधाओं को साफ कर देता है । यह व्यक्तित्व को सजीव बनाता है और सोई हुई शक्तियों को जगा देता है ।

लेखक कहता है कि संसार सौंदर्य और रोमांच से भरा हुआ है । इसके प्रति खुद को संवेदनशील रखना चाहिए ।  संसार से , इसकी सुंदरता से और इसके लोगों से प्रेम करना चाहिए । जो भी इंसान इस सलाह पर चलेगा उसे प्रचुर उत्साह का वरदान मिलेगा और उसका जीवन खुशियों से भर जाएगा ।

उत्साह विकसित करने के कुछ उपाय इस प्रकार हैं:

पहला :
अपने दिन की सही शुरुआत करें ।
  • सुबह जागने के 5 मिनट के भीतर ही आप किसी दिन की दिशा तय कर देते हैं । अगर आप अपने दिन की अच्छी शुरुआत करते हैं तो आपका सारा दिन अच्छा रहता है और उत्साह से भरा हुआ होता है ।
  • हर सुबह खुद को अपनी पूरी ऊंचाई तक ताने और तन कर खड़े हो । फिर ऊंचे विचार सोचे , महान विचार सोचे और इसके बाद बाहर निकले और अच्छे काम करें । ऐसा करेंगे तो खुशी और उत्साह आप की ओर प्रवाहित होने लगेगा ।
दूसरा:
प्रतिदिन कोई अच्छा साहित्य पढ़ें ।
  • लेखक कहते हैं कि आपको प्रत्येक सुबह किसी अच्छे साहित्य या अपने धर्म ग्रंथ को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए । क्योंकि यह आपको आत्मविश्वास और प्रेरणा से भर देता है , और आप पूरे दिन उत्साह से भरपूर रहते हैं ।
तीसरा :
जीवन और लोगों से प्रेम करें ।
  •  आसमां से प्रेम करें , ईश्वर से प्रेम करें । जो व्यक्ति प्रेम करता है वह हमेशा उत्साही रहता है ।  आज ही जीवन के प्रेम को विकसित करना शुरू कर दें ।
चौथा :
अपनी ऊर्जा के स्तर की रक्षा करें ।
  • लगातार तनाव में रहने से आपकी उर्जा घट जाती है, और आपका उत्साह भी घट जाता है । इसलिए उत्साह से भरे रहने के लिए जैसा ईश्वर आपको बनाना चाहता था वैसा ही बने । आप जितनी ऊर्जा खर्च करें उससे ज्यादा ऊर्जा को ग्रहण करें ।
  • लेखक कहते हैं कि इसके लिए आप ईश्वर से मार्गदर्शन मांगे और अपने जीवन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें ।
  • अपनी सबसे अच्छी कोशिश के बाद परिणाम को ईश्वर पर छोड़ दें और उसकी समझदारी पर भरोसा रखें । आप पाएंगे कि आपके जीवन का नवीनीकरण हो गया है । आप  ऊर्जा और उत्साह से भर जाएंगे ।
पांचवा :
स्वप्रेरक कथन का इस्तेमाल करें ।
  • स्व प्रेरक कथन वैसे कथन है जिनके इस्तेमाल से आप अपने ऊर्जा और आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं ।
  • अगर आप सुबह शाम दोपहर हर समय इन स्व प्रेरकों को बार-बार दोहराते हैं तो यह शब्द आपके मस्तिष्क में अमिट रूप से अंकित हो जाएंगे और फिर अपना असर दिखाना शुरू कर देंगे ।
  • कुछ स्व प्रेरकों के उदाहरण इस प्रकार हैं :
  • मैं ईश्वर की मदद से हर कार्य कर सकता हूं ।
  • हर समस्या में कोई ना कोई अवसर छुपा होता है ।
  • हर विपत्ति में किसी बड़े लाभ का बीज होता है ।
  • किसी भी विचार पर तुरंत कार्य शुरू कर देना चाहिए ।
  •  ज्यादा सोच विचार नहीं करना चाहिए ।
  • हर काम को तुरंत करने की आदत डालना चाहिए ।
  • उत्साही बनने के लिए उत्साह से काम करें ।

शांतिपूर्ण

मुझे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है

  • आपके दिमाग में जो भी चीज चलती है आपके शरीर पर उसका बहुत असर पड़ता है । अगर आपके दिमाग में चिंता रहती है तो इसका आपके शरीर के सभी अंगों पर विनाशकारी प्रभाव हो सकता है ।
  • चिंता का एक विचार चेतना में एक हल्की सी लकीर या नाली बना देता है । बार-बार दोहराए जाने पर यह विचार गहरा हो कर डर या चिंता की लहर बन जाती है ।  इसके बाद आपके मन में जो भी विचार आता है लगभग हर विचार चिंता के रंग में डूबा होता है । फलस्वरूप आप एक भयभीत इंसान बन जाते हैं और हमेशा हि चिंता करते रहते हैं ।
  • इस दुखद प्रक्रिया को रोकने का सबसे पहला कदम तो यह है कि आप चिंता के सांचे में ढले मानसिक परिवेश को नया बना ले , और इसकी जगह पर धीरे-धीरे एक आध्यात्मिक परिवेश रखें ।
  • आप अपने चिंता को काबू में करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं । क्योंकि प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है । अगर आप पूरे मन से और भाव से प्रार्थना करते हैं तो आपको आपके प्रार्थना का जवाब जरूर मिलता है ।
  • आप अपनी चिंताओं को घटाने के लिए अपने वरदानो को गिन सकते हैं । जब आप अपने जीवन की कमियों की ओर देखते हैं तो आप चिंतित होने लगते हैं । इसके विपरीत यदि आप अपने जीवन में मिले वरदानों को देखते हैं और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं तो धीरे-धीरे आपकी चिंता खत्म होने लगती है , और आप खुश रहने लगते हैं ।
  • हेनरी फोर्ड ने कहा था कि चिंता की समस्या को दूर करने के लिए वे हमेशा व्यस्त रहते थे । वे इतने व्यस्त रहते थे कि उन्हें चिंता करने का फुर्सत ही नहीं मिलता था और हमेशा अपने सर्वश्रेष्ठ कार्य को करने पर ध्यान देते थे ।
  • आप भी अगर हमेशा व्यस्त रहने की आदत डाल ले और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और कार्य करने में जुट जाएं तो चिंता की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं ।
चिंता छोड़ने के 5 तरीके :

पहला :
अपनी कही बातों को सावधानी से सुने ।

आप जो कुछ भी बोलते हैं उस का बारीकी से अध्ययन करें ।  ऐसा करके आप इस बारे में जागरूक हो जाएंगे कि आप कितनी ज्यादा नकारात्मक टिप्पणियां करते हैं । 

दूसरा :
पूरी तरह ईमानदार बने ।

जब आप कोई नकारात्मक टिप्पणी करें तो खुद से कहें कि क्या मैं जो बातें कह रहा हूं उन पर विश्वास करता हूं या फिर मैं बेवजह ही नकारात्मक बातें कर रहा हूं जो सच नहीं है ।

तीसरा :
आप आमतौर पर जो नकारात्मक बात कहते हैं उनका ठीक विपरीत कहने की आदत डाल ले ।

जब आप अपने सभी नकारात्मक कथनों को सकारात्मक कथनों से बदलने लगते हैं तो आपके विचार और कार्यप्रणाली दोनों में बदलाव होने लगता है और आप एक बदले से नए इंसान बन जाते हैं ।

चौथा :
इस नई कार्यप्रणाली पर काम करते समय होने वाली हर चीज की निगरानी रखें ।

पांचवा :
हर दिन हर व्यक्ति और कार्य का सर्वश्रेष्ठ आशय निकाले या व्यक्तिगत विकास की बेहद रोमांचक आदत है ।

आत्मविश्वास 

मैं बदल कर बेहतर बन सकता हूं

  • हमें से ज्यादातर लोग यह बात मानते हैं कि हमारे जीवन में कुछ चीजों को बदलने की आवश्यकता है ।
  • व्यक्तित्व के प्रतिकूल तत्व अक्सर असफलता और अप्रसन्नता में योगदान देते हैं ।
  • हो सकता है हम में कुछ ऐसे गुण हो जो लोगों को दूर रखते हैं और अच्छे व्यक्तिगत संबंधों में बाधक बनते हैं ।
  • पर अच्छी खबर यह है कि आपका जीवन बदलने की शक्ति हाथ में मौजूद है और आप इसे किसी भी समय बदल सकते हैं ।
  • यह अद्भुत शक्ति आप में मौजूद ईश्वर का अंश है । जब आप इस ईश्वरीय शक्ति पर ध्यान केंद्रित कर लेते हैं तो आपके व्यक्तित्व में शानदार परिवर्तन हो जाता है ।
लेखक ने जीवन के कायाकल्प करने के कुछ उपाय बताए हैं जो इस प्रकार हैं :
  • एहसास करें कि आप में जीवन को बदलने की शक्ति है और यह शक्ति हर पल आपको ईश्वर से प्राप्त होता रहता है ।
  • खुद को और अपनी सारी समस्याओं को ईश्वर के हवाले कर दे ।
  • ईश्वर से एक नया जीवन जीने की शक्ति मांगे यकीन करें कि वह इसे प्रदान करेगा ।
  • दैनिक प्रार्थना की आदत डालें । प्रार्थना के लिए एक निश्चित समय अलग रख लें और इसे शीर्ष प्राथमिकता दें ।
  • अपनी चेतना को ईश्वर केंद्रित विचारों से सारोबार कर ले ।
  • लोगों के प्रति प्रेम और सद्भाव की भावना का अभ्यास करें ।
  •  इस अध्याय में लेखक ने सुखद पारिवारिक संबंध बनाने के कुछ उपाय बताए हैं जो हैं :
  • इसे खुद से शुरू करें । यह निर्णय लें कि आप अपने भीतर वह खुशी की भावना जागृत करेंगे जो पारिवारिक माहौल को नया बना सके ।
  • खुद से यह सवाल पूछे कि मैं अपने परिवार की खुशी में कितना योगदान दे रहा हूं और फिर ईमानदारी से इस सवाल का जवाब दे ।
  • अपने भीतर पल रहे किसी भी तरह के अविश्वास या शत्रुता को बाहर कर दें ।
  • खुद को एक प्रेम जीव मानें और प्रेम से कार्य करें ।
  • छोटे हो या बड़े परिवार के हर सदस्य को व्यक्तियों के रूप में एक दूसरे का सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करें ।
  • यथार्थवादी बने या उम्मीद ना करें कि हर व्यक्ति तुरंत ही बदल जाएगा ।
  • गहरी आस्था विकसित करें और परिवार के भीतर तथा सभी पारिवारिक जुड़ाव में मार्गदर्शन के लिए ईश्वर पर विश्वास करें ।
  • परिवार के हर सदस्य के लिए प्रार्थना की एक निश्चित और गंभीर योजना शुरू करें ।
  • आगे लेखक इस अध्याय में एक ऐसा उपाय बताते हैं जिससे कि आप अपनी नौकरी का आनंद ले सकते हैं ।
  • आप जहां भी जाते हैं खुद को साथ ले जाते हैं आप कभी भी खुद से दूर नहीं जा सकते ।
  • इसलिए जब आप किसी दुख भरी पुरानी नौकरी से नई नौकरी में जाते हैं तो आप खुद को भी साथ ले जाते हैं । इसका मतलब यह है कि पुरानी नौकरी में आप में जो कमजोरियां और गलत नजरिए थे वह उत्साह के पहले आवेग के बाद इस नई नौकरी में भी रहेंगे ।
  • इसलिए नौकरी बदलने का दूसरा तरीका खुद को बदलना है , यह वर्तमान नौकरी के ढांचे के भीतर भी आप कर सकते हैं ।

आशावादी 

मेरा एक भविष्य है

  • आपके पास एक भविष्य है । आप अपनी संभावनाओं के बारे में चाहे जो महसूस करते हो , बुरी खबर फैलाने वाले आपको चाहे जो भी बताते हो , इन सब के बावजूद आपके पास सचमुच एक भविष्य होता है ।
  • चाहे परिस्थितियां कितने भी मुश्किल हो , चाहे डगर कितनी भी कठिन हो , चाहे आप कितने भी हताश हो आपके पास हमेशा एक भविष्य होता है ।
  • आप चाहे जितने भी बूढ़े , थके हुए या बीमार महसूस करते हो , इसके बावजूद आपके पास एक भविष्य होता है ।
  • ईश्वर के पास आपके भविष्य , आपके देश के भविष्य पूरे विश्व के भविष्य का जवाब है । समझदारी भरा काम यह है कि हम खुद को उनके हाथों में रख दें , क्योंकि वह भविष्य के बारे में आपके भविष्य के बारे में सब कुछ जानते हैं । यह बेहतरीन भविष्य को पाने का रहस्य है ।
  • यह कहते हुए जिंदगी ना गुजार दें कि मैं अच्छा महसूस नहीं करता । मैं थक चुका हूं । मैंने अपना उत्सव खो दिया है । मैं बूढ़ा हो रहा हूं । मैं किसी लायक नहीं हूं । मेरा कोई भविष्य नहीं है । इस तरह की बातचीत गलत किस्म की सोच से उत्पन्न होती है , और यह अपने भविष्य को बर्बाद करने का अचूक तरीका है ।
  • इसके बजाय यह दृढ़ कथन कहें : मैं खुश हूं ,मैं उत्साही हूं , ईश्वर की कृपा से मेरे पास एक भविष्य है ।

दोस्तों यह थी Book “SIX ATTITUDES FOR WINNERS BY NORMAN VINCENT PEALE” की summary in hindi यह समरी आपको कैसी लगी कृपया हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं । अगर आपको यह समरी अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और फैमिली मेंबर्स के साथ अवश्य शेयर करें ।

आपको यह बुक समरी अच्छी लगी हो और आप इस किताब को और डिटेल से पढ़ना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए किताब के कवर पर क्लिक करके इस किताब को खरीद सकते

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Thank you !


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