Time Management By Dr. Sudhir Dixit Book Summary In Hindi.

हेलो दोस्तों “थॉट्स फॉर ग्रोथ ब्लॉग” में आपका स्वागत है । आज हम आपके लिए लेकर आए हैं (TIME MANAGEMENT) “टाइम मैनेजमेंट” पुस्तक “डॉक्टर सुधीर दिक्षित” द्वारा लिखी गई एक बेहतरीन पुस्तक है जिसमें की लेखक ने समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के 30 सिद्धांत बताए हैं ।

हम सभी के पास 1 दिन में 24 घंटे ही होते हैं किसी के पास भी इससे ना ज्यादा होता है ना कम । हमारे जीवन की सफलता या असफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने 24 घंटे का उपयोग किस प्रकार से करते हैं

इस पुस्तक में दिए गए समय के प्रबंधन के 30 सिद्धांत को सीख कर और अपने जीवन में अपनाकर हम अपने जीवन को सार्थक सुखी संपन्न और सफल बना सकते हैं । तो चलिए देखते हैं डॉक्टर सुधीर दिक्षित द्वारा लिखी किताब (TIME MANAGEMENT)टाइम मैनेजमेंट” के 30 सर्वश्रेष्ठ सिद्धांत की समरी ।

Table of Contents

पहला सिद्धांत: समय की लॉग बुक रखें (keep a log book of time)

जब आप अपने दिन के 24 घंटे में से प्रत्येक घंटे का हिसाब किताब अपने लॉग बुक में रखने लगते हैं तो आपकी आंखें खुल जाएगी इससे आपको यह पता चलेगा कि आप किन-किन गतिविधियों में अपना समय खर्च कर रहे हैं

समय के प्रबंधन की पहली आवश्यकता यही है कि आप यह जान लें कि आप का समय कहां और कितना खर्च हो रहा है

अपने लॉग बुक का विश्लेषण करके यह पता लगाएं कि कौन सा कार्य महत्वपूर्ण है और कौन सा कार्य महत्वहीन

कोई भी नई चीज करने के लिए आपको कोई ना कोई पुरानी चीज छोड़नी होगी । कुछ पाने के लिए आपको उसकी कीमत चुकानी होगी ।

इसलिए आप अपने समय का एक लॉग बुक बनाएं और उसका विश्लेषण करके यह पता लगाएं कि कौन सी निरर्थक गतिविधियों को आप छोड़ सकते हैं या कम कर सकते हैं और उस समय का उपयोग महत्वपूर्ण कार्यों को करने में लगा सकते हैं

दूसरा सिद्धांत: आर्थिक लक्ष्य बनाएं ( Make your financial plan)

अगर आपके पास कोई लक्ष्य नहीं होगा तो आपकी सफलता संदिग्ध रहेगी । अगर आप यह नहीं जानते हैं कि आप कहां पहुंचना चाहते हैं तो आप कहीं भी नहीं पहुंच सकते ।

लक्ष्य जितना ज्यादा स्पष्ट होगा आपके सफल होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा होगी

आर्थिक लक्ष्य बनाकर और समय-समय पर उस में हुई प्रगति को जांच कर आप सही दिशा में चल सकते हैं । क्योंकि सफलता पाने के लिए आपका सही दिशा मे मेहनत करना बहुत जरूरी है ।

आपके आर्थिक विश्लेषण से यह पता चलता है कि आपका मेहनत सही दिशा में हो रहा है या नहीं क्योंकि इनपुट कभी भी महत्वपूर्ण नहीं होता है महत्वपूर्ण तो हमेशा आउटपुट होता है

तीसरा सिद्धांत: सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें (Do most important work first)

Read more about this in the book Eat that Frog

हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ इसलिए पूरा नहीं हो पाते हैं क्योंकि हम महत्वहीन कामों में ही उलझे रहते हैं

और जीवन में सफलता महत्वहीन कामों से नहीं बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है इसलिए हमेशा महत्वपूर्ण कामों को पहले करना चाहिए इसके लिए हमें अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट रखना चाहिए ।

जीवन में अधिकांश बड़े लक्ष्य हासिल नहीं हो पाने का कारण यही है कि हम छोटी-छोटी चीजों को पहले करने में अपना समय बर्बाद कर लेते हैं

चौथा सिद्धांत: यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें (Make maximum use of travel time)

हर व्यक्ति के दैनिक जीवन में यात्रा का समय अवश्य ही जुड़ा रहता है और अगर हम समय का सही सदुपयोग करना चाहते हैं तो हमें अपने यात्रा के समय का सही सदुपयोग अवश्य ही करना चाहिए ।

यात्रा के समय कोई पुस्तक पढ़ कर या ऑडियो बुक्स सुनकर या रिकॉर्डेड वीडियो क्लासेस करके, या छोटा-मोटा कोई अन्य कार्य करके हम इस समय का सदुपयोग कर सकते हैं ।

कभी-कभी हमें मजबूरी में बिना इच्छा के भी सवारी के लिए अथवा अन्य चीजों के लिए इंतजार करना पड़ता है ऐसे समय में अगर हमारे पास छोटे-मोटे कामों की लिस्ट हो तो हम अपने इंतजार के समय का सही से सदुपयोग कर सकते हैं ।

पांचवा सिद्धांत: काम को डेलीगेट करना या सौंपना सीखें (Learn to delegate your work)

अगर आप अपने जीवन में बहुत आगे जाना चाहते हैं तो आपको अपने कुछ कामों को  दूसरों को सौंपना सीखना पड़ेगा क्योंकि कोई भी इंसान अकेले ही सब कुछ नहीं कर सकता है । 

किसी भी व्यक्ति को काम सौंपने से पहले आपको बस इतना करना है कि काम उसी व्यक्ति को  सौंपे जिसमें उस काम को करने की क्षमता भी हो और इच्छा भी हो ।

किसी भी काम को सौंपने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है । पहला यह पता लगाना कि हम कौन से काम दूसरों से करवा सकते हैं और दूसरा कोई भी काम हम किस से करवा सकते हैं ।

आपको बस अत्यंत गोपनीय या महत्वपूर्ण कार्य दूसरों को नहीं सौंपना चाहिए उसे स्वयं से करना चाहिए ।

छठा सिद्धांत: पैरेटो के 20/80 के नियम को जानिए (Use Pareto’s 20/80 principle of time management)

पैरेटो के सिद्धांत के अनुसार हमारी 20% प्राथमिकताएं ही हमें 80% परिणाम देती हैं । इसलिए हमें अपने शीर्ष के 20% प्राथमिकताओं पर ही अपना सर्वाधिक समय ऊर्जा धन और लोग लगाना चाहिए ।

पैरेटो का नियम हमें परफेक्शन के प्रति भी सावधान करता है । यह नियम बताता है कि हम अपना 80% काम केवल 20% समय में पूरा कर सकते हैं और बाकी बचे हुए 20% काम में हम अपना 80% समय बर्बाद करते हैं ।

अधिकांशत: परफेक्शन के चक्कर में ही हमारा 80% समय बर्बाद हो जाता है और हम अपना महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाते हैं ।

अगर आप कड़ी मेहनत के बाद भी सफल नहीं हो पा रहे हैं तो पैरिटो के सिद्धांत को अपना कर देखिए

सामान्य रूप से हम अपना समय छोटे-छोटे कामों में खर्च कर लेते हैं और फिर बड़े कामों के लिए हमारे पास समय ही नहीं बचता है । परंतु यदि आप पैरिटो का सिद्धांत को याद रखेंगे और अपनाएंगे तो आप हमेशा पहले बड़े कामों को प्राथमिकता देंगे और सफलता हासिल कर लेंगे ।

सातवां सिद्धांत: पार्किंसन के नियम का फायदा उठाएं (Use the Parkinson’s law of time management)

पार्किंसंस का नियम कहता है कि हमारा काम उतना ही फैलता है जितना कि इसके लिए समय उपलब्ध होता है

इसका अर्थ है कि अगर हमारे पास किसी काम को करने के लिए बहुत कम समय है तो वह काम उसी समय में पूर्ण हो जाएगा । इसके विपरीत यदि उसी कार्य को करने के लिए हमारे पास बहुत ज्यादा समय है तो भी वह काम जल्दी पूरा नहीं होगा बल्कि जितना समय है उसके अंत में खत्म होगा ।

अर्थात काम समय की उपलब्धता के अनुसार फैलता और सिकुड़ता है

इसलिए पार्किंसंस के नियम का फायदा उठाइए । बड़े लक्ष्य बनाइए और जितना समय आपके पास उपलब्ध है उसी में आप उसे हासिल कर लेंगे ।

आठवां सिद्धांत: अपने प्राइम टाइम में काम करें (Always work in your prime time)

हम सभी प्रतिदिन किसी खास समय सबसे ज्यादा ऊर्जा विचार शक्ति उत्साह और कार्यक्षमता महसूस करते हैं यही समय हमारा प्राइम टाइम होता है ।

हर व्यक्ति का प्राइम टाइम अलग होता है कुछ लोगों के लिए यह सुबह का समय हो सकता है जबकि कुछ लोगों के लिए रात ।

सफल होने के लिए आपको अपना प्राइमटाइम पहचानना आवश्यक है ताकि इस समय में आप अपना सबसे महत्वपूर्ण या रचनात्मक काम संपन्न कर सकें ।

अपने प्राइम टाइम में छोटे-मोटे काम करके उसको बर्बाद ना करें क्योंकि आप छोटे-मोटे काम तो किसी भी समय कर सकते हैं । अपने प्राइम टाइम में केवल सबसे महत्वपूर्ण और आवश्यक कार्य पूरा करें ।

अगर सुबह का वक्त आपका प्राइम टाइम है तो आप काफी सौभाग्यशाली हैं क्योंकि दोपहर में एक झपकी ले लेने के बाद आप दिन में दो सुबह हैं प्राप्त कर सकते हैं और काफी महत्वपूर्ण कार्यों को निपटा सकते हैं ।

प्राइम टाइम में काम करना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि किसी भी काम को करने में समय की मात्रा उतनी महत्वपूर्ण नहीं होती है जितने की समय की गुणवत्ता ।

नौवां सिद्धांत: खुद को व्यवस्थित रखें (Organized yourself for better time management)

अव्यवस्थित जीवन हमारे सामने बहुत सारी परेशानियां पैदा करता है और इसी कारण से ना चाहते हुए भी हमारा बहुत सारा समय बर्बाद होता है । सबसे दुखद बात यह है कि इसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं ।

इसलिए समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के लिए खुद को व्यवस्थित रखें

अव्यवस्था का सबसे सामान्य उदाहरण है कोई कागज या फाइल का नहीं मिल पाना । हम लोग खुद ही आलस या जल्दबाजी के कारण किसी भी चीज को सही जगह पर नहीं रखते और फिर ऑफिस हो या घर हम उसे ढूंढने में परेशान हो जाते हैं ।अंत में वह चीज हमें ऐसी जगह पर मिलती है जहां पर उसे रखा नहीं जाना चाहिए था ।

बीमारी भी अव्यवस्था का ही एक रूप है जो कि  असंतुलित भोजन , अनियमित नींद , चिंता , तनाव और हानिकारक आदतों की वजह से शुरू होती है |

अगर हमारी दिनचर्या व्यवस्थित हो जाती है तो इससे हमारा जीवन भी व्यवस्थित हो जाएगा और जब जीवन व्यवस्थित होगा तो हम सहज ही अपना सर्वश्रेष्ठ कार्य कर सकेंगे और समय का भी सर्वश्रेष्ठ सदुपयोग हो पाएगा ।

दसवां सिद्धांत: टाइम टेबल बनाइए (Make time table)

पैसे के सही उपयोग के लिए जिस प्रकार हम बजट बनाते हैं उसी तरह से समय के सही उपयोग के लिए टाइम टेबल बनाना आवश्यक है ।

टाइम टेबल 2 तरीके का होता है पहला है पूर्ण टाइम टेबल और दूसरा है संक्षिप्त टाइम टेबल

पूर्ण टाइम टेबल में हम सुबह से लेकर रात के सोने तक का पूरे दिन की योजना बनाते हैं । इसके विपरीत संक्षिप्त टाइम टेबल में हम केवल अपने कामकाज या बिजनेस के घंटों की योजना बनाकर काम करते हैं ।

यदि आपके पास बहुत सारा काम है तो आप टाइम टेबल बनाकर पूरे सप्ताह  मे 2 से 4 घंटे की बचत कर सकते हैं ।

11वां सिद्धांत: कार्य करने में जुट जाइए (Start the work immediately)

अगर आप कार्य नहीं करेंगे तो बेहतरीन  लक्ष्य और सर्वश्रेष्ठ योजना होने के बाद भी असफल ही रहेंगे । इसलिए यह आवश्यक है कि अपना लक्ष्य तय करने के बाद योजना बनाकर लगातार कार्य में जुटे रहे । कार्य करने से ही आप अपना लक्ष्य हासिल कर पाएंगे केवल योजना बनाने से नहीं ।

हम लोग बड़े लक्ष्य और अच्छी योजनाओं के बाद भी काम से जी चुराते रहते हैं काम को टालते रहते हैं कोई ना कोई बहाना बनाते रहते हैं कभी मूड ना होने का तो कभी संसाधन ना होने का ।

इसका कारण है कि मनुष्य स्वभाव से ही आलसी होता है और हमेशा आराम और मनोरंजन ढूंढता रहता है ।

इसलिए अगर आप सफल होना चाहते हैं और कोई भी काम शुरू करना चाहते हैं तो कभी भी अपने मूड से सलाह ना लें । हमेशा अपने लक्ष्य और योजना के अनुसार चलें ।

आज आप जैसा कर्म का बीज अपने जीवन में बोएंगे उसी की फसल आप भविष्य में काटेंगे ।

इसलिए यदि आप सफलता पाना चाहते हैं तो कार्य करने में जुट जाइए और तब तक जुटे रहिए जब तक की सफलता आपको मिल ना जाए ।

बारहवां सिद्धांत: अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाइए (Increase your personal power)

अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने का मतलब है कि आप नियत समय में पहले की तुलना में ज्यादा से ज्यादा काम संपन्न कर पाए ।

कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए आपने अपने लिए जो भी क्षेत्र चुना है उसमें लगातार सीखना होगा,नई नई चीजों को अपनाना होगा ताकि आप हमेशा अपने क्षेत्र में आगे रह सके ।

अपने चुने हुए क्षेत्र में कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए आपको अपने क्षेत्र के एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए,सेमिनार ओं में भाग लेना चाहिए और अपने क्षेत्र में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ किताबों को पढ़ना चाहिए ।

अपने कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए इच्छाशक्ति होना बहुत आवश्यक है । इसके साथ ही आपको हमेशा यह मानने के लिए तैयार रहना होगा कि आप वर्तमान में जो हैं उससे बेहतर हो सकते हैं उससे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ कार्य कर सकते हैं ।

अगर आप अपनी तुलना दूसरों से खास तौर पर अपने से कम सक्षम लोगों से करते हैं तो आप कभी भी अपनी कार्यक्षमता को नहीं बढ़ा सकते हैं । अगर आपको तुलना करना ही है तो अपने से ज्यादा सक्षम लोगों से करिए या सबसे बेहतर तो अपनी तुलना खुद से ही करने में है ।

आपका कल जैसा भी प्रदर्शन रहा हो आप आज उससे बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश कीजिए । खुद में निरंतर विस्तार और विकास करते रहिए यही किसी भी क्षेत्र में सफल होने का रहस्य है ।

तेरहवां सिद्धांत: डेडलाइन तय करिए (Make deadline for finishing the work)

डेडलाइन का अर्थ है आखरी समय सीमा । जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए यह आवश्यक है कि आप अपने कार्यों के लिए एक डेडलाइन तय करें यह सोचे कि किसी भी काम को कितने समय में समाप्त किया जा सकता है और फिर उस काम को पूरा करने की आखिरी तारीख तय कर दें ।

डेडलाइन बनाना है एक ऐसी आदत है जिसको अपना कर आप अपने जीवन के हर क्षेत्र में तेजी से तरक्की की ओर बढ़ सकते हैं ।

डेडलाइन तय करने के कारण कार्य क्षमता 3 वजह से बढ़ती है । पहली बात कि आपको एक स्पष्ट लक्ष्य मिल जाता है । दूसरी बात आपको उसे पूरा करने के लिए योजना बनाना होता है और अनुशासित करना होता है ।  और तीसरी बात कि आप अपने दिमाग को उसे कार्य पर केंद्रित रखते हैं ।

डेडलाइन को हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं । मान लेते हैं कि आप 5 मिनट में 1 किलोमीटर की दौड़ लगा रहे हैं अब यही अगर आपके पीछे खूंखार कुत्ता छोड़ दिया जाए तो आप निश्चित रूप से 1 किलोमीटर की दौड़ 5 मिनट से काफी कम समय में लगा लेंगे ।

डेडलाइन भी ऐसे ही एक खूंखार कुत्ते की तरह है जो तेजी से आपसे काम करवा लेता है ।

14 वा सिद्धांत: समय खरीदना सीखिए (Learn to Buy time)

जिस व्यक्ति का समय जितना ही अधिक कीमती होता है वह उसे बचाने के लिए उतने ही ज्यादा पैसे खर्च करने के लिए तैयार रहता है । यदि आप समय के बजाय पैसों को बचाने में ज्यादा प्रयास करते हैं तो इसका मतलब है कि आप अपने समय का ज्यादा महत्व नहीं देते हैं ।

यदि आपका समय कीमती है तो आप दूसरों का समय खरीद सकते हैं । बड़े कंपनियों के मालिक यही काम तो करते हैं । तनख्वाह पर अपने कर्मचारियों को रखकर उनसे मनचाहा काम करवाते हैं । ऐसे ही समय को खरीदना कहते हैं ।

आप के समय का प्रति घंटा मूल्य जो भी हो यदि किसी कार्य को करने में आपको एक घंटा लग जाता है और वह कार्य आपके लिए कोई आपके प्रति घंटा मूल्य से कम पैसों में कर देता है तो आपको वह कार्यदूसरे व्यक्ति से पैसे देकर करवा लेना चाहिए ।

आत्म निर्भर लोगों को समय खरीदने में बड़ी दिक्कत आती है क्योंकि वह हर काम को खुद ही करना चाहते हैं और इसी चक्कर में वह छोटे-छोटे कामों में अपना कीमती समय बर्बाद कर देते हैं ।

इसलिए अपने समय का बेहतरीन उपयोग करने के लिए समय खरीदना सीखिए ।

15 वा: सिद्धांत भविष्य के फायदा के लिए वर्तमान में त्याग करिए (Sacrifice instant gratification for future gains)

हम सभी के पास समय को खर्च करने का विकल्प होता है । हम चाहे तो इसका सदुपयोग कर सकते हैं और चाहे तो इसका दुरुपयोग भी कर सकते हैं ।

जो भी व्यक्ति सफल हुए हैं उन्होंने भविष्य में लाभ के लिए अपने वर्तमान के समय का निवेश किया है । अगर हम भी चाहे तो वर्तमान में अधिक से अधिक काम करके अपने बेहतर भविष्य के लिए समय का निवेश कर सकते हैं । 

हम लोगों की मूल समस्या समय की कमी नहीं है बल्कि प्राथमिकताएं तय करने की है । हमें पता ही नहीं होता है कि हमने वे काम कर दिए जो हमें नहीं करने चाहिए थे और जो काम हमें करने चाहिए थे वह तो हमने किया ही नहीं ।

इसलिए वर्तमान में क्षणिक सुख में उलझ कर अपना समय बर्बाद नहीं करें । आपका भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आप वर्तमान में कौन सा विकल्प चुनते हैं: क्षणिक सुख पाने का या भविष्य के लिए त्याग करने का ।

16 वा सिद्धांत: निश्चित समय पर कार्य कीजिए (Work on fixed time)

निश्चित समय पर पहले से निर्धारित किए गए काम करने से हमें उसकी आदत पड़ जाती है और इससे हमारा शरीर और मन दोनों ही उस समय में उस काम को करने के लिए हमेशा तैयार रहता है ।

इसलिए आप अपने प्रत्येक महत्वपूर्ण कार्य का समय निश्चित करके उसी समय पर करें इससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से उस काम को करने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाते हैं ।

उदाहरण के लिए अगर आप प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे घूमने जाते हैं तो आप इसी समय पर प्रतिदिन घूमने जाइए । इससे आपको आलस काम आएगा और आप मानसिक और शारीरिक रूप से पहले से ही तैयार रहेंगे ।

17 वा सिद्धांत: समय की बर्बादी का गुरुत्वाकर्षण नियम को जानिए (Know the gravitation law of time killing)

इसका मतलब है कि जैसे ही आप कोई भी महत्वपूर्ण काम शुरू करते हैं आपके सामने तरह-तरह के रुकावटें और बाधाएं सामने आने लगती है । इसे ही समय की बर्बादी का गुरुत्वाकर्षण नियम कहते हैं । आपको उसके प्रति सतर्क रहना चाहिए ।

इस दुनिया में लोग दूसरों की तरक्की देखकर हमेशा से जलते आए हैं । दूसरों के काम में अड़ंगा लगाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं । आपके आसपास के लोग और रिश्तेदार भी हमेशा आपके काम में बाधा डालने की पूरी कोशिश करते हैं ।

इससे बचने का एक ही उपाय है कि आप अपना मुंह बंद रखें । किसी को भी आप यह ना बताएं कि आप क्या कर रहे हैं । अगर आप अपनी योजनाएं दूसरों को बताएंगे तो आप अवश्य ही उस काम को करने में विफल हो जाएंगे क्योंकि फिर अनावश्यक बाधाएं चारों तरफ से आपके कार्य को पूरा होने नहीं देगा ।

हर अच्छे काम को करने में बाधाएं आती है इसलिए उनसे निपटने के लिए पहले से ही योजना बनाकर रखें । लोगों से विनम्रता से लेकिन दृढ़ता से ना कहना सीखें ।

18वां सिद्धांत: न्यूटन के गति के पहले नियम का लाभ उठाएं (Take benefits of newtons first law)

न्यूटन की गति का पहला नियम यह कहता है कि कोई भी चीज अपनी अवस्था को तब तक नहीं बदलता जब तक इस पर कोई बाहरी बल ना लगाया जाए । यही बात कार्य के संबंध में हम इंसानों पर भी लागू होता है ।

 हम कोई कार्य तब तक नहीं करते हैं जब तक कि हम पर उस कार्य को करने का दबाव ना बन जाए और यह दबाव बाहरी भी हो सकता है और भीतरी भी । हमारे अंदर से कार्य करने की जो प्रेरणा और दबाव पैदा होती है उसे ही हम आत्मानुशासन या स्वप्रेरणा कहते हैं ।

आप निष्क्रिय अवस्था से आत्मानुशासन का प्रयोग करके अपने ऊपर दबाव बनाकर सक्रिय अवस्था में आ सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं ।

आपको अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनुशासन में रहने की और मेहनत करने की पूरी जिम्मेदारी आपकी अपनी है । इसलिए न्यूटन के गति के पहले नियम का लाभ उठाइए । इसके अनुसार एक बार जवाब सफलता की राह पर चल देंगे तो आप तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि कोई बाहरी बल आप को रोक ना दे ।

एक कहावत भी है कोई भी दूरी बड़ी नहीं है मुश्किल काम तो सिर्फ पहला कदम उठाना होता है ।

उन्नीसवां सिद्धांत: यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने कितने समय काम किया महत्वपूर्ण तो केवल परिणाम है (Only results matters)

इस दुनिया में या महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने कितने समय काम किया बल्कि महत्वपूर्ण तो आपके कार्य का केवल परिणाम होता है।

इसलिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किसी काम को करने में कितना समय लगाया फर्क तो केवल इस बात से पड़ता है कि आप आवश्यक परिणाम दे पाए कि नहीं ।

इसलिए काम के घंटे ना गिने बल्कि अपना पूरा ध्यान अपेक्षित परिणाम पाने पर केंद्रित करें ।

क्योंकि लोग यह बात भूल जाते हैं कि आपने कोई काम कितनी तेजी से या कितने लंबे समय तक किया है लोग तो हमेशा यह याद रखते हैं कि आप उस काम को कितनी अच्छी तरह से किया है ।

बीसवां सिद्धांत: तय करें कि कौन सा काम कब करना है (Decide the priorities of work for time management)

हमारे पास हर काम करने के लिए कभी भी पर्याप्त समय नहीं होता है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण काम करने के लिए हमेशा पर्याप्त समय  होता है ।

टाइम मैनेजमेंट का मतलब यही है कि आप यह निर्णय कर लें कि आप महत्वपूर्ण काम कब करेंगे और गैर महत्व के काम या छोटे-मोटे काम कब पूरा करेंगे ।

उदाहरण के लिए अगर आप सुबह-सुबह टीवी देखने बैठ जाएं या फोन पर अपने दोस्तों से गपशप करने में लग जाएं या इंटरनेट सर्फिंग करने लगे तो आप अपने महत्वपूर्ण काम को पूरे दिन में कभी भी नहीं कर पाएंगे ।सुबह का कीमती समय आप फालतू काम को करने में बर्बाद ना करें ।

आप महत्वहीन काम दूसरों से भी करवा सकते हैं और समय खरीद सकते हैं या अपने कामों को आप डेली गेट भी कर सकते हैं ।

21वां सिद्धांत: सुबह जल्दी उठे (Wake up early for efficient time management)

एक कहावत है कि सुबह का पहला घंटा है आपके पूरे दिन के दिशा तय करती है

अगर आप सुबह देर से उठते हैं तो आपके पास दूसरे सभी कामों के लिए तो समय रहेगा लेकिन आपके पास खुद के लिए समय बिल्कुल भी नहीं बचेगा । 

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के लिए सुबह जल्दी उठे । सुबह के 1 घंटे में आप जितना अधिक काम निपटा लेते हैं उतना आप दोपहर में 3 घंटों में भी नहीं कर पाते हैं । 

अगर आप सुबह सूरज उगने से पहले उठ जाते हैं तो आपको ऑफिस जाने से पहले चार-पांच घंटे का समय मिल जाएगा । इस समय का उपयोग आप व्यायाम करने में कर सकते हैं ।  पूरे दिन की योजना बनाने में कर सकते हैं या अपने महत्वपूर्ण कामों को निपटाने में कर सकते हैं ।

22 वां सिद्धांत: एक घंटा व्यायाम करें (Exercise one hour everyday)

आपको प्रत्येक दिन अपने लिए एक घंटा समय निकालना चाहिए । आप दिन में 23 घंटा तो दूसरों के लिए ही काम करते हैं । कम से कम एक घंटा समय अपने लिए निकाल कर अपने शरीर और स्वास्थ्य का देखभाल करें ।

अपने शरीर की बदौलत ही आप अपने सारे काम कर पाते हैं ।  अगर यही स्वस्थ ना रहे तो आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे इस संसार का कोई भी आनंद नहीं ले पाएंगे ।

अगर आपका स्वास्थ्य अच्छा नहीं है और अगर आप अपने शरीर पर समय नहीं देते हैं तो फिर आप समय का प्रबंधन करके कुछ नहीं कर पाएंगे । क्योंकि कुछ भी करने के लिए आपके शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है । इसलिए प्रतिदिन एक घंटा अपने शरीर पर निवेश करिए व्यायाम करने में निवेश करिए ।

इस 1 घंटे में आप कोई भी कार्य कर सकते हैं जैसे आप टहल सकते हैं व्यायाम कर सकते हैं योगा क्लास जा सकते हैं जिम जा सकते हैं या अपने शरीर की मालिश करवा सकते हैं ।

यहां एक बात ध्यान देने योग्य है । केवल शरीर पर एक घंटा समय देना ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि इस एक घंटे समय में हमने क्या परिणाम हासिल किए ।  केवल एक घंटे पैदल चलना ही महत्वपूर्ण  नहीं है बल्कि एक घंटे में आप कितने किलोमीटर चले यह ज्यादा महत्वपूर्ण है ।

23 वां सिद्धांत: टीवी के संबंध में सावधान रहें (Be cautious while watching TV)

अगर आप समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना चाहते हैं तो अनावश्यक रूप से टीवी देखने में अपना समय बर्बाद ना करें ।

टीवी पर आप कुछ समय के लिए शैक्षिक कार्यक्रम या ज्ञानवर्धक कार्यक्रम तो देख सकते हैं लेकिन दिन भर टीवी देखकर अपना महत्वपूर्ण समय बेकार ना करें ।

24 वां सिद्धांत: मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करिए (Make judicial use of mobile phones)

मोबाइल आज के समय में हमारा सबसे बड़ा शत्रु है क्योंकि यह हमें महत्वहीन कामों में उलझा देता है जिसके कारण हम महत्वपूर्ण काम को कर ही नहीं पाते हैं ।

समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिए आप मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करें । केवल आवश्यक कॉल ही करें । मोबाइल का जहां तक संभव हो सके सीखने में और पढ़ाई में उपयोग करें । 

सोशल मीडिया पर अनावश्यक रूप से पूरे दिन अपना समय बर्बाद ना करें । रील्स देखने में एवं इंटरनेट या यूट्यूब पर रैंडम वीडियो देखने एवं सर्च करने में अपना समय बर्बाद बिल्कुल भी ना करें ।

जब भी आप मोबाइल उठाएं तो पहले यह निर्धारित कर ले कि आप किस उद्देश्य से मोबाइल का प्रयोग करने जा रहे हैं ? क्या आप कोई चीज जानना चाह रहे हैं या सीखना चाह रहे हैं ? फिर अपना वह उद्देश्य पूरा करके मोबाइल को वापस अपने से दूर रख दें अथवा अपने महत्वपूर्ण कार्यों में जुट जाएं ।

25 वां सिद्धांत: इंटरनेट पर समय बर्बाद ना करिए (Don’t let internet to kill your time)

आज के युग में इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है । लेकिन यही इंटरनेट अगर हमारे लिए वरदान है तो एक तरफ यह अभिशाप भी साबित हो सकता है ।

इंटरनेट के सदुपयोग से आप अपने जीवन में  असाधारण प्रगति और तरक्की कर सकते हैं परंतु इसके विपरीत यदि आपने इंटरनेट का दुरुपयोग किया और दिन भर इस के चक्कर में पड़कर फालतू समय बर्बाद किया तो फिर आप अपने जीवन में कोई भी महत्वपूर्ण कार्य पूरा नहीं कर पाएंगे ।

इसलिए इंटरनेट के प्रयोग में अत्यंत सावधान रहें और निरुद्देश्य इंटरनेट पर अपना समय बर्बाद ना करें ।

26 वां सिद्धांत: आलस से बचें (Don’t fall in the trap of laziness)

समय बचाने के लिए आपको हमेशा अलग से बच कर रहना चाहिए । आलस आने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें से एक अहम कारण है जरूरत से ज्यादा भोजन कर लेना ।

जव आप जरूरत से ज्यादा भोजन कर लेते हैं या तली भुनी चीज खा लेते हैं तो आपकी उर्जा में कमी आ जाती है और आपकी एकाग्रता भी बाधित होती है । फिर आप काम को टालना चाहते हैं और इसमें आलस करते हैं ।

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए आलस से बचें और इसके लिए आप अच्छा आहार ग्रहण करें ।

27  सिद्धांत: टालमटोल ना करिए (Avoid procrastination at all cost)

अक्सर हम लोग आज के काम को कल पर टाल देते हैं इसका कारण क्या होता है कि हमारा काम करने का मूड नहीं होता है लेकिन यहां समय प्रबंधन के दृष्टिकोण से बहुत ही खतरनाक है ।

जिस काम को हम आज के बजाय कल पर टालते हैं उससे हमारे ऊपर ही काम का बोझ बढ़ता है । इसलिए आज का काम आज ही निपटा लें ताकि आने वाले कल पर बोझ ना पड़े यदि संभव हो सके तो कल के भी कुछ काम आज ही निपटा लें ताकि कल आप  दबाव रहित होकर अपना काम कर सकें ।

टालमटोल करने का मुख्य वजह है लक्ष्य स्पष्ट नहीं होना या काम को पूरा करने की कोई समय सीमा नहीं होना ।

वजह चाहे जो भी हो आज से ही टालमटोल करना बंद कर दीजिए और अपने कामों को पूरा करने की आदत डालिए ।

28 वां सिद्धांत: अगले दिन की योजना बना कर अपने अवचेतन मन की शक्ति का लाभ लीजिए (Make plan for the next day)

अगर आप वास्तव में समय का प्रबंधन करना चाहते हैं तो आपको केवल अपने चेतन मन का ही नहीं बल्कि अवचेतन मन का भी इस्तेमाल करना सीखना होगा ।

अगर आप कल किए जाने वाले कार्य की योजना आज रात को ही बना लेते हैं तो इससे आपका  अवचेतन मन सक्रिय हो जाता है और आपको अपने कार्य को अच्छे से निपटाने के लिए नए-नए तरीके एवं प्रेरणा प्रदान करता है ।

इसलिए समय प्रबंधन का यह सर्वश्रेष्ठ नियम है जिसमें आप कल जो भी कार्य करना चाहते हैं उसकी सूची आज रात को ही तैयार कर ले |

29 वां सिद्धांत: बुरी लतों से बचें (Avoid bad habits)

शराब और सिगरेट या अन्य कोई भी बुरी चीजों की लत आपके शरीर के लिए तो खतरनाक है ही इसके साथ ही आपके समय के लिए भी बहुत ज्यादा खतरनाक है ।

जब आपको गलत चीजों की लत लग जाती है तो आप उन चीजों के जुगाड़ करने में ही सारे समय लगे रहते हैं और अपना पूरा दिन या समय उसी में बर्बाद कर देते हैं ।

शराब और सिगरेट की लत की तरह ही दूसरों की बुराई करने या इधर-उधर की बात करने की आदत भी समय प्रबंधन के लिहाज से बहुत खराब है क्योंकि इसमें आपका बहुत ही ज्यादा समय बर्बाद हो जाता है ।

बहस या लड़ाई करने की आदत से भी आपका बहुत सारा समय बर्बाद होता है और तनाव अलग से होता है इसलिए इन आदतों से बचिए ।

30 वा सिद्धांत: सापेक्षता के नियम को समझिए (Know the theory of relativity)

अगर किसी चीज से हमें लगाव हो तो उस चीज को करने में हमारा कितना भी घंटा गुजर जाए हमें पता नहीं चलता इसके विपरीत अगर हमें कोई बोरिंग काम दे दिया जाए तो हमें 1 घंटे का कार्य भी पहाड़ की तरह मालूम पड़ता है ।

जब हम अपना प्रिय और मनपसंद कार्य कर रहे होते हैं तो हमें अपने समय का बिल्कुल भी एहसास नहीं होता क्योंकि हम एक प्रकार के लय में होते हैं जिसे वैज्ञानिक फ्लो में रहना कहते हैं । इस समय हम जो भी काम करते हैं वह बेहतरीन होता है ।

इसलिए समय के बेहतरीन प्रबंधन करने के लिए आपको उन तरीकों को खोजना चाहिए जिनसे कि आप अपने काम को दिलचस्प बना सके और फ्लो में रह सके । इस प्रकार आप कम से कम समय में अधिकतम काम कर सकेंगे और वह भी बेहतरीन गुणवत्ता का ।


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