दोस्तो The Magic of Thinking Big किताब के लेखक David J Schwartz हैं। इस किताब में लेखक ने बताया है की किसी भी इंसान का जीवन कितना सफल या कितना भव्य होगा यह केवल उसके सोच पर ही निर्भर करता है। अगर आप अपने जीवन में बड़ा सोच रखेंगे तो आपकी जिंदगी आपकी सोच के अनुरूप ही बड़ी होगी , इसके विपरित यदि आप अपने जीवन में छोटी सोच रखेंगे तो आपकी जिंदगी भी छोटी और कठिन ही बनेगी। बड़ी सोच में सचमुच जादुई ताकत होती है।
आपकी सोच जितनी बड़ी होगी उतना ही बड़ा बैंक बैलेंस, घर, गाड़ी, और अन्य सुख सुविधाएं आपके पास होगी। The Magic of Thinking Big पुस्तक में लेखक ने इसी बड़ी सोच के जादू को विस्तार से समझाया है और उन उपायों को बताया है जिनको अपनाकर हम में से कोई भी अपनी जिंदगी को बेहतर और भव्य बना सकता है।
यदि हम अपने जीवन में अपनी सोच को बड़ा करके इतना सब कुछ हासिल कर सकते है तो फिर हम ऐसा क्यू नही करते? वो कौन सी चीजे है जो हमे आगे बढ़ने से रोकती है। इन्ही सब बातो का जवाब आपको इस पुस्तक के समरी में आज आपको बताया जायेगा। तो चलिए शुरू करते है The Magic of Thinking Big पुस्तक का चैप्टरवाइज Hindi Summary.
CHAPTER 1: BELIEVE YOU CAN SUCCEED AND YOU WILL
दोस्तो हर इंसान सफल होना चाहता है। हर इंसान जीवन के हर सुख की इच्छा रखता है। कोई भी इंसान मर मर कर , घिस घिस कर सामान्य जिंदगी नहीं जीना चाहता है ।
अगर आप विश्वास के शक्ति का प्रयोग करना चाहते हैं तो आपको इस तरह सोचना होगा – “मुझे विश्वास है कि मैं यह काम कर सकता हूं ” अगर आप इस तरह से सोचेंगे आप निश्चित रूप से उस काम को कर पाएंगे जो आप चाहते हैं । यह दृढ़ विश्वास ही हमें वह क्षमता और योग्यता प्रदान करता है जिसके सहारे हम अपने मन वांछित कार्यों को पूरा कर सकते हैं ।
दृढ़ विश्वास हमारे मस्तिष्क को प्रेरणा देता है । दृढ़ विश्वास हमें हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने के उपाय और तरीके सुझाता है । अगर आप विश्वास करते हैं कि आप सफल हो सकते हैं तो आप हो जाएंगे । विश्वास में अनंत शक्ति होती है ।
नकारात्मक विचार या अविश्वास जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। अगर आप किसी बात पर अविश्वास करते हो तो आपका मन उसी के अनुरूप आपको सोचने को मजबूर कर देगा और फिर उसी के अनुरूप आपको अपने जीवन में परिणाम भी मिलेंगे।
इसलिए जीवन में कभी भी छोटी सोच या नकारात्मक रवैया ना अपनाए। जो व्यक्ति खुद को अयोग्य समझता है उसे दुनिया भी अयोग्य ही समझती है फिर उसकी जिंदगी भी उसी विचार के अनुरूप औसत और साधारण होती है। अगर हम खुद को कमजोर आकते रहेंगे तो हम कमजोर ही बने रहेंगे।
मनुष्य का जैसा विचार या सोच होता है वह वैसा ही बन जाता है। इसलिए जीवन में हमेशा बड़ी सोच रखें। अगर आपको यकीन हो जाए की आप महान हैं तो आप सच में महान हो जायेंगे।
हमारा दिमाग एक फैक्ट्री की तरह है जिसमें हर पल दो तरह के नए विचारों का उत्पादन चलता रहता है। एक तो सकारात्मक विचार है तो दूसरा नकारात्मक विचार है। हमारे पास कोई भी काम आए तो उसे दिमाग के सकारात्मक विचार को ही करने के लिए दे देना चाहिए। यही विचार आपको सफल बनाएगा। चुनाव करने की आपको स्वतंत्रता है। कभी भी नकारात्मक विचार का चुनाव न करें।
विश्वास की शक्ति को कैसे विकसित करें
- हमेशा सफलता के बारे में ही सोचें। कभी भी असफलता के बारे में मन में विचार न लाएं। अपने मन में यह विचार हावी कर दें की ” मैं सफल होकर दिखाऊंगा” । मैं सफल होने के लिए ही पैदा लिया हूं।
- खुद को बार बार यह याद दिलाएं की आप अपनी सोच से भी ज्यादा बेहतर हैं। जो लोग खुद पर विश्वास करते है वही लोग सफल हो पाते है।
- अपने सोच का दायरा बड़ा करें। छोटी सोच को नकार दें। आपके लक्ष्य जितने बड़े होंगे आपकी उपलब्धियां भी उतनी ही बड़ी होगी।
CHAPTER 2: CURE YOURSELF OF EXCUSITIS, THE FAILURE DISEASE
असफल लोगों के दिमाग में एक बहुत बड़ी बीमारी होती है जिसका नाम है बहानेबाजी की बीमारी। बहानेबाजी का मतलब है कि किसी भी काम की जिम्मेदारी नहीं लेना और अपने हर काम में बहाना बनाना।
बहानेबाजी की बीमारी भी एक मानसिक रोग है जो आपको कभी भी सफल नहीं होने देता। यह बीमारी आपको जीवन में हमेशा असफलता की राह पर ही ले जाता है। जो व्यक्ति जीवन में जितना कम बहाने बनाता है वो उतना ही अधिक सफल होता है।
बहानेबाजी की बीमारी जब इंसान एक बार चुन लेता है फिर वो जीवन भर इस बीमारी से जकड़ा रहता है। ऐसे लोगो के पास जीवन की हर परिस्थिति के लिए बहाने उपलब्ध रहता है की वह जीवन में क्यों नहीं आगे बढ़ पा रहा है।
बहानेबाजी की बीमारी के चार सबसे प्रमुख रूप ये है:
सेहत का बहाना:
बहुत से लोग इसी बहानेबाजी से पीड़ित रहते है। वे अपनी सेहत को अपनी हर कमजोरी और असफलता का जिम्मेदार ठहरा देते है।
हमें यह समझना चाहिए कि इस दुनिया में पूरी तरह स्वस्थ कोई नही है। हर इंसान के साथ कोई न कोई सेहत की समस्या लगी ही रहती है। परंतु जो लोग सफलता चाहते है वो कभी भी सेहत खराब होने का बहाना नहीं बनाते है।
बीमारी की फालतू चिंता नहीं करनी चाहिए। हमे जिंदादिली से अपनी जिंदगी जीनी चाहिए। जो भी होना होगा वो होगा ही, हमे उसके लिए चिंता कर कर के खुद को और ज्यादा परेशानी में नही डालना चाहिए।
बिना मतलब का किसी के भी सामने अपनी सेहत या बीमारी की बात न करें। आप किसी बीमारी की जितनी अधिक बात करते है वह उतनी ही ज्यादा बढ़ता है। इस से सामने वाला भी बोर हो जाता है।
आपकी सेहत जैसी भी है उसके लिए कृतज्ञ बनिए। इस से आपकी सेहत दिन ब दिन बेहतर होती जायेगी।
एक कहावत भी है की जंग लगने से बेहतर है घिस जाना। इसलिए आपको जैसा भी जीवन मिला है , उसका भरपूर आनंद लीजिए। बेकार के फालतू चिंता में अपना जीवन व्यर्थ न करिए।
बुद्धि का बहाना:
बहुत से लोग हमेशा इस बात का रोना रोते रहते है की उनके पास उतनी बुद्धि नही है जितनी सफलता के लिए आवश्यक है। ऐसे लोग चुपचाप मन ही मन में दुखी रहते हैं।
इस बुद्धि से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है हमारा एटीट्यूड या नजरिया । हमारा एटीट्यूड ही हमारे बुद्धि को दिशा देता है। अगर नजरिया सही हो तो हम हर काम में सफल हो सकते है और अगर हमारा नजरिया ही ठीक न हो तो हमारे पास कितनी भी बुद्धि हो वो हमे सही दिशा नही दिखा पाता है।
कभी भी खुद की बुद्धि को कम ना आंके, और न ही दूसरो की बुद्धि को ज्यादा। आपमें कितनी भी बुद्धि हो महत्व केवल इस बात का है की आप उसका इस्तेमाल किस तरह करते हैं।
उम्र का बहाना:
उम्र का बहाना भी असफलता की राह में एक महत्वपूर्ण बीमारी है। बहुत से लोग अपनी असफलता का दोष अपने उम्र पर मढ देते हैं।
मेरी उम्र ज्यादा हो गई या अब मेरी उम्र इस काम के लिए नही रही इस प्रकार का उम्र का बहाना बनाकर लोग अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी लेने से बचते रहते हैं।
कोई भी उम्र बड़ा या छोटा नही होता । आप कभी भी , किसी भी उम्र में कोई काम शुरू कर सकते है और सफल हो सकते है। इतिहास ऐसे ढेरो उदाहरण से भरा पड़ा है।
अपनी वर्तमान उम्र के बारे में सकारात्मक सोच बनाकर रखें। नए नए सपने देखें और नए नए लक्ष्य बनाएं। आपकी सोच ही आपके जीवन की दिशा तय करती है।
किस्मत का बहाना:
बहुत से लोग जो असफल है अपने जीवन में किसी भी काम को करने में वो जीवन भर किस्मत का रोना रोते रहते हैं। वो जिंदगी भर अपनी असफलता के लिए किस्मत को कोसते रहते हैं।
किस्मत खराब होने का बहाना बनाने से दुनिया नही चलती है। अपनी योग्यता को निखारिए, अपने नजरिए को ठीक करिए, किस्मत अपने आप बदलने लगेगी।
CHAPTER 3: BUILD CONFIDENCE AND DESTROY FEAR
डर एक ऐसी भावना है जो लोगो को वो काम करने से रोकता है जो उन्हें करना चाहिए।
जब हम किसी काम को करने में दुविधा की स्थिति में रहते हैं या हम निर्णय नहीं ले पाते या काम को टालते रहते हैं तो हमारा डर और भी बढ़ जाता है और हमे काम को पूरा नहीं करने देता है।
डर हमे तभी तक रोक कर रखता है जबतक की हम कर्म नहीं करते हैं। एक बार जब हम जिस काम से डर लग रहा है वो शुरू कर देते है फिर हमारा डर भी खत्म हो जाता है।
डर वाले काम को कर डालिए फिर आपका डर दूर हो जाएगा। जब भी जीवन में आपको किसी चीज से डर लगे तो खुद से यही पूछिए की किस काम को करने से मेरा यह डर दूर हो जाएगा और फिर तुरंत उस काम को करके अपने डर को जीत लीजिए।
डर के कुछ सामान्य रूप और उनको दूर करने का उपाय यहां दिया जा रहा है:
लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे का डर:
आपको जो करना है वो आप करिए। लोगो का काम है कहना तो वो कहेंगे ही। अगर आपकी आलोचना हो रही है तो समझिए की आप सही काम कर रहे हैं। बिना आलोचना के कोई भी बड़ा काम पूरा नहीं होता।
नियंत्रण से बाहर की चीजों का डर:
जो चीज अपने नियंत्रण में नहीं है उन पर से अपना ध्यान हटा लें। अपना ध्यान उन चीजों पर लगाएं जिनको आप नियंत्रित कर सकते हैं।
रंग रूप का डर:
अपने में आत्मविश्वास जगाएं। अच्छे कपड़े पहनें। अच्छे से तैयार होए। अपना अच्छे से ध्यान रखें। अपने आप से पहले प्यार करें। अपने बारे में हमेशा अच्छा ही सोचें।
परीक्षा का डर:
टेंशन न लें। अपना सारा समय पढ़ने लिखने में लगाएं। अपनी कमियों को पहचानकर उनको दूर करें।
डर का इलाज करने और आत्मविश्वास हासिल करने के अन्य उपाय:
डर के कारण का पता लगाएं और फिर उस काम को कर डालें जिस से आपको डर लग रहा है। आपका डर खत्म हो जायेगा।
अपने दिमाग में केवल सकारात्मक विचार ही आने दें। नकारात्मक और भय वाले विचारों को अपने दिमाग में जगह ही न दें।
डर को भगाने के लिए आप ये कुछ अभ्यास कर सकते है:
हमेशा मुस्कराने की आदत डालें
तेज़ चाल से चलना शुरू करें
लोगों से नज़रे मिलाकर बात करें
हमेशा आगे की लाइन में बैठने की कोशिश करें
बोलने का अभ्यास करें
CHAPTER 4: HOW TO THINK BIG, The Magic of Thinking Big.
हमारे आसपास अधिकांश लोगों की सोच बहुत ही छोटी होती है वह कोई भी बड़ा काम करने के बारे में सोचते ही नहीं जबकि सच्चाई यह है की हर बड़े काम को करने में कम कंपटीशन है ।
लोगों की सोच के अनुसार है उनकी सफलता तय होती है । इसलिए अपनी सोच को संकुचित मत कीजिए । आप अपने आसपास की चीजों को उस रूप में देखिए जिस रूप में उन्हें होना चाहिए ना कि जिस रूप में वह अभी है ।
एक बड़ा सोच वाला आदमी हमेशा यह कल्पना करता है कि भविष्य में क्या हो सकता है वह वर्तमान की परिस्थितियों में उलझ कर नहीं रहता है । अगर आप सोचते हैं कि मैंने तो अपना काम कर लिया अब मुझे दूसरों से कोई मतलब नहीं है तो यह सोच बहुत ही छोटी और नकारात्मक सोच है हमेशा एक टीम की तरह सोचिए लोगों को साथ में लेकर चलिए ।
लोगों की छोटी सोच के पीछे एक प्रमुख कारण यह है कि वह कभी भी स्वयं के क्षमताओं की सही से आकलन ही नहीं करते हैं । बड़ी सोच विकसित करने के लिए और अपनी क्षमताओं का सही से आकलन करने के लिए आप यह कदम उठाइए:
1 अपनी पांच प्रमुख विशेषताओं और गुणों को पहचानिए | यह कुछ भी हो सकता है जैसे कि आपकी शिक्षा आपका अनुभव आपका तकनीकी ज्ञान आपका एटीट्यूड आपकी वेशभूषा इत्यादि
2. अब आप अपनी हर एक विशेषता के नीचे उस एक व्यक्ति का नाम लिखिए जिसमें यह गुण आप से कम है परंतु जिसने जीवन में आपसे ज्यादा सफलता प्राप्त की है ।
3. यह अभ्यास करने के बाद अब तो आप समझ ही गए होंगे की आप प्रत्येक सफल व्यक्ति से किसी न किसी गुण में आगे हैं । इसीलिए कभी भी अपने आप को छोटा ना मानो अपनी सोच छोटी ना करें अपने आप को कम तर ना समझें ।
आप अपनी सोच को बड़ा करने के लिए नीचे लिखे उपाय भी आजमा सकते हैं:
- हमेशा बड़ी सोच वाले शब्दों का ही प्रयोग करिए । अपनी बोली में ऐसे शब्दों का प्रयोग करिए जिससे खुशी उत्साह आत्मविश्वास और बल का आभास होता हो ।
- चीजें जैसी है उसको उस रूप में मत देखिए । चीजें कैसी हो सकती है उस रूप में कल्पना कीजिए । हर एक काम में जो आप करते हैं वैल्यू ऐड करना शुरू कीजिए
- आप जो भी करते हैं उस काम की तारीफ करें उस काम के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें जब आप ऐसा करेंगे तो आपके काम के प्रति आपका नजरिया बिल्कुल बदल जाएगा ।
- छोटी-छोटी चीजों में अपना समय मत बर्बाद कीजिए । बेवजह के विवाद और फसाद मत कीजिए । जब भी ऐसे मौके आए तो अपने आप से पूछिए कि क्या यह वाकई महत्वपूर्ण है ।
सकारात्मक शब्दावली विकसित करने के लिए यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं:
- जब भी आपसे कोई पूछे कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं तो आप ऊर्जावान सकारात्मक और अच्छे शब्दों का चयन करके ही जवाब दें जैसे कि मैं शानदार हूं मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं ।
- जब भी आपसे कोई किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में कुछ पूछे तो उनके बारे में भी सकारात्मक और ऊर्जावान शब्दों का ही प्रयोग कर जवाब दें ।
- किसी भी व्यक्ति से बात करते समय पॉजिटिव लैंग्वेज का प्रयोग करें । लोगों को उनके काम के बदले शाबाशी दे, उनकी तारीफ करें ।
- दूसरों को कोई भी प्लान बताते वक्त पॉजिटिव शब्दों का ही प्रयोग करें हमेशा अच्छी बातें ही फैलाए हमेशा जीत की बात ही करें ।
Chapter 5: How to think and dream Creatively
क्रिएटिव थिंकिंग का अर्थ है किसी भी काम को करने के बेहतर और नए तरीके को ढूंढना । जब आप सोचते हैं कि कोई काम और संभव है तो आपका दिमाग आपके इस सोच को सही साबित करने में जुट जाता है इसके विपरीत जब आप सोचते हैं कि किसी काम को किया जा सकता है तो उस स्थिति में भी आपका दिमाग आपके इस सोच को सही साबित करने में लग जाता है ।
इसीलिए अपनी शब्दावली से असंभव शब्द को हमेशा के लिए निकाल फेकिए । कोई भी परिस्थिति में हमेशा यही सोचिए कि यह काम किया जा सकता है फिर आपका दिमाग क्रिएटिव तरीके से सोच कर उसका उपाय ढूंढ ही निकालेगा।
अगर आप कोई काम कराना चाहते हैं तो आप इसे किसी व्यस्त आदमी को दीजिए क्योंकि सभी सफल और योग्य व्यक्ति व्यस्त रहते हैं। छोटे छोटे लोग तो बातें बनाने में ही लगे रहते हैं जबकि जो बड़े लोग होते हैं वह बातों को सुनते हैं और काम को खत्म करना जानते हैं।
क्रिएटिव थिंकिंग के लिए आप नीचे दिए गए उपाय को आजमा सकते हैं:
- विश्वास की शक्ति का प्रयोग कीजिए। आप विश्वास करिए कि कोई काम हो जाएगा और आप देखेंगे कि आपका दिमाग उस काम को करने का तरीका ढूंढ ही लेगा।
- अपने ऊपर पारंपरिक सोच को हावी मत होने दीजिए। अपना दिमाग खुला रखें और नए विचारों और आइडियाज का स्वागत कीजिए। हमेशा प्रयोग करते रहिए और प्रोग्रेस करने की सोच रखिए।
- मैं सबसे बेहतर कैसे कर सकता हूं हमेशा यह सवाल खुद से पूछते रहिए। क्योंकि खुद को सुधारने का और बेहतर बनाने का कोई लिमिट नहीं होता है। आप जितना चाहे खुद को बेहतर बना सकते हैं
- आपके दिमाग की क्षमता का कोई अंत नहीं है। आप चाहे जितना भी व्यस्त हो आप उतना ही अधिक और काम कर सकते हैं । इसलिए हमेशा खुद से यह प्रश्न पूछिए कि मैं और अधिक कैसे कर सकता हूं और आपको आपका जवाब मिल जाएगा।
- सुनने की क्षमता का विकास कीजिए। बड़े लोग हमेशा दूसरों की बातों को ध्यान से सुनते हैं ,जब की छोटी सोच वाले लोग हमेशा बोलने के पीछे लगे रहते हैं।
- अपने माइंड की छमता का विस्तार करते रहिए। ऐसे लोगो के साथ रहिए जो आपसे ज्यादा सफल हों, जो आपसे बेहतर सोचते हों।
Chapter 6: You are what you think you are
अगर आप महत्वपूर्ण बनना चाहते हैं तो आपको खुद को महत्वपूर्ण सोचना होगा। क्युकी जो आप सोचते हैं वही आप होते हैं। जो आप सोचते हैं वही आप करते हैं और फिर जो आप करते हैं वही आप बन जाते हैं। जैसा आप बनते हैं वैसा ही व्यवहार लोग आपके साथ करते हैं।
आप अपने साथ जैसा व्यवहार करते हैं ,लोग भी आपके साथ वैसा ही व्यवहार करने लगते हैं।
आप कैसे दिखते हैं इस बात का भी बड़ा महत्वपूर्ण प्रभाव लोगो के आपके प्रति व्यवहार पर पड़ता है । इसलिए आपका पहनावा भी अच्छा होना चाहिए। अपने आप को मेंटेन कर के रखिए। अच्छे पहनावा के लिए आप इन बातों का ध्यान रख सकते हैं:
- सही कपड़ा पहनें। परिस्थिति और जगह के अनुसार अच्छे कपड़े पहनने का चुनाव करें।
- अच्छे कपड़े पहनने से आपका आत्मविश्वास और आपकी ऊर्जा बढ़ती है।
- आप जैसा दिखते हैं वैसा ही लोग आपको ट्रीट करते हैं इसलिए आपका पहनावा और आपका फर्स्ट इंप्रेशन बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- आप अपने आप को इतना बेहतर बनाकर लोगों के सामने पेश करते हैं उतने ही वैल्यू आपकी सोसाइटी में होती है।
अपने काम को महत्वपूर्ण माने। जो व्यक्ति अपने काम को महत्वपूर्ण मानता है फिर वह अपने काम को अच्छे तरीके से करता है। और जब आप अपने काम को अच्छे तरीके से करते हैं तो आपको जल्दी प्रमोशन मिलता है ज्यादा पैसे मिलते हैं ज्यादा सम्मान मिलता है और ज्यादा खुशी मिलती है।
अपने आप से प्रत्येक दिन सकारात्मक बातें करें। हमेशा अपने जीवन के अच्छे पहलू के बारे में सोचें और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करें।
Read The Secret Book Summary in Hindi
महत्वपूर्ण लोग किस प्रकार सोचते हैं यह पता लगाइए और फिर आप भी उन्हीं के तरह सोचना शुरू कर दीजिए जब आप ऐसा करना शुरू करते हैं तो धीरे-धीरे आप में वह बदलाव आने लगते हैं और आप भी महत्वपूर्ण पर्सन बन जाते हैं।
Chapter7 :Manage your Environmental, Go first class
हमारा दिमाग कमाल का यंत्र है ,लेकिन इसको सही दिशा की आवश्यकता होती है। यह आपको आबाद भी कर सकता है तो दूसरी तरफ बर्बाद भी कर सकता है। इसको दिशा देना आपका काम है।
हमारा यह दिमाग भी हमारे शरीर की तरह ही काम करता है। यह तभी तक ठीक चलता है जबतक की हम इसको ठीक रखते हैं।
जिस तरह अच्छे शरीर के लिए अच्छा भोजन जरूरी है उसी तरह अच्छे दिमाग के लिए अच्छा माहौल या एनवायरमेंट जरूरी है। हम जैसे माहौल में रहते हैं हम वही बन जाते हैं।
हमारे माहौल का बहुत ही ज्यादा असर हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमें अपने चारों और अच्छा माहौल रखना बहुत जरूरी है।
अगर आप लंबे समय तक नकारात्मक लोगों के साथ उठते बैठते हैं तो आप का माइंड सेट वैसा ही हो जाएगा और फिर आपका रवैया जीवन के प्रति नकारात्मक हो जाएगा। कोई भी काम करने में या किसी भी परिस्थिति और काम में आप कमियां ही ढूंढते नजर आएंगे।
इसके विपरीत अच्छे और ऊर्जावान लोगों के साथ रहने पर आप भी ऊर्जावान महसूस करेंगे और जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया रखेंगे।
अपने चारों ओर के माहौल को सुधारने के लिए आप नीचे दिए गए कुछ सुझावों को अपना सकते हैं:
- आपके चारों और जो भी चीजें हैं उनके बारे में सचेत और सतर्क रहिए जो भी वस्तुएं आपको खिन्न करती हैं उनको अपने आसपास से हटा दीजिए।
- अपने आसपास के माहौल को ऐसा बनाइए जो आपको कार्य करने में सपोर्ट करें ना कि आपका ध्यान भटकाए।
- नकारात्मक लोगों से विशेष दूरी बनाकर रखें
- छोटी सोच वाले लोगों की बातों को इग्नोर करिए
- आप अपने क्षेत्र के सफल लोगों से ही सलाह मशवरा लिया कीजिए।
- अपने दिमाग को तरोताजा करने के लिए नई नई चीजें ट्राइ करिए नई चुनौतियां स्वीकार करिए।
- गपशप करने वाले लोगों से दूर रहिए । गपशप जहर के समान विषैला होता है । गॉसिप करने से कोई फायदा नहीं इससे केवल नकारात्मकता ही बढ़ती है।
- आप जो भी करते हैं उसमें सर्वश्रेष्ठ करिए सर्वश्रेष्ठ कपड़े पहनें, सर्वश्रेष्ठ भोजन करिए, सर्वश्रेष्ठ यात्रा करिए, सर्वश्रेष्ठ किताबें पढ़ें, सर्वश्रेष्ठ लोगों के साथ रहिए।
Chapter 8: Make your attitude your allies
हर इंसान को उसके नजरिए से जज किया जाता है। आप कैसे बात करते हैं, आपलोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं इससे लोग यह अंदाजा लगा लेते हैं कि आपका नजरिया कैसा है।
जब आपका नजरिया सही होता है तो आप अपने काबिलियत का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर पाते हैं और इसके परिणाम स्वरूप आपको अच्छा रिजल्ट भी मिलता है। सही नजरिया आपको हर परिस्थिति में जीत दिलाता है।
हमारे एटीट्यूड का हमारे नजरिया का हमारे जीवन में बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान है आप लोगों को तब तक मोटिवेट नहीं कर सकते जब तक कि आप खुद ही मोटिवेट ना हो । आप लोगों का उत्साह तब तक नहीं बढ़ा सकते जब तक कि आप खुद ही उत्साहित ना हो। आप लोगों की उर्जा तब तक नहीं बढ़ा सकते जब तक कि आप खुद ही खुद ही ऊर्जावान नहीं हो । इन सबके लिए आपका नजरिया सही होना बहुत जरूरी है।
लेखक इस अध्याय में हमें तीन तरह का एटीट्यूड विकसित करने की सलाह देते हैं:
- मैं उत्साही हूं, मैं उर्जावान हूं
- आप महत्वपूर्ण हैं
- काम सबसे पहले, सेवा सबसे पहले।
मैं उत्साही हूं, मैं उर्जावान हूं
आप दूसरों को तभी उत्साहित कर सकते हैं आप दूसरों में तभी ऊर्जा भर सकते हैं जब आप स्वयं ऊर्जा से भरे हो।
उत्साही बनने के लिए और ऊर्जावान महसूस करने के लिए आपको इन कदमों का अनुसरण करना चाहिए
- आप जो भी काम करते हैं उसमें गहराई तक जाइए ,उसमें अपना इंटरेस्ट पैदा कीजिए। जब आप ऐसा करेंगे तो आपको उस काम को करने के प्रति हमेशा उत्साह बना रहेगा और आपकी उर्जा से दूसरे भी लोग प्रभावित होंगे।
- आप जो भी करते हैं उसको पूरे जिंदादिली से करिए । अगर आप किसी से हाथ मिलाते हैं तो ऐसे हाथ मिलाइए कि सामने वाले को आपकी ऊर्जा महसूस हो।
- हमेशा अच्छी खबर ही सुनाइए कोई भी नेगेटिव बात मत करिए जब भी मुंह से कुछ भी बोलिए तो अच्छी बातें ही बोलिए
आप महत्वपूर्ण हैं का नजरिया
दूसरे लोग हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन हमें उनके महत्व का तब तक पता नहीं चलता जब तक कि वह हमारे बीच नहीं रहते। लोगों की कमी का एहसास उनके न होने पर ही हमें उनके महत्व का पता चलता है।
जब आप दूसरों को महत्व देते हैं तो लोग आपको पसंद करते हैं। इसका एक फायदा यह भी है कि आप दूसरों को महत्वपूर्ण महसूस कराते हैं तो वह भी आपको महत्वपूर्ण महसूस करते हैं।
कोई भी आपके लिए यदि कुछ करता है तो आप उनके प्रति अपना आभार प्रकट करिए। क्योंकि कोई भी चीज हमेशा के लिए स्थाई नहीं होती।
लोगों को उनके नाम से बुलाइए हर व्यक्ति को अपना नाम बहुत प्यारा होता है
किसी भी काम का सारा क्रेडिट खुद मत लीजिए दूसरों को भी काम का क्रेडिट दीजिए दूसरों की प्रशंसा कीजिए।
सेवा सबसे पहले (सर्विस फर्स्ट)
लोग पैसे को पहली प्राथमिकता देते हैं और काम को इसके बाद रखते हैं लेकिन आपको अपने काम को अपने सर्विस को सबसे पहली प्राथमिकता देनी चाहिए। अगर आप अपने सर्विस को पहली प्राथमिकता देना शुरू करेंगे तो आपके पास पैसों की कोई कमी नहीं रहेगी।
Chapter 9: Think right towards people
हम जो अपने जीवन में सफलता का अनुभव करते हैं वह दूसरे लोगों पर ही निर्भर करता है अगर हमें लोगों का सहयोग ना मिले तो हम सफल नहीं हो सकते हैं इसलिए लोगों का सहयोग हासिल करना सफलता के लिए बहुत आवश्यक है।
लोगों का सहयोग प्राप्त करने के लिए हमें लोगों के बारे में अच्छी सोच बनानी होगी। हमें लोगों को पसंद करना होगा तभी लोग भी हमें पसंद करेंगे और हमारा सहयोग करेंगे।
लोगों का पसंदीदा बनने के लिए प्रेसिडेंट जॉनसन ने 10 सूत्री सलाह दी थी जिसे अपनाकर हम भी लोगों के चहेते बन सकते हैं:
- लोगों का नाम याद रखिए ऐसा करने से लोगों को यह लगता है कि आप उनको बहुत पसंद करते हैं।
- आरामदेह व्यक्ति बनिए ताकि आपके साथ काम करने वाला किसी प्रकार का तनाव महसूस ना करें।
- कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अपने आप को शांति रखिए
- अपने आपको सर्व ज्ञानी मत समझिए घमंडी मत बनिए
- दिलचस्प इंसान बनिए ताकि लोग आपके आसपास रहना पसंद करें
- आप अपने व्यक्तित्व से चुभने वाले गुणों को बाहर कर दीजिए।
- जिन लोगों के साथ भी आपकी मिसअंडरस्टैंडिंग हो उसको दूर कर ले
- लोगों को पसंद करने का अभ्यास करें ऐसा करने से आप सचमुच लोगों को पसंद करने लगेंगे
- लोगों को बधाई देने का अथवा शुभकामना देने का मौका ना चूके साथ ही दुखद परिस्थितियों में संवेदना जताने का अवसर भी ना खोए।
- लोगों को अध्यात्मिक शक्ति दे
दोस्ती एक ऐसी चीज है जिसे खरीदा नहीं जा सकता है आप लोगों में सच्चे दिलचस्पी दिखाकर है तूने अपना मित्र बना सकते हैं इसके लिए आपको अपनी ओर से इनिशिएटिव लेना पड़ेगा अपनी ओर से प्रयास करने होंगे।
जब भी मौका मिले तो अपनी ओर से शुरुआत करें इस बात का इंतजार ना करें कि सामने वाला व्यक्ति आकर पहले आपसे पूछें। मौका मिलते ही आपको दूसरों के सामने अपना परिचय दे देना चाहिए।
लोगों का नाम याद रखने की कोशिश करिए और जब भी किसी व्यक्ति से मिले तो यहां भी कोशिश करें कि लोग भी आपका नाम याद रखें। जिन भी लोगों से आप मिले उनके साथ फॉलोअप करते रहें उनके बारे में अच्छी चीजें कहें।
किसी भी व्यक्ति के अच्छाइयों और गुणों को देखने की कोशिश कीजिए उसकी बुराइयों को ढूंढने में अपना समय व्यर्थ मत कीजिए।
हमेशा लोगों के साथ मिलने पर शिष्टाचार निभाए इससे लोगों को काफी अच्छा लगता है और आपको भी अच्छा लगेगा।
अपनी और सफलता के लिए कभी भी दूसरे को दोषी ना माने आप अपने जीवन में जो भी बनते हैं वह सब आपके सोच से निर्भर करता है।
Chapter 10: Get the Action habit
इस दुनिया में छोटे से घर से लेकर बड़े बड़े स्पेस शिप तक उन कार्यों का ही नतीजा है जो कभी एक छोटे से विचार के आने के बाद किया गया। मन का कोई भी विचार चाहे वो कितना भी उत्कृष्ट हो बिना कर्म के व्यर्थ है। इसलिए अगर आप सफल होना चाहते हैं तो अपने विचारों पर फौरन कार्य शुरू कर दीजिए।
अपने आइडिया पर काम करने के लिए आपको इन बातों को ध्यान में रखकर अमल में लाना होगा:
1 काम को पूरा करने वाला आदमी बनिए। ऐसा इंसान बनिए जो हर शुरू किए काम को पूरा करता हो। काम को टालिए नही, काम करने में बहानेबाजी न करिए, बस काम मिलते ही कर डालिए। सफलता तभी मिलेगी।
2 काम शुरू करने के लिए सर्वश्रेष्ठ परिस्थितियों का इंतजार मत करिए। परफेक्ट टाइम कभी नही आएगा। अवि का समय सर्वश्रेष्ठ है।
3 केवल अच्छा विचार सोचते रहने से कुछ नही होता। विचारों का कोई मोल नहीं जबतक की इनपर काम न किया जाए।
4 अपने डर को और मानसिक अवरोध को दूर करने के लिए तुरंत एक्शन लीजिए। आपका पहला कदम उठाते ही आपका डर दूर हो जाता है।
5 मोटिवेशन का इंतजार मत करिए। काम शुरू कर दीजिए तो मोटिवेशन भी आ जायेगा।
6 जो भी करना है अभी तुरंत कर दे। बस शुरू कर दे। कल के भरोसे न रहें। कल कुछ नही होगा।
7 काम करने की तैयारी में समय मत बर्बाद करिए। बस शुरू करिए। कर ही डालिए।
8 प्रोएक्टिव बनिए। अवसर का फायदा उठाइए। काम शुरू करिए तो आपका रास्ता भी अपने आप बन जायेगा।
Chapter 11: How to turn defeat into victory
जीवन में हर हमेशा सफलता ही नही मिलती है। कभी कभी असफलता का भी सामना करना पड़ता है। असफलता जीवन का हिस्सा है। इस से आप बच नही सकते हो। भाग नही सकते हो।
जब असफलता अवश्यंभावी ही है तो इसका सामना कैसे किया जाए की सफलता की राह प्रशस्त हो यह जानना बेहद जरूरी है। असफलता को सफलता में बदलने के लिए आप नीचे के उपाय कर सकते है:
1 अपने गलतियों से सीखिए। हर गलती आप को कुछ न कुछ सिखाती है। आप इस मौके को चूकिए मत।
2 समय समय पर अपना आत्मविश्लेषण खुद करिए। अपनी गलतियों और कमजोरियों को पहचानिए और उनको दूर करिए।
3 अपने किस्मत पर रोना बंद करिए। सभी जिम्मेदारी अपने कंधे पर लिजिए।
4 अपने भीतर धैर्य रखिए और काम में लगन से जुटे रहिए। अगर एक तरीका काम नही कर रहा है तो दूसरा तरीका अपनाएं। कोई न कोई रास्ता तो मिल ही जायेगा।
5 मुसीबत में भी ईश्वर को धन्यवाद दीजिए, क्युकी हर समस्या कोई न कोई अवसर लेकर अपने साथ आता है।
Chapter 12: Use Goals to help you grow
अगर आपके पास गोल्स नही होगा तो आपको पता ही नही चलेगा की आपको जाना कहां है। गोल्स हमें हमारे मंजिल तक पहुंचने में मार्गदर्शक का काम करते हैं। गोल्स एक ऐसा सपना होता हैं जिसपर हम लोग काम करते हैं।
अगर हमारे जीवन में कोई लक्ष्य न हो तो हम जीवन भर भटकते ही रह जायेंगे। जीवन में हम कहां हैं यह मायने नही रखता है , मायने यह रखता है की हम कहां जाना चाहते हैं। इफेक्टिव तरीके से गोल्स सेट करने के लिए हमे इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1 आप अगले 10 साल में कहां जाना चाहते हैं इस बात की कल्पना करें।
2 अब आप अपने इस 10 वर्ष के योजना को कागज पर लिख लीजिए। लिखना बहुत जरूरी है। क्युकी जो लिखा जाता है वो हो जाता है।
3 आप अपने जीवन के हर एक पहलू के लिए गोल्स तय करिए।
4 अब इस 10 वर्षीय योजना में से सबसे महत्वपूर्ण गोल्स पर काम करना शुरू करिए।
5 एक बार में एक ही गोल्स पर फोकस करिए और उनको हासिल करने पर जोर लगाएं।
6 अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दैनिक योजना बनाएं और फिर दैनिक योजना पर तुरंत अमल करें।
7 समय समय पर अपने लक्ष्य का विश्लेषण करें और उनमें सुधार करें।
8 अपने आप पर निवेश करें। खुद पर किया गया निवेश सबसे बड़ा निवेश है।
Follow me on:-