Eat That Frog By Brian Tracy Book Summary In Hindi

दोस्तो Eat That Frog Book के लेखक Brian Tracy हैं। Eat That Frog Book दुनिया की Time Management और Productivity पर लिखी गई सर्वश्रेष्ठ किताबों में से एक है। लेखक Brian Tracy ने इस किताब Eat That Frog में टालमटोल को छोड़ने और कम समय में ज्यादा से ज्यादा काम करने के 21 प्रभावी तरीके को बताया है।

दोस्तो Eat That Frog Book की इस summary में हम इन सभी 21 तरीके को विस्तार से देखेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं Brian Tracy की लिखी किताब Eat That Frog की कंप्लीट Hindi Book Summary.

Table of Contents

दावत की मेज पहले ही सजा ले । (SET THE TABLE)

काम शुरू करने से पहले खुब सोच विचार कर लें ।

आप क्या चाहते हैं और उसे पाने के लिए आपको कौन कौन से कदम उठाने होंगे , इन बिंदुओं के बारे में आप जितने ज्यादा स्पष्ट होंगे , आपके लिए टालमटोल छोड़ना और हाथ में आए काम को पूरा करना उतना ही ज्यादा आसान होगा ।

 सफलता का एक महान नियम बताते हैं कि आपको मन में सोचने के बजाय कागज पर लिखकर सोचने की आदत डालनी चाहिए ।

लक्ष्य को निर्धारित और हासिल करने की एक शक्तिशाली फॉर्मूला लेखक बताते हैं जिसका इस्तेमाल आप जिंदगी भर कर सकते हैं । इस फार्मूला के सात आसान कदम है-
  • पहला कदम : स्पष्ट रूप से तय कर लें कि आप अपने जीवन में क्या चाहते हैं ?
  • दूसरा कदम : आप जो भी चाहते हैं उसे कागज पर लिख ले ।

लक्ष्य को लिखकर आप इसे एकदम सटीक बना देते हैं और मूर्त आकार दे देते हैं । जबकि  अलिखित लक्ष्य दुविधा , अस्पष्टता , गलत दिशा और अनगिनत गलतियों की ओर ले जाता है !

  • तीसरा कदम : अपने लक्ष्य की समय सीमा तय कर लें , और अगर जरूरी हो तो उस मुख्य समय सीमा को कुछ छोटे-छोटे समय अंतराल में बांट लें ।

समय सीमा और काम पूरा करने की निश्चित जिम्मेदारी स्वीकार किए बिना आप स्वाभाविक रूप से टालमटोल करते रहेंगे और बहुत कम कोशिश करेंगे ।

  • चौथा कदम: उन सभी कामों की एक सूची बना लें जो आपके मुताबिक  लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आपको करने होंगे ।

यह सूची तब तक बनाते रहे जब तक यह पूरी ना हो जाए । यह इस संभावना को काफी बढ़ा देता है कि आप अपना मनचाहा लक्ष्य हासिल कर लेंगे और समय सीमा के भीतर ही इसे आप कर लेंगे !

  • पांचवा कदम: सूची को योजनाबद्ध रूप दें । इसे प्राथमिकता और कर्म के आधार पर व्यवस्थित करें ।

जब आप अपने लक्ष्य को निश्चित कामों में बांट लेते हैं तो उसे हासिल करना बहुत आसान हो जाता है ।

  • छठा कदम: अपनी योजना पर तत्काल अमल करें ।

कुछ भी करें, कुछ ना कुछ करते रहें ।औसत योजना जिस पर उत्साह से अमल किया जाता है उस बेहतरीन योजना से ज्यादा अच्छी होती है जिस पर बिल्कुल भी अमल नहीं किया जाता है ।

  • सातवां कदम: हर दिन कुछ ना कुछ करने का संकल्प करें जो आपको अपने प्रमुख लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ाएं ।

एक बार जब आप चलना शुरू कर दें तो फिर लगातार चलते रहे बीच में ना रुके ।

हर दिन अपने लक्ष्यों के बारे में सोचते रहें और उनकी समीक्षा करें । हर सुबह सबसे पहले वह काम करें जिससे आप अपने सबसे महत्वपूर्ण तत्कालीन लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं ।

हर दिन की योजना पहले से बना ले(PLAN EVERY DAY IN ADVANCE)

लक्ष्य को तय करने , उस पर योजना बनाने और उस पर अमल करने की काबिलियत से ही आपकी जिंदगी की दिशा तय होती है ।

पूरे दिन की योजना बनाने में सिर्फ 10 से 12 मिनट का समय लगता है , लेकिन समय का यह छोटा सा निवेश आपको 2 घंटे बचा देगा । क्योंकि इससे  दिन भर आप यूं ही वक्त बर्बाद नहीं करेंगे और निरर्थक के काम नहीं करेंगे ।

वास्तव में योजना बनाना बहुत आसान होता है ।इसके लिए तो सिर्फ कागज और पेन की जरूरत होती है । हर चीज की बुनियादी बात यही है कि शुरू करने से पहले आप सारे कामों की सूची बना ले ।

हमेशा सूची बनाकर ही काम करें । जब कोई नया काम आए तो उसे करने से पहले सूची में जोड़ दें । जब आप सूची बनाकर काम करने लगते हैं तो आप अपने उत्पादकता और परिणामों को 25% से भी ज्यादा बढ़ा देते हैं ।

रात को ही अगले दिन की कार्यसूची बना लें । इस सूची में हर वह काम लिख ले जिसे आप अब तक पूरा नहीं कर पाए हैं । इसके अलावा वह काम भी लिख लें जो आपको अगले दिन करना है ।

अलग-अलग उद्देश्यों के लिए आपको अलग-अलग सूचियां बनानी चाहिए । सबसे पहले तो आपको एक मास्टर लिस्ट बनाना चाहिए । इसमें मन में आने वाली वह हर चीज लिख लिजिए जो आप भविष्य में हासिल करना चाहते हैं ।

इसके बाद आपके पास एक मासिक सूची होना चाहिए ।  हर महीने के अंत में आप अगले महीने की सूची बना लिया किजिए ।

तीसरा आपके पास एक साप्ताहिक सूची भी होनी चाहिए । जिसमें आप आने वाले पूरे हफ्ते की योजना बनाते हैं । जैसे-जैसे आप का हफ्ता गुजरता है इस सूची में फेरबदल भी हो सकता है ।

अंत में आपको एक दैनिक सूची तैयार करनी चाहिए । इसमें आप मासिक और सप्ताहिक सूचियों के काम को शामिल करते हैं । यह वह खास काम है जिन्हें आपको अगले दिन करना है ।

दिन में जैसे-जैसे काम निपटते जाए उन्हें सूची से काटते जाइए । कटे हुए काम देखने से आपको अपनी कर्मठता और उपलब्धि की साफ तस्वीर दिखाई देती है । इससे सफलता और प्रगति की भावना पैदा होती है और आपको प्रेरणा और ऊर्जा मिलती है ।

हर चीज पर है 80 / 20 का नियम लागू करें(APPLY THE 80/20 RULE TO EVERYTHING)

80/20 का नियम हमारे जीवन में बहुत ही सहायक है । इसे पैरिटो का सिद्धांत भी कहते हैं क्योंकि सबसे पहले इटली के अर्थशास्त्री विल्फ्रेडो परेटो ने इसके बारे में बताया था ।

यह सिद्धांत कहता है कि आपकी 20% गतिविधियां आपको 80% परिणाम देती है ।

आपके 20% ग्राहक आपको 80% बिक्री करवाते हैं ।

आपके 20% प्रोडक्ट्स आपको 80% मुनाफा दिलवा ते हैं आदि आदि ।

लेखक कहते हैं कि अक्सर आप के 10 कामों की सूची का एक काम बाकी 9 काम से ज्यादा मूल्यवान होता है ।  यही आप का सबसे महत्वपूर्ण काम है जिसे आपको सबसे पहले करना चाहिए ।

छोटे कामों को सबसे पहले खत्म करने के प्रलोभन से हमेशा बचना चाहिए ।

आप जो भी बार-बार करते हैं वह आपका आदत बन जाता है, और अगर आप महत्वहीन कामों से दिन की शुरुआत करते हैं तो यह आपकी आदत में शुमार हो जाता है । इसलिए ऐसा बिल्कुल ना करें ।

किसी महत्वपूर्ण काम को शुरू करना उसका सबसे मुश्किल हिस्सा होता है । एक बार जब आप कोई मूल्यवान काम शुरू कर देते हैं तो स्वाभाविक रूप से आपको आगे भी काम करते रहने की प्रेरणा मिलती रहती  है ।

टाइम मैनेजमेंट का अर्थ है इस बात पर नियंत्रण करना कि आप अगला काम कौन सा करेंगे , और आप हमेशा अपना अगला काम चुनने के लिए स्वतंत्र होते हैं । महत्वपूर्ण और महत्वहीन कामों के बीच विकल्प चुनने की आपकी काबिलियत ही आपकी जिंदगी और काम धंधे में आपकी सफलता को तय करते हैं ।

इसलिए आज ही संकल्प करें कि आप कम महत्व की गतिविधियों में कम समय देंगे और अपना ज्यादातर समय उन चुनिंदा कामों में लगाएंगे जिनसे आपके जिंदगी और कैरियर में सचमुच फर्क पड़ता है ।

परिणामों पर पहले ही विचार कर ले(CONSIDER THE CONSEQUENCES)

लेखक कहते हैं कि दीर्घकालीन नजरिया जिंदगी और काम धंधे में आपकी सफलता को जितना तय करती है उतना पारिवारिक पृष्ठभूमि , शिक्षा , जाती , बुद्धि या अन्य कोई तथ्य नहीं तय करता ।

दीर्घकालीन सोच से ही अल्पकालीन निर्णय शक्ति बेहतर बनती है ।

कामकाज के संदर्भ में दीर्घकाल में आपके लिए सचमुच क्या महत्वपूर्ण है , आपके दिमाग में इस बात का स्पष्ट विचार होना बहुत आवश्यक है । जो भी चीज महत्वपूर्ण होती है उसके दीर्घकालीन संभावित परिणाम होते हैं और जो चीज महत्वहीन होती है उसके दीर्घकालीन संभावित परिणाम बहुत कम होते हैं या बिल्कुल भी नहीं होते हैं ।

सफल लोग हमेशा वही होते हैं जो भविष्य में ज्यादा बड़े पुरस्कार पाने के लिए अल्पकालीन संतुष्टि में विलंब करने और त्याग करने के लिए तत्पर रहते हैं । दूसरी ओर  असफल लोग अक्सर अल्पकालीन सुख और तत्कालीन संतुष्टि के बारे में सोचते रहते हैं और भविष्य के बारे में बहुत कम विचार करते हैं ।

अगर किसी काम या गतिविधि के संभावित सकारात्मक परिणाम बहुत ज्यादा हो तो उसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें और फौरन शुरू कर दें ।अगर किसी चीज को जल्दी और अच्छी तरह से ना करने के संभावित नकारात्मक परिणाम बहुत ज्यादा हो तो उसे भी सर्वोच्च प्राथमिकता दें और फौरन शुरू कर दें ।

समय तो वैसे भी गुजरने वाला है , एकमात्र सवाल यह है कि आप इस का कैसे इस्तेमाल करते हैं और हफ्तों या महीनों या वर्षों बाद आप कहां पहुंचना चाहते हैं ।

अपने सबसे महत्वपूर्ण काम निश्चित समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए आप तीन सवालों का इस्तेमाल कर सकते हैं ।
  • पहला सवाल है मेरी सर्वोच्च मूल्य वाली गतिविधियां कौन सी है ?
  • दूसरा सवाल है वह कौन सा काम है जिसे मैं और सिर्फ मैं ही कर सकता हूं और जिसे अच्छी तरह करने से वाकई फर्क पड़ेगा ?
  • और तीसरा सवाल है कि इस पल मेरे समय का सबसे मूल्यवान उपयोग क्या है ?

लेखक कहते हैं कि पहली चीजें पहले करें और दूसरी चीजें बिल्कुल भी ना करें । जो चीजें सबसे महत्वपूर्ण है उन्हें उन चीजों के रहमों करम पर नहीं छोड़ना चाहिए जो सबसे कम महत्वपूर्ण है ।

आपके लिए जो भी काम सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है उसका लक्ष्य बना लीजिए , फिर उसे हासिल करने की योजना बनाएं और फौरन अपनी योजना पर अमल करने लगे ।

रचनात्मक टालमटोल का अभ्यास करें(PRACTICE CREATIVE PROCRASTINATION)

रचनात्मक टालमटोल व्यक्तिगत प्रदर्शन की बड़ी ही असरदार तकनीक है । यह आपके जिंदगी बदल सकती है ।

सच तो यह है कि आप जितनी चीजें करना चाहते हैं वह सभी कभी नहीं कर सकते । किसी न किसी चीज में तो टालमटोल करना ही होगा । इसलिए बेहतर यही है कि छोटे कामों में टालमटोल करें ।

क्योंकि आप को हर हाल में टालमटोल करना ही है । इसलिए आज ही कम मूल्यवान गतिविधियों में टालमटोल करने का फैसला करें । जो गतिविधियां आपकी जिंदगी में खास महत्वपूर्ण योगदान नहीं देती उनमें टालमटोल करें । उनको आउट सोर्स करें । किसी दूसरे को सौंप दें या बस छोड़ दें ।

आप अपने समय और जिंदगी पर सिर्फ उसी हद तक काबू पा सकते हैं जिस हद तक आप कम मूल्य की गतिविधियों को छोड़ते जाते हैं ।

टाइम मैनेजमेंट के क्षेत्र में शायद सबसे शक्तिशाली शब्द है ना कहना । इसे विनम्रता से कहें लेकिन स्पष्टता से कहें , ताकि गलतफहमी की कोई गुंजाइश ना रह जाए ।  इसे नियमित रूप से कहते रहें और अपने टाइम मैनेजमेंट डिक्शनरी का एक हिस्सा बना ले ।

जो भी काम आपके समय और जिंदगी का मूल्यवान इस्तेमाल ना हो उसके लिए साफ इंकार कर दें | शालीनता से लेकिन दृढ़ता से मना करें , ताकि कोई आपसे जबरन काम करवाने की कोशिश भी ना करें ।

रचनात्मक टालमटोल का मतलब सीधा सा है सोच विचार कर और जानबूझकर उन कामों को तय करना जिन्हें आप इस वक्त या कभी भी नहीं करेंगे ।

अपने कामकाज के गतिविधियों पर गौर करके उन कामों को पहचाने जिन्हें आप किसी दूसरे को सौंप सकते हैं , या एकदम छोड़ सकते हैं । किस तरह आप उन कामों के लिए खाली समय निकालते हैं जो वाकई महत्वपूर्ण है, जैसे आप टीवी देखना कम कर सकते हैं,  इसके बजाय परिवार के साथ समय बिता सकते हैं ।  कुछ पढ़ सकते हैं या व्यायाम कर सकते हैं , या कोई भी ऐसी चीज कर सकते हैं जिससे आपके जीवन की गुणवत्ता बढ़े ।

ए बी सी डी इ तकनीक का लगातार इस्तेमाल करें(USE THE ABCD METHOD CONTINUOUSLY)

ए बी सी डी इ तकनीक प्राथमिकताएं तय करने की शक्तिशाली तकनीक है ।

आपको अगले दिन जो भी काम करना है उन सभी की कागज पर एक सूची बना  ले । फिर पहला काम शुरू करने से पहले अपनी सूची के हर काम के आगे ए बी सी डी  या इ लिख ले ।

  • A काम वह है जो बहुत महत्वपूर्ण है । इसे आपको करना ही होगा । यह एक ऐसा काम है जिसे करने के गंभीर सकारात्मक परिणाम होंगे या नहीं करने के गंभीर नकारात्मक परिणाम होंगे ।

यदि आपके पास एक से ज्यादा ए काम है तो आप इन कामों के सामने A1, A2 , A3 आदि लिखकर प्राथमिकताएं तय कर सकते हैं ।

  • B काम वह काम है जिसे आपको करना चाहिए लेकिन इसके सिर्फ छोटे-मोटे परिणाम ही होते हैं ।

नियम यह है कि जब तक आपका A काम अधूरा हो तब तक आपको कभी भी B काम नहीं करना चाहिए ।

  • C काम वह है जिसे करना अच्छा तो है लेकिन जिसे करने या ना करने के कोई परिणाम नहीं होंगे ।
  • D काम वह है जिसे आप किसी दूसरे को सौंप सकते हैं ।  नियम यह है कि आप हर वह चीज दूसरों को सौंप दें जिसे कोई और कर सकता है ताकि आपके पास A काम करने के लिए ज्यादा वक्त रहे जिन्हें सिर्फ आप ही कर सकते हैं ।
  • E काम वह है जिसे आप पूरी तरह से छोड़ सकते हैं और जिस से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला ।

जब आप अपनी सूची में ए बी सी डी इ तकनीक लागू कर लेंगे तो आप पूरी तरह से व्यवस्थित हो जाएंगे और ज्यादा महत्वपूर्ण काम करने के लिए ज्यादा तेजी से तैयार हो जाएंगे ।

प्रमुख परिणाम क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें(FOCUS ON KEY RESULT AREA)

प्रमुख परिणाम क्षेत्र वह  है जिसके लिए पूरी तरह आप जिम्मेदार होते हैं । अगर आप इसे नहीं करते हैं तो यह नहीं होता है । प्रमुख परिणाम क्षेत वह गतिविधि है जो आपके नियंत्रण में होती है । इससे जो परिणाम मिलता है वह दूसरों के काम के लिए इनपुट या योगदान देता है ।

अपने काम के प्रमुख परिणाम क्षेत्रों को पहचानना उच्च प्रदर्शन का शुरुआती बिंदु है ।

यहां एक बहुत बड़ा सवाल है जिसे आप अपने आप से पूछ सकते हैं कि वह कौन सी एक योग्यता है जिसे अगर मैं विकसित कर लूं और उत्कृष्ट बना लूं तो इसका मेरे कैरियर पर सबसे ज्यादा अच्छा असर होगा?

जिंदगी भर अपने कैरियर के मार्गदर्शन के लिए यह सवाल अपने आपसे पूछते रहे । अपने पूरे कैरियर में नियमित विश्लेषण कि आदत डालें ।  कभी भी बेहतर बनना ना छोड़े । सिर्फ यही एक फैसला आपकी जिंदगी बदल सकता है ।

तीन के नियम को लागू करें(APPLY THE LAW OF THREE)

कोई भी व्यक्ति अपनी कंपनी में जो योगदान देता है उसका 90% हिस्सा उसके द्वारा किए जाने वाले तीन प्रमुख काम में होता है ।  चाहे वे जो भी हो ।  

आप बाकी जो भी काम करते हैं वह सहायक या पूरक कामों की श्रेणी में आते हैं , जिन्हें शायद दूसरों को सौंपा जा सकता है, कम किया जा सकता है , आउटसोर्स किया जा सकता है या छोड़ा भी जा सकता है ।

समय प्रबंधन की काबिलियत सीखने का विशेष उद्देश्य है कि आप अपने कामकाज के सचमुच महत्वपूर्ण चीजों को पूरा कर सकें और अपनी निजी जिंदगी में उन चीजों के लिए ज्यादा से ज्यादा वक्त निकाल सके जिनसे आप को सबसे ज्यादा खुशी और संतुष्टि मिलती है ।

ऑफिस में समय की गुणवत्ता महत्वपूर्ण होती है और घर पर समय की मात्रा महत्वपूर्ण होती है ।

जीवन को संतुलित रखने के लिए आपको यह संकल्प लेना चाहिए कि आप जितने भी वक्त काम करेंगे सचमुच काम करेंगे । जब काम करने जाएं तो अपना सिर नीचा करके पूरे वक्त काम करें | थोड़ा जल्दी शुरू करें , थोड़ा बाद तक रुके और थोड़ी ज्यादा मेहनत करें ।  समय बर्बाद ना करें ।

आप ऑफिस में जो समय बर्बाद करते हैं वह अक्सर आपके परिवार के सदस्यों से छीना हुआ होता है । आपको या तो ऑफिस में देर तक रुकना होगा या फिर काम को घर लाकर पूरा करना होगा । दिन में प्रभावी और कार्य कुशल ढंग से काम ना करके आप अपने लिए अनावश्यक तनाव पैदा कर लेते हैं । इस तरह आप अपने परिवार के सदस्यों को उस सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति से वंचित कर देते हैं जो आप बन सकते थे ।

आपको इस हकीकत को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि कार्यकुशलता से काम करने की बुनियादी वजह यह है कि आप घर पर अपने परिवार के साथ जीवन की बेहतर गुणवत्ता का आनंद ले सकें ।

तीन सबसे महत्वपूर्ण काम चुन लें जिन्हें आप अपने ऑफिस या कार्यस्थल में करते हैं । खुद से पूछें अगर मैं पूरे दिन सिर्फ एक ही काम कर सकूं तो वह कौन सा काम होगा जो मेरे कैरियर में सबसे ज्यादा मूल्यवान योगदान दे सकता है । यही अभ्यास दो बार और करें । जब आप अपने तीन बड़े काम पहचान ले तो दिन भर उन्ही कामों पर एकाग्र होकर करते रहें ।

शुरू करने से पहले पूरी तैयारी कर ले(PREPARE THOROUGHLY BEFORE YOU BEGIN)

काम शुरू करने से पहले अपने डेस्क या कार्यस्थल की सफाई कर ले , ताकि आपके सामने सिर्फ एक काम रहे ।  

जरूरत हो तो हर चीज को फर्श पर या अपने पीछे के टेबल पर रख लें । वह सारी जानकारी , रिपोर्ट्स , कागज और काम की सामग्री इकट्ठा कर लें , जिसकी जरूरत आपको काम पूरा करने के लिए होगी ।

यह सुनिश्चित करें कि आपके पास हर वह चीज है जिसकी आपको काम शुरू करने के लिए और पूरा करने के लिए जरूरत होगी । अपने कार्यस्थल को इस तरह तैयार करें ताकि यह आरामदेह , आकर्षक और लंबे समय तक काम करने के लिए अनुकूल हो ।

काम शुरू करने से पहले आपके काम का इलाका जितना साफ होता है , आपके लिए काम शुरू करना और उसे लगातार करना उतना ही आसान होता है ।

एक बार जब आप की तैयारी पूरी हो जाए तो यह अनिवार्य है कि आप फौरन अपने लक्ष्यों की दिशा में कूद पड़े । शुरू कर दे ।  पहली चीज करें चाहे वह जो भी हो ।

पहली बार में या शुरुआती दौर में पूर्णता की उम्मीद ना करें । सब कुछ पूरी तरह सही करने से पहले बार बार असफलता झेलने के लिए तैयार रहें ।  जिस काम से आप डरते हो उसे करें । फिर डर की मौत तय है ।

एक बार जव  तैयारी पूरी हो जाए तो इसके बाद पहला कदम उठाने की हिम्मत करें । फिर तो हर चीज आपकी अपनी होने लगती है ।

एक बार में तेल के 1 गैलन तक पहुंचे(TAKE IT ONE OIL BARREL AT A TIME)

टालमटोल छोड़ने का एक अच्छा तरीका यह है कि आप अपने सामने के सबसे बड़े काम से अपना ध्यान हटा लें , और उसके एक छोटे से हिस्से पर ध्यान केंद्रित करें जिसे आप अभी कर सकते हैं ।

लाओ त्सू ने लिखा था ” हजार मील लंबी यात्रा भी एक कदम से ही शुरू होती है” ।

खुद को एक वक्त में एक कदम उठाने के लिए पूरी तरह अनुशासित कर लें । आपका काम इतनी दूर तक पहुंचना है जितनी दूर तक आप देख सकते हैं । इसके बाद जब आप वहां पहुंचेंगे तो आप और ज्यादा दूर तक देख पाएंगे ।

बड़ा काम करने के लिए आप में यह दृढ़ विश्वास और आस्था होनी चाहिए कि आपका अगला कदम जल्द ही आपके सामने स्पष्ट हो जाएगा ।

इस तरह आप अपने लक्ष्य की ओर पहला कदम उठाकर और एक बार में एक एक कदम आगे चलकर अपने जीवन में  असाधारण चीजें हासिल कर सकते हैं ।

अपनी योग्यताएं बढ़ाएं(UPGRADE YOUR KEY SKILLS)

अपने प्रमुख परिणाम क्षेत्रों में अपनी योग्यताएं लगातार बढ़ाते रहें । आप आज चाहे जितने भी अच्छे हो , आपका ज्ञान और योग्यताएं तेजी से पुरानी हो रही है । जिस वक्त आप बेहतर बनने की कोशिश करना छोड़ देते हैं उसी वक्त से आप बदतर बनना शुरू हो जाते हैं ।

आप जो सबसे महत्वपूर्ण काम करते हो उसकी एक सूची बनाएं । फिर उन क्षेत्रों में अपनी योग्यताएं लगातार बढ़ाते रहने की योजना बनाएं । किसी भी क्षेत्र में कमजोरी या योग्यता की कमी की वजह से पीछे ना रहे । हर चीज सीखी जा सकती है । और जो दूसरों ने सीखा है उसे आप भी सीख सकते हैं ।

योग्यताएं बढ़ाने के तीन महत्वपूर्ण कदम है ।
  • पहला : हर दिन कम से कम 1 घंटे तक अपने क्षेत्र में अध्ययन करें । सुबह थोड़ा जल्दी उठकर 30 से 60 मिनट तक वह पुस्तक या पत्रिका पढ़े जिस में दी गई जानकारी से आप अपने काम में ज्यादा असरदार और उत्पादक बन सकते हैं ।
  • दूसरा : उन प्रमुख योग्यताओं से संबंधित हर कोर्स और सेमिनार में भाग लें । लाइव  सेशंश और वर्कशॉप में जाएं । सामने बैठकर नोट्स ले । अपने क्षेत्र में सबसे ज्ञानी और योग्य व्यक्तियों में से एक बनने के लिए समर्पित हो जाएं ।
  • तीसरा : यात्रा करते समय ऑडियो प्रोग्राम सुने । सफर के समय को सीखने के समय में बदल लें । यात्रा करते वक्त शैक्षणिक ऑडियो या वीडियो देखने से आप अपने क्षेत्र के सबसे स्मार्ट , सबसे सक्षम और सबसे काबिल व्यक्तियों में एक बन सकते हैं ।

अपने काम धंधे के क्षेत्र में आजीवन विद्यार्थी बने रहें ।

अपने विशेष योग्यताओं की लेवरेजिंग करें(LEVERAGE YOUR SPECIAL TALENTS)

लेखक कहते हैं कि आप अनूठे हैं । आप में वे खास गुण और योग्यताएं हैं , जिनकी बदौलत आप दुनिया की हर व्यक्ति से अलग हैं । 

आप कोई ऐसा काम कर सकते हैं , या करना सीख सकते हैं , जो आपको  दूसरों के लिए  असाधारण रूप से मूल्यवान बना देगा । अब यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने उन खास गुण को या क्षेत्र को पहचाने और फिर उसमें बहुत अच्छा बनने के लिए समर्पित हो जाए ।

वह कौन सा काम है जिसे आप सब से खुशी-खुशी करते हैं । जिस काम को करते वक्त आप खुश रहते हैं आप में उस क्षेत्र में उत्कृष्ट बनने की क्षमता होती है ।

सफल लोग हमेशा वही होते हैं जो यह जानने का समय निकालते हैं कि वह कौन से काम सबसे अच्छी तरह से और सबसे ज्यादा आनंद के साथ करते हैं । फिर पता लगाते हैं कि उनके किन कामों से उनके काम धंधे में सच में फर्क पड़ता है । इसके बाद वे उन कामो या गतिविधियों पर पूरा ध्यान केंद्रित कर लेते हैं ।

उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें , जिनमें आप खास गुण रखते हैं , और जिनमें आपको सबसे ज्यादा मजा आता हो ।  यही आप की संभावना का ताला खोलने की कुंजी है ।

प्रमुख बाधाओं को पहचानिए(IDENTIFY YOUR KEY CONSTRAINTS)

लेखक कहते हैं कि जब भी आप कुछ करते हैं , तो हमेशा कोई ना कोई ऐसा बाधा आपके सामने होता है जो यह तय करता है कि आप इसे कितनी जल्दी से और अच्छी तरह पूरा कर पाएंगे । 

यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने सामने के काम का विश्लेषण करें और उसके भीतर के बाधाओं को पहचाने ।  फिर आपको अपनी सारी ऊर्जा उसी तत्व या बाधा को खत्म करने पर केंद्रित करनी चाहिए ।

किसी भी कार्य या प्रक्रिया में सीमित करने वाले घटक की सटीक पहचान करने और उस पर पूरी एकाग्रता से काम करने से इतनी ज्यादा तरक्की हो सकती है , जितनी किसी दूसरे तरीके से नहीं हो सकती ।

सफल लोग हमेशा बाधाओं का विश्लेषण इस सवाल से शुरू करते हैं , कि मेरे भीतर ऐसा क्या है जिसने मुझे पीछे रोक रखा है । वह अपनी जिंदगी की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं , और अपनी समस्याओं के कारण और समाधान दोनों के लिए ही अपने भीतर झाकते हैं ।

खुद पर दबाव डालें(PUT THE PRESSURE ON YOURSELF)

अपनी पूरी संभावना तक पहुंचने के लिए आपको खुद पर दबाव डालने की आदत अपनानी चाहिए । यह इंतजार नहीं करना चाहिए कि कोई दूसरा आकर आप पर दबाव डालें ।

खुद को दूसरों के रोल मॉडल के रूप में देखें । लगातार अपने लक्ष्यों को ज्यादा ऊंचा बनाते रहें । अपने काम और व्यवहार के लिए आप जो पैमाने तय करते हैं वह किसी अन्य के द्वारा आपके लिए तय किए गए पैमाने से ज्यादा ऊंचे होने चाहिए ।

जब भी आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए खुद पर दबाव डालते हैं तो आप अपने बारे में बेहतर महसूस करने लगते हैं । जब भी आप उस बिंदु से आगे तक जाते हैं जहां आम आदमी आम तौर पर हार मान लेता है तो आपका आत्मसम्मान बढ़ता है ।

लेखक कहते हैं कि अगर आप 1 महीने के लिए शहर छोड़कर जाने वाले हो तो आप किन महत्वपूर्ण कामों को पूरा करने के बाद चैन से जा सकते हैं ? आपका जवाब जो भी हो इसी वक्त वह सारे काम करने में जुट जाएं ।

अपने निजी शक्तियों का विस्तार करें(MAXIMIZE YOUR PERSONAL POWERS)

खुश और उत्पादक बनने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप हर वक्त अपनी उर्जा के स्तर की रक्षा करें और उसे पोषण दें ।

आप जितने ज्यादा थके होंगे , आपके काम की गुणवत्ता उतनी ही खराब होगी ।  और आप उतनी ही ज्यादा गलतियां करेंगे ।

पूरे दिन के दौरान कुछ खास समय आप अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर काम करते हैं । आपको पहचानना होगा कि यह समय कौन सा है ? आपको खुद को अनुशासित करना होगा कि आप अपने सबसे महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण काम उसी वक्त करें जब आप अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर हो ।

टालमटोल का मुख्य कारण है थकान या किसी काम को तब शुरू करने की कोशिश करना है जब आप थके हुए हो ।

कई बार आप के समय का सबसे अच्छा इस्तेमाल यह होता है कि आप जल्दी घर आकर सीधे 10 घंटे के लिए सो जाएं । इससे आप पूरी तरह रिचार्ज हो जाएंगे ।

आप एक स्मार्ट काम ये कर सकते हैं कि हर रात 10:00 बजे तक अपना टीवी बंद करके पलंग पर पहुंच जाएं । कई बार तो हर रात 1 घंटे की अतिरिक्त नींद से ही आपकी पूरी जिंदगी बदल सकती है ।

हर हफ्ते एक पूरे दिन की छुट्टी रखें । इस दिन चाहे यह शनिवार हो या रविवार ना तो कुछ पढे , ना ही पत्रों का जवाब दें ।

हर साल नियमित रूप से छुट्टियां मनाने जाएं । लंबे वीकेंड्स पर भी और एक-दो हफ्ते लंबी छुट्टियों में भी । इससे आपको आराम मिलेगा और आप तरोताजा हो जाएंगे । छुट्टियों या आराम भरे वीकेंड के बाद आप हमेशा सबसे ज्यादा उत्पादक होते हैं ।

हफ्ते में 5 दिन जल्दी सोने , वीकेंड्स में भरपूर नींद लेने और हर सप्ताह पूरा 1 दिन आराम करने से आप में बहुत ज्यादा उर्जा होगी ।

पर्याप्त आराम करने के अलावा अपनी ऊर्जा का स्तर अधिकतम रखने के लिए अपने खानपान के मामलों में सतर्क रहें ।  हाई प्रोटीन , लो फैट और लो कार्बोहाइड्रेट वाले नाश्ते से दिन की शुरुआत करें ।  चीनी , नमक मैदे की चीजों और मिठाइयों से दूर रहें ।  खुद को इस तरह भोजन दे जैसे आप किसी विश्वस्तरीय खिलाड़ी को प्रतिस्पर्धा से पहले भोजन करा रहे हो ।

हर हफ्ते लगभग 200 मिनट तक व्यायाम करने का लक्ष्य बनाएं , जो फिटनेस का उत्कृष्ट स्तर कायम रखने का औसत पैमाना है ।

कम और स्वस्थ आहार खाने , नियमित व्यायाम करने और पर्याप्त आराम करने के बाद आप पहले से ज्यादा और बेहतर काम करेंगे ।  आसानी से काम करेंगे , और आपको ज्यादा संतुष्टि भी मिलेगी ।

खुद को काम करने के लिए प्रेरित करें(MOTIVATE YOURSELF INTO ACTION)

खुद को प्रेरित रखने के लिए आपको पूर्ण आशावादी बनने का संकल्प करना चाहिए ।

खुद को प्रेरित बनाए रखने और शंका या डर की भावनाओं से उबरने के लिए लगातार कहते रहे : मैं यह कर सकता हूं, मैं यह कर सकता हूं । जब लोग पुछे कि आप कैसे हैं? तो हमेशा जवाब दें , मैं बेहतरीन महसूस कर रहा हूं ।

विक्टर फ्रैंकल ने अपनी बेस्ट सेलिंग पुस्तक मेंस सर्च फॉर मीनिंग में लिखा था ” कैसी भी परिस्थिति में अपना नजरिया चुनना इंसान का आखरी स्वतंत्रता है “

अपनी समस्याओं के बारे में शिकायत करने से इंकार कर दें । उन्हें  स्वयं तक सीमित रखें ।

आशावाद ही वह सबसे महत्वपूर्ण गुण है जिसे आप व्यक्तिगत और व्यवसायिक सफलता व खुशी के लिए विकसित कर सकते हैं । आशा वादियों के चार खास व्यवहार होते हैं जिन्हें अभ्यास और दोहराव से सीखा जा सकता है ।
  • पहला : आशावादी हर स्थिति में अच्छाई की तलाश करते हैं ।
  • दूसरा : आशावादी हमेशा हर झटके या मुश्किल में मूल्यवान सबक खोज लेते हैं ।
  • तीसरा : आशावादी हमेशा हर समस्या के समाधान की तलाश करते हैं ।
  • चौथा : आशावादी लगातार अपने लक्ष्यों के बारे में सोचते और बात करते हैं ।

जब आप लगातार अपने लक्ष्यों और आदर्शों की मानसिक तस्वीर देखते हैं , और खुद से सकारात्मक अंदाज में बात करते हैं तो आप ज्यादा एकाग्र और ऊर्जावान महसूस करते हैं ।

अपने विचारों पर काबू रखें । याद रखें आप वही बन जाते हैं जिसके बारे में आप ज्यादातर वक्त सोचते हैं । यह सुनिश्चित करें कि आप उन्हीं चीजों के बारे में सोच और बात कर रहे हो जिन्हें आप चाहते हैं , उन चीजों के बारे में नहीं जिन्हें आप नहीं चाहते हैं ।

खुद के लिए और अपने साथ होने वाली हर चीज के लिए पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करके अपने दिमाग को सकारात्मक रखें । किसी भी चीज के लिए दूसरों की बुराई ना करें । शिकायत ना करें । या दोष ना दें । बहाने बनाने के बजाय प्रगति करने का संकल्प करें । अपने विचार और ऊर्जा आगे की तरफ केंद्रित करें ।

टेक्नोलॉजी से होने वाले वक्त की बर्बादी रोके(GET OUT OF THE TECHNOLOGICAL TIME SINKS)

टेक्नोलॉजी आपकी सबसे अच्छी दोस्त भी हो सकती है और दुश्मन भी ।

शांत , स्पष्ट और सर्वश्रेष्ठ स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए आप को नियमित रूप से टेक्नोलॉजी और संचार साधनों से हट कर खड़े होने की जरूरत है । अगर आप सावधान ना रहे तो यह आपकी जिंदगी पर हावी हो सकते हैं ।

टेक्नोलॉजी आपके मित्र है इसलिए इसकी लत लग जाने और बेकाबू हो जाने से पहले ही इसे छोड़ ना जरुरी है ।

टेक्नोलॉजी के वजह से आप जो अपना समय खोते हैं उसे वापस लीजिए । अपने काम को डेलीगेट करना सीखिए । टेक्नोलॉजी के गुलाम नहीं , मालिक बनिए |

आज ही अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों के दौरान खामोशी के दायरे बनाने का संकल्प करें । सुबह और शाम एक 1 घंटे तक सभी संचार तंत्र और टेक्नोलॉजी को बंद कर दें । जो होगा उससे आप हैरान रह जाएंगे । कुछ भी नहीं होगा ।

काम को टुकड़ों में बांटकर करें(SLICE AND DICE THE TASK)

अपने कामों को पूरा करने के लिए आप सलामी स्लाइस विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं , और अपने बड़े बड़े कामों को छोटा आकार दे सकते हैं ।

मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी आपको पूरे काम के बजाय उसका एक छोटा टुकड़ा करना ज्यादा आसान लगता है ।

जब आप काम के किसी छोटे टुकड़े को शुरू और पूरा करते हैं तो आप दूसरे हिस्से को शुरू और पूरा करने के लिए प्रेरित महसूस करते हैं । फिर एक और फिर एक और जल्द ही आप एक आंतरिक प्रेरणा विकसित कर लेते हैं जो आपको लगन से काम पूरा करने के लिए प्रेरित करती है ।

खुद को आगे बढ़ाने के लिए आप एक और तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसे काम करने की स्विस चीज विधि कहते हैं । इस तकनीक में आप काम में एक होल पंच करने का संकल्प करते हैं जिस तरह आप स्वित चीज के टुकड़े में छेद करते हैं ।

स्विस चीज विधि को किसी काम पर लागू करने का मतलब यह है कि आप इस पर एक निश्चित अवधि तक काम करने का संकल्प करते हैं यह 5-10 मिनट जितने कम अवधि भी हो सकती है ।

जब आप पहली बार कोई डरावना दिखने वाला काम करने जाए तो आपको उस पर सलामी स्लाइस या स्विस चीज विधि का इस्तेमाल करने की कोशिश करनी चाहिए ।

समय के बड़े कालखंड निर्मित करें(CREATE LARGE CHUNKS OF TIME)

आप अपने दिन की योजना पहले से ही बना लें और किसी खास गतिविधि या काम के लिए एक निश्चित समय तय कर ले । 

अकेले में काम करने के अपॉइंटमेंट तय करें और फिर उन्हें पूरा करने के लिए खुद को अनुशासित करें ।  महत्वपूर्ण काम शुरू या पूरा करने के लिए 30  60 और 90 मिनट के कालखंड अलग रख लें ।

काम के दौरान फोन बंद कर दे । सारे व्यवधानों को खत्म कर दें और बिना रुकावट काम करें ।

प्रदर्शन और उत्पादकता के उच्च स्तर की एक कुंजी हर मिनट को महत्वपूर्ण बनाना है । ज्यादा बड़े कामों के छोटे टुकड़ों को पूरा करने के लिए यात्रा के समय का इस्तेमाल करें जिसे अक्सर समय का उपहार कहा जाता है ।

शीघ्रता के एहसास को विकसित करें(DEVELOP A SENSE OF URGENCY)

शुरू करने का एक बहुत सरल लेकिन शक्तिशाली तरीका बार-बार खुद से कहना है: इसे अभी कर दो , इसे अभी कर दो , इसे अभी कर दो ।

अगर आप महसूस करते हैं कि आप की गति धीमी हो गई है या बातचीत या कम मूल्य की गतिविधियों के कारण आप विचलित हो गए हैं , तो मन में ही एक शब्द बार-बार दोहराए : दोबारा काम पर ,  दोबारा काम पर , दोबारा काम पर ।

आज ही अपने हर काम में शीघ्रता का एहसास विकसित करने का संकल्प करें । एक ऐसा क्षेत्र चुन लें जहां आप में टालमटोल करने की प्रवृत्ति हो और फिर उस क्षेत्र में तेजी से काम करने की आदत डालने का फैसला करें ।

जब आप कोई अवसर या समस्या देखें तो उस पर फौरन काम करें । जब आपको कोई काम या जिम्मेदारी दी जाए तो तत्काल उसे पूरा करें । और तेजी से रिपोर्ट पेश करें । जिंदगी के हर महत्वपूर्ण क्षेत्र में ज्यादा तेजी से बढ़े । इसके बाद आप इतना बेहतर महसूस करेंगे और इतना ज्यादा हासिल करेंगे कि आप खुद हैरान रह जाएंगे ।

हर काम को स्वयं से संपन्न कीजिए(SINGLE HANDLE EVERY TASK)

आत्मानुशासन ही सफलता की कुंजी है । आत्मानुशासन का अर्थ है खुद से वह काम करवाने की योग्यता जो आपको करना चाहिए और जब आपको करना चाहिए भले ही आपका मूड हो या ना हो ।

किसी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए टनो अनुशासन की जरूरत होती है । आत्मानुशासन , आत्म विजय और आत्म नियंत्रण , चरित्र और उच्च प्रदर्शन के झंडे हैं।

कर्म करें । आज ही वह सबसे महत्वपूर्ण काम या प्रोजेक्ट चुनने का संकल्प करें जिसे आप पूरा कर सकते हैं । और फिर फौरन उस में जुट जाएं ।

एक बार जब आप अपना सबसे महत्वपूर्ण काम शुरू कर दें तो फिर उसके पूर्ण होने तक बिना व्यवधान के उस में जुटे रहने के लिए खुद को अनुशासित करें | इसे एक इम्तिहान मानते हुए यह देखें यह क्या आप उस तरह के व्यक्ति हैं जो किसी काम को पूरा करने का निर्णय ले सकता है , और फिर उस पर अमल भी कर सकता है । एक बार जव आप काम शुरू कर दें तो फिर काम पूरा होने तक रुकने से इंकार कर दें ।

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