दोस्तों The Art Of War किताब को चाइना के मिलिट्री जनरल Sun Tzu के द्वारा लिखा गया था । Sun Tzu एक मिलिट्री योजनाकार एक लेखक और एक दार्शनिक थे । इनका जन्म 544 ईसा पूर्व में माना जाता है । The Art Of War किताब दुनिया की सबसे पुरानी युद्ध कला पर लिखी गई किताब मानी जाती है । वैसे तो यह किताब The Art Of War युद्ध की रणनीतियों से संबंधित है परंतु इसमें छुपे हुए दर्शन का प्रयोग आज के बिजनेस राजनीति खेल और सामान्य लाइफ में भी बहुत कुशलता से सफलता हासिल करने के लिए किया जा सकता है ।
दोस्तों The Art Of War किताब में लेखक Sun Tzu के द्वारा कुल 13 नियम बताए गए हैं जिनका कुशलता से इस्तेमाल करके किसी भी युद्ध को जीता जा सकता है । तो चलिए इस लेख में देखते हैं लेखक Sun Tzu के द्वारा लिखी The Art Of War समरी इन हिंदी ।
The Art of War Book Summary All Chapters
अध्याय 1- अच्छी योजना बनाना ।
एक अच्छी युद्ध कला पांच महत्वपूर्ण फैक्टर्स से तय होती है ।
मोरल लॉ या नैतिक नियम ।
इसका मतलब है कि क्या लोग अपने लीडर को फॉलो करेंगे अपने लीडर का विश्वास करेंगे
हैवेन या स्वर्ग ।
इस फैक्टर में दिन और रात सर्दी और गर्मी समय और सीजन इन सभी बातों का विचार किया जाता है
अर्थ या धरती ।
युद्ध कला के विचार में इस तत्व के अंतर्गत धरती के विषय में विचार किया जाता है इसमें दूरी खतरा सुरक्षा जमीन की बनावट जमीन में आड़ संकीर्ण रास्ते सभी चीजों का विचार होता है
कमांडर या नेता ।
इसमें यह देखा जाता है कि जो लीडर है उसकी बुद्धिमता उसकी तत्परता उसका साहस उसकी कठोरता आदि
तरीका और अनुशासन युद्ध कला का पांचवा महत्वपूर्ण फैक्टर है ।
जो भी व्यक्ति किसी युद्ध से पूर्व इन सभी 5 फैक्टर्स का सही-सही हनुमान लगाते हैं और विश्लेषण करते हैं उनकी युद्ध में विजय होगी । जो इन फैक्टर्स को इग्नोर करते हैं उनकी हार निश्चित है ।
सभी लड़ाइयां और धोखे पर ही आधारित होती हैं जब आप कमजोर हो तो मजबूत दिखने का प्रयास कीजिए जब आप नजदीक हो तो दूर दिखने का प्रयास कीजिए जब आप दूर हो तो नजदीक देखने का प्रयास कीजिए ।
अपने दुश्मन को व्यवस्थित करके उन्हें कुचल डालिए ।
अगर दुश्मन बलशाली है ज्यादा मजबूत है तो दूर हटने में ही भलाई है ।
जब आपका दुश्मन युद्ध के लिए तैयार ना हो तभी आप उस पर हमला कर दीजिए ।
जहां आपका दुश्मन आपके होने की उम्मीद नहीं करता है वहीं पर प्रकट हो जाइए ।
अगर आपका दुश्मन आराम कर रहा है तो उसे आराम ना करने दें
किसी भी लड़ाई को शुरू करने से पहले हर बात का ठीक-ठीक आकलन कर लें
अध्याय 2- युद्ध शुरू करना ।
अगर आप किसी शहर का घेराव करते हैं तो आपकी सारी शक्ति उसी में समाप्त हो जाएगी । इसीलिए युद्ध जब शुरू हो जाए तो हमेशा तीव्रता और गति के साथ करना चाहिए ।
जब आप कमजोर हो तो कभी भी युद्ध शुरू ना करें और कोई भी युद्ध को इतना लंबा ना खींचे कि आप तबाह हो जाए लंबे युद्ध से किसी भी देश का लाभ नहीं हुआ है ।
जब आप युद्ध के लिए निकलते हैं तो अपने हथियार तो साथ में रखिए ही साथ ही अपने शत्रुओं के हथियार को ज्यादा से ज्यादा हथियाने का प्रयास करें ।
क्योंकि कोई भी सेना जब अपने देश से दूर रहती है । तो अपने ही लोगों को गरीब करती है और अपने शहर में रहती है तो अपने ही रिसोर्स को यूज करती है इसलिए हमें दुश्मनों के संसाधनों का उपयोग करना चाहिए ।
जीत ही युद्ध का एकमात्र उद्देश्य होना चाहिए ना कि लंबे समय तक लड़ते रहना ।
किसी भी युद्ध में जीतने के लिए सैनिकों का क्रोधित होना आवश्यक है ताकि वह दुश्मनों का सफाया कर सकें और ऐसा करने के लिए उन्हें पुरस्कार भी जरूर देना चाहिए ।
दुश्मनों के सैनिक को बंदी बनाने पर उनके साथ दयालुता का व्यवहार करना चाहिए ताकि वह आपकी सेना की तरफ से लड़ सके ।
अध्याय 3- छल पूर्वक आक्रमण ।
बिना लड़े ही शत्रु पर विजय प्राप्त कर लेना सर्वश्रेष्ठ उपाय है क्योंकि शांति हमेशा ही विध्वंस से बेहतर होती है ।
आप अपने शत्रु के योजना पर नजर बनाकर रखिए उसे एक बड़ी सेना बनाने से रोकिए ।
कभी भी किसी शहर की घेराबंदी मत करिए । अगर आपकी सेना शत्रु की सेना के अनुपात में 10 एक है तो शत्रु को चारों ओर से घेर लीजिए । अगर यह 5 -1 है तो शत्रु पर आक्रमण कर दीजिए । अगर यह 2 -1 है तो अपनी सेना को दो भागों में विभाजित कर दीजिए । अगर यह एक-एक है तो आप लड़ाई लड़ सकते हैं । लेकिन यदि आप की सेना शत्रु की सेना से कमजोर है या संख्या में कम है तो आपको युद्ध से बचना चाहिए या आपको युद्ध से हट जाना चाहिए ।
मजबूत सेनापति ही मजबूत राज्य बनाते हैं जबकि कमजोर सेनापति कमजोर राज्य ।
3 तरीके से कोई भी लीडर या सेनापति अपनी सेना को बर्बाद कर देता है । इसका ख्याल रखना चाहिए ।
- अपनी सेना के क्षमता का आकलन किए बिना ही शत्रु पर आक्रमण करना अथवा आक्रमण से पीछे हटने का आदेश दे देना ।
- अपनी सेना को प्रशासन की तरह चलाना इससे सेना में असंतोष व्याप्त हो सकता है ।
- अपनी सेना के ऑफिसर की योग्यता क्षमता और ओहदा को नजर अंदाज करके उनको कोई भी कार्य दे देना इससे सेना की विश्वसनीयता कम होती है ।
किसी किसी युद्ध में जीत के लिए सेनापति को यह पांच बातें याद रखनी चाहिए ।
- कब युद्ध लड़ना है और कब युद्ध नहीं लड़ना है । इस बात का स्पष्ट ज्ञान होना चाहिए ।
- अपने सेना का ताकत और कमजोरी को कैसे इस्तेमाल करना है इसका ज्ञान ।
- अपनी सेना को कैसे सुव्यवस्थित तरीके से सजाना है इस बात का ज्ञान ।
- युद्ध की अच्छी तैयारी ।
- बिना किसी के प्रभाव या दबाव में आए निर्णय लेना ।
जब जब आप अपने आप को अच्छे से जानते हैं और अपने शत्रु को भी अच्छे से जानते हैं तभी आप की जीत होती है ।
अध्याय 4- कुशल प्रबंधन ।
जीतने के लिए अपने आप को इस मुकाम पर रखिए कि कोई शत्रु आप को हरा ना पाए और फिर शत्रु को हराने के मौका का इंतजार कीजिए ।
क्योंकि आपको कोई ना हरा पाए इस बात को आप नियंत्रित कर सकते हैं । लेकिन आप शत्रु को हरा पाएंगे या नहीं इस बात को आप का शत्रु नियंत्रित करता है ।
युद्ध में हार से बचने के लिए आपको रक्षात्मक रवैया अपनाना पड़ता है । जबकि युद्ध जीतने के लिए आपको आक्रमण करना होता है वह भी सही मौके की तलाश करके ।
एक अच्छा योद्धा वही होता है जो बड़ी सहजता से युद्ध को जीत लेता है । इसके लिए उसे किसी विशेष साहस या शक्ति की परिचय नहीं देना होता कुशल योद्धा कोई गलती नहीं करता ।
आपको जब पूरा विश्वास है कि आप युद्ध जीत लेंगे तभी आपको युद्ध में उतरना चाहिए ।
5 तरीके से आप लेखा-जोखा लगा सकते हैं युद्ध में आपकी जीत होगी या हार ।
- पैमाइश धरती या भूखंड की आकृति पर निर्भर करता है ।
- संख्या का अनुमान पैमाइश पर निर्भर करता है ।
- गणना संख्या के अनुमान पर निर्भर करता है ।
- जीत की संभावना गणना पर निर्भर करता है ।
- युद्ध में जीत जीत की संभावना पर निर्भर करता है ।
अध्याय 5- क्षमता या शक्ति ।
छोटी सेना का नियंत्रण भी उसी सिद्धांत के आधार पर होता है जिस सिद्धांत के आधार पर एक बड़ी सेना का नियंत्रण । क्योंकि जव आप कोई युद्ध लड़ते हैं तो आप अपनी बड़ी सेना को भी छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित करके ही लड़ते हैं इसलिए बड़ी सेना या छोटी सेना दोनों से लड़ने का सिद्धांत एक ही है ।
जीतने के लिए हमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए । प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरीके के हमले एक दूसरे पर निर्भर करते हैं और यह अनंत संभावनाएं पैदा करते हैं ।
आपके सेना की शक्ति एक धनुष की तरह होती है आपको यह मालूम होना चाहिए कि कब धनुष को खींचना है और कब धनुष को नहीं खींचना है क्योंकि कभी-कभी बहुत ज्यादा धनुष खींचने से बहुत ज्यादा दबाव देने से उल्टा नुकसान ही होता है ।
लड़ाई में हमेशा अपने लोगों की सम्मिलित ऊर्जा का एवं शक्ति का प्रयोग करना चाहिए इसके लिए हमें सही लोगों का चुनाव करना आवश्यक है जब हमारे पास सही लोग होते हैं तो वह एक दूसरे में शक्ति का संचार करते रहते हैं ।
अध्याय 6- कमजोर और मजबूत बिंदु ।
जवाब शत्रु का इंतजार मैं बैठे होते हैं तो आप तरोताजा होते हैं । जबकि इसके विपरीत कि क्रिया आपको थका देती है ।
आपको अपने शत्रु पर अपनी इच्छा थोपने का यतन करना चाहिए । उनको अपनी मर्जी से चलाने की कोशिश करनी चाहिए । जब वह आराम करें तो उसे बेचैन कर दें । अगर उसके भोजन का सप्लाई कहीं से हो रहा हो तो उसे रोक दें । अगर वह कहीं कैंप कर रहे हो तो उन्हें भागने पर मजबूर कर दें ।
जिन जगहों की रक्षा नहीं की जा रही है उन पर आक्रमण कर दीजिए जबकि जो जगह सुरक्षित हैं उन पर हमला करने का इंतजार कीजिए । अदृश्य बने रहने की कोशिश करिए । जब शत्रु की सेना टुकड़ों में बिखर जाए तो आप अपनी सेना को एक करके आक्रमण कर दीजिए ।
जब भी शत्रु अपनी सेना का एक हिस्सा मजबूत करता है तो वह निश्चित तौर पर दूसरे हिस्से को कमजोर करता है । इसलिए अगर लड़ाई में जगह और समय का पता सेना के सभी टुकड़ों को नहीं होती है तो वह एक दूसरे के मदद के लिए नहीं आ पाती है ।
शत्रु को क्रोधित करिए ताकि वह अपने कमजोरियों को उजागर कर दे आप कभी भी अपनी नीतियों को किसी से उजागर मत करिए ।
कभी भी अपने उन नीतियों को उजागर मत कीजिए जिनका प्रयोग करके आपने विजय हासिल किया है । लड़ाई के सिद्धांत वही रखिए परंतु अपनी रणनीतियां बदलते रहिए इससे शत्रु आपके वार का अंदाजा नहीं लगा पाएगा ।
अध्याय 7- युद्ध संचालन ।
सेनापति हमेशा अपने राज्य से युद्ध का आदेश प्राप्त करता है इसलिए उसे अपने राज्य के आदेश और अपनी सेना में सामंजस्य बना कर रखना चाहिए ।
युद्ध के लिए हमेशा एक अनुशासित आर्मीके साथ निकालना चाहिए ना की अनुशासन इन आर्मी के साथ । सेना के सभी जवानों को एक साथ मार्च करना चाहिए किसी भी सेना को नेतृत्व करने के लिए आपको वहां के माहौल का ज्ञान होना अत्यावश्यक है ।
सेना के जवान का उत्साह सुबह में सबसे ज्यादा होता है और शाम को सबसे कम इसलिए अपने शत्रु पर ऐसे समय में ही आक्रमण करना चाहिए जब उनकी सेना का उत्साह सबसे कम हो ।
जब कभी आप अपने शत्रु की सेना का घेराव करें तो हमेशा एक छोटा रास्ता छोड़ कर रखना चाहिए कभी भी शत्रु को बहुत ज्यादा बेचैन नहीं कर देना चाहिए ।
अध्याय 8- रणनीतियों में अंतर ।
आपको अपनी रणनीतियों में हमेशा बदलाव करते रहना चाहिए हमेशा आसान रास्ते को चुनना चाहिए और मुश्किल रास्तों से बचना चाहिए । बहुत खतरनाक या मुश्किल जगहों पर कैंपिंग नहीं करनी चाहिए वैसे जगहों पर आक्रमण नहीं करना चाहिए जहां आक्रमण नहीं किया जा सकता है ।
आपको हमेशा फायदे और नुकसान का विचार करना चाहिए । आपको जहां भी ज्यादा लाभ दिखता हूं उसका भरपूर उपयोग करना चाहिए अपने दुश्मनों को हमेशा उलझा कर रखना चाहिए । युद्ध के लिए हमेशा अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए ।
नीचे दिए गए पांच गलतियों को करके कोई भी सेनापति अपनी आर्मी को तहस-नहस कर देता है इसलिए इन पांच गलतियों से बचें ।
- लापरवाही ।
- कायरता ।
- जल्दबाजी ।
- मान और अपमान के प्रति संवेदनशीलता ।
- अपनी सेना का बहुत ज्यादा चिंता ।
अध्याय 9- मार्च करता हुआ सेना ।
हमेशा ऊंची जगह पर कैंपिंग करनी चाहिए कभी भी लड़ने के लिए नीचे से ऊपर चढ़ाई नहीं करनी चाहिए ।
अगर आप नदी को पार करके लड़ने जा रहे हैं तो नदी से काफी दूर कैंप करिए अगर आपका दुश्मन नदी पार कर रहा है । तो उसे पूरी तरह नदी पार करने दीजिए लड़ने के लिए उत्तेजित मत रहिए ।
हमेशा कठोर सतह वाले जगह पर कैंपिंग करनी चाहिए ऐसे जगह पर कैंप डालें जहां सूर्य की रोशनी आती हो । जंगलों में अपनी मदद के लिए जासूस को ढूंढिए ।
अगर आपका दुश्मन शांत बैठा है तो इसका मतलब है कि उसके स्थिति मजबूत है । जबकि अगर वह उत्तेजित हो रहा है तो यह इशारा करता है के वह आपको लड़ने के लिए उकसा रहा है ।
अगर कोई जगह बहुत आसानी से प्रवेश किए जाने लायक है तो वह एक षड्यंत्र है आपके लिए जाल बिछाया गया है ।
अगर आपको बहुत शांति सुनाई दे रही है तो इसका मतलब है कि शत्रु आगे बढ़ रहा है अगर बहुत हिंसात्मक शब्द सुनाई दे रहे हैं तो यह इस बात की निशानी है कि शत्रु वापस जा रहा है ।
अगर कोई सेना आसान जगह को भी फतेह करने में नाकामयाब रहती है तो वह थक जाती है निराश हो जाती है कमजोर हो जाती है ।
सेना के किसी भी जवान को सजा देने से पहले वाह अवश्य ही आपके नियंत्रण में होना चाहिए सजा को निश्चित रूप से लागू कराएं अनुशासन अत्यंत ही आवश्यक है ।
अपने आर्मी का भरोसा तो रखें परंतु अपने आदेश के पालन को सर्वोच्च स्थान दें ।
अध्याय 10- भूखंड या भू आकृति ।
किसी भी युद्ध में छह प्रकार के भूखंड या भू आकृति से सामना करना पड़ता है ।
- सुगम भूखंड : ऐसे जगह दोनों ही सेना के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है । जब भी मौका मिले तो ऐसी जगहों पर पहले पहुंचकर बढ़त लेने का प्रयास करें हमेशा ऊंचाई वाले और सूर्य की रोशनी वाले जगह को पहले कब्जा करने की कोशिश करें ।
- उलझाने वाला भूखंड : ऐसी जगहों को छोड़ना ही बेहतर होता है इन्हें फिर से पुनः कब्जा करने की कोशिश नुकसानदायक हो सकता है ।
- अस्थाई जमीन : ऐसी जगह पर कोई भी सेना पहले पहुंच जाए उन्हें कोई बढ़त नहीं मिलती ।
- पतली गली या पास : जहां कहीं भी पतली गली या रास्ता होतो उसे पहले कब्जा करने की कोशिश होनी चाहिए और फिर वहां दुश्मन के आने का इंतजार करें । कभी भी ऐसे गलियों में अगर दुश्मन का पहले से कब्जा है तो उनका पीछा करना लाभदायक नहीं होता है ।
- बारिश वाले भूखंड : हमेशा ऐसे जगहों पर सेना को ऊंचाई वाले और धूप वाले साइड पर कब्जा करना चाहिए ।
- दुश्मन से अत्यंत दूर भूखंड
युद्ध के छह भूलें ।
- भाग जाना ।
- जब सैनिक बहुत मजबूत हो और सेनापति अत्यंत कमजोर ।
- जब सेनापति बहुत मजबूत हो और सैनिक अत्यंत कमजोर ।
- जब सेना अपने सेनापति के आदेश के बिना ही लड़ाई शुरू कर दे ।
- जब सैनिकों के बीच सेनापति का संदेश स्पष्ट ना हो ।
- जब छोटी आर्मी से गलती से बहुत बड़े आर्मी पर आक्रमण किया जाए ।
अगर आप की जीत पक्की है तो आपको ना कहा जाए फिर भी लड़ना चाहिए और अगर आपकी हार तय है तो आपको कहा जाए तो भी ना लड़े ।
जिस सेनापति का एकमात्र विचार अपने राज्य की किसी भी कीमत पर रक्षा करना है ऐसा सेनापति किसी भी देश या राज्य के लिए हीरे के समान है ।
सेनापति को हमेशा अपने सैनिकों को अपने बेटे की तरह समझना चाहिए तब वह आपके लिए मरते दम तक लड़ेंगे अगर आपकी आज्ञा का पालन नहीं किया जा रहा तो ऐसे सैनिक बेकार हैं ।
किसी भी सेनापति को प्रसिद्धि का लालच नहीं करना चाहिए और ना ही बदनामी से डरना चाहिए । अगर आप अपने आप को जान लेते हैं और अपने दुश्मनों को भी जान लेते हैं तो आपको जीत की कुंजी मिल गई है ।
अध्याय 11- नौ परिस्थितियां ।
- जब कोई सेना अपने क्षेत्र में लड़ रहा हो तो वहां उनसे भीड़ने से बचना चाहिए ।
- जब कोई सेना किसी सुगम भूमि में थोड़ी ही दूर घुसी हो तो वहां रुकना नहीं चाहिए ।
- जिस जगह का शत्रु सेना को विशेष लाभ मिलता हो वहां पर आक्रमण करने से बचना चाहिए ।
- खुले मैदान पर जहां आने जाने की पूरी आजादी हो ऐसे जगह में दुश्मन का रास्ता नहीं रुकना चाहिए ।
- ऐसी जगह जहां पर आक्रमण करके आप पूरे साम्राज्य पर कब्जा कर सकते हैं वहां पर आपको अपने साथियों के साथ मिलकर आक्रमण करना चाहिए ।
- यदि कोई सेना लड़ते हुए किसी राज्य के काफी अंदर घुस गई है तो ऐसे में उस राज्य की धन संपत्ति पर कब्जा करना चाहिए ।
- जिस राज्य से गुजर ना काफी मुश्किल हो वहां रुकना नहीं चाहिए चलते रहना चाहिए ।
- घाटियों से गिरे राज्य में विशेष व्यक्तियों का प्रयोग करें ।
- ऐसी जगह जहां आपको लड़े बिना कोई उपाय नहीं है वहां पर शीघ्रता से लड़े ।
सेनापति का कर्तव्य है कि वह अपने सेना का ख्याल रखें कभी भी जरूरत से ज्यादा सैनिकों पर दबाव ना डालें । जब तक आपको अपने दुश्मन की जमीन का अच्छे से ज्ञान ना हो तब तक आप अपनी सेना का नेतृत्व जीत के लिए नहीं कर सकते हैं ।
कभी भी किसी भी व्यक्ति से अपने इरादों को शेयर नहीं करना चाहिए जब तक कि आप उसे हासिल ना कर लेते हैं ।
अध्याय 12- आग द्वारा आक्रमण ।
आग के द्वारा अपने दुश्मनों पर आक्रमण करना एक प्रभावशाली युद्ध नीति है । जब भी मौका मिले दुश्मनों के सैनिक को उनके कैंप में जला दीजिए, उनके स्टोर को जला दीजिए, उनके सामान को जला दीजिए, उनके हथियारों को जला दीजिए, शत्रुओं के ऊपर आग के गोले की बारिश कीजिए ।
आग से हमला करने के लिए आवश्यक सामग्री को हमेशा तैयार रखें, यह याद रखिए कि आग से हमला तभी करें जब मौसम शुष्क हो ।
आग से हमला करते समय 5 संभावित परिस्तिथियो के लिए हमेशा तैयार रहें ।
- शिविर में आग लगाने के साथ साथ हमला भी कर देना चाहिए ।
- अगर आग लगने के बाद भी सेना शांत बने रहे तो हमला नही करना चाहिए ।
- जब आग की ज्वाला सबसे अधिक हो तभी हमला करना चाहिए और यदि उस समय यह संभव नहीं हो तो हमला न करें ।
- अगर आप आग के हमले के साथ लड़ सकते है तो लड़े ।
- अगर हवा बह रही हो तो आग की लपट के ओर होने पर आक्रमण न करें ।
जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, लडाई से बचना चाहिए । केवल अपने निजी स्वार्थ के लिए युद्ध शुरू ना करें । हमेशा सतर्क और सावधान रहें ।
अध्याय 13- गुप्तचर का प्रयोग ।
युद्ध लड़ना काफी खर्चीला होता है इसलिए बेफजूल की लड़ाई से हमेशा बचना चाहिए । अगर लड़ना आवश्यक ही हो जाए तो जितने के लिए लड़ें । और जितने के लिए सुराग की जरूरत होती है ।
आप गुप्तचर को तैनात करके जीत के लिए सुराग पता लगा सकते हैं ।
पांच तरह के गुप्तचर का प्रयोग किया जा सकता है ।
- किसी जगह के स्थानीय जासूस ।
- दुश्मनों के आंतरिक जासूस ।
- दुश्मनों के वैसे जासूस जो आपके लिए अब काम कर रहे हों ।
- दुश्मनों के कब्जा में रहने वाले आपके जासूस ।
- वैसे जासूस जो दुश्मनों के यहां से बच कर आपको सूचना देते हैं ।
जब आपके सभी जासूस काम कर रहे हों तो आपकी स्थिति मजबूत रहती है । जासूसों के साथ अच्छे संबंध बना कर रखिए और उन्हें अच्छे से मैनेज करते रहिए ।
अगर कोई जासूस आपसे पहले किसी और को जरूरी सूचना दे देता है तो इस जासूस को और उस आदमी को जिसे सूचना दी गई है, दोनो को मार डालना ही राज्य हित में होता है ।
अगर दुश्मन का जासूस पकड़ा जाए तो उसको ढेर सारा घुस देकर वापस भेज देना चाहिए ताकि वह आपके लिए काम कर सके ।
देखिए जासूस का मुख्य काम है गुप्त सूचनाएं आपको देना और ये काम परिवर्तित जासूस ही सबसे बढ़िया कर पाते है । इसलिए परिवर्तित जासूस किसी राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते है ।

Thank you!
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