The 48 Laws of Power By Robert Green Summary In Hindi.

हेलो दोस्तों थॉट्स फॉर ग्रोथ ब्लॉग में आपका स्वागत है आज हम आपके लिए लेकर आए हैं रॉबर्ट ग्रीन की लिखी किताब The 48 Laws of Power का हिंदी बुक समरी। हमारे समरी कभी-कभी लंबी हो जाती है क्योंकि हम बुक के कंटेंट पर कोई कंप्रोमाइज नहीं करते हैं ।इसलिए ब्लॉग पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े तो चलिए शुरू करते हैं रॉबर्ट ग्रीन की किताब The 48 Laws of Power की कंप्लीट हिंदी बुक समरी।

Table of Contents

नियम 1- कभी भी अपने बॉस से बेहतर ना दिखे

हर इंसान में असुरक्षा की भावनाएं होती हैं जब आप लोगों के सामने अपने गुणों का प्रदर्शन करते हैं तो उनमें द्वेष ईर्ष्या और असुरक्षा की भावनाएं जाग जाती है!बॉस से श्रेष्ठ देखना या उससे ज्यादा प्रभावशाली देखना शक्ति हासिल करने की राह में शायद सबसे बड़ी गलती होती है।

अपने से वरिष्ठ लोगों को यह महसूस करने दें कि वह आपसे श्रेष्ठ हैं उन्हें खुश और प्रभावित करने के लिए अपनी योग्यताओं का जरूरत से ज्यादा प्रदर्शन ना करें अगर आप ऐसा करेंगे तो परिणाम उल्टा होगा!इसके विपरीत अगर आप अपने बॉस को ज्यादा प्रतिभाशाली और महान बताते रहेंगे तो आप बुलंदियों को छू लेंगे।

आप भूल से भी इस धारणा पर ना चले कि प्रतिभा और गुणों का प्रदर्शन करके आप बॉस की सद्भावना हासिल कर लेंगे हो सकता है। बॉस ऊपर से तो आपकी प्रशंसा करने का नाटक करे लेकिन मौका मिलते ही वह आपकी जगह पर किसी कम बुद्धिमान कम आकर्षक और कम खतरनाक लगने वाले व्यक्ति को नियुक्त कर देगा।

नियम 2- मित्रों पर ज्यादा भरोसा ना करें अपने शत्रुओं से काम लेना सीखे

आपको अपने शत्रुओं से नहीं बल्कि मित्रों से डरना चाहिए क्योंकि मित्र बहुत जल्दी से ईर्ष्या करने लगते हैं और इसलिए वह आपको बहुत जल्दी धोखा भी देंगे मित्र भविष्य में कष्ट का कारण बन सकते हैं।

इसके बजाय अगर आप किसी पुराने शत्रु को काम पर रखेंगे तो वह मित्र से ज्यादा वफादार होगा क्योंकि उसे बहुत कुछ साबित करना होगा।

शत्रुओं की मौजूदगी से विचलित या दुखी ना हो आप मित्र के बजाय शत्रु के साथ बेहतर स्थिति में होते हैं क्योंकि मित्रों के मामले में आपको यह मालूम ही नहीं होता है कि आपके छिपे हुए कौन से मित्र दरअसल आपके शत्रु हैं।

नियम 3अपने इरादे छुपा कर रखें

आप किस उद्देश्य से काम कर रहे हैं यह कहीं भी जाहिर ना होने दें इससे लोग अंधेरे में रहेंगे और अपनी योजना नहीं बना पाएंगे अगर उन्हें इस बात का अंदाजा ही नहीं होगा कि आप क्या करना चाहते हैं। तो वह अपनी रक्षा की योजना नहीं बना सकते हैं इस तरह आप उन्हें गलत दिशा में काफी दूर तक ले जा सकते हैं और काफी समय तक गुमराह कर सकते हैं। जब तक उन्हें आपके हाथों का एहसास होगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।

शब्दों को नाप तोल कर बोलें बुद्धिमानी इसमें है कि लोगों से वही कहे जो लोग सुनना चाहते हैं। यह समझदारी नहीं है कि आप उन्हें वह कटु सच्चाई बता दें जो आप महसूस करते हैं या सोचते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप अपने इरादों और भावी योजनाओं के बारे में खुलकर बता देते हैं तो आपके बारे में कुछ भी छुपा नहीं रह जाता है ऐसी स्थिति में लोग ना तो आपका सम्मान करेंगे ना ही आपसे डरेंगे।

अगर आप शक्ति चाहते हैं तो ईमानदारी को एक तरफ रख दें और अपने इरादों को छिपाने की कला सीखे।

इरादों को छिपाने का एक तरीका यह है कि आप अपनी इच्छाओं और लक्ष्य के बारे में लगातार बात करें लेकिन वह आपकी असली इच्छाएं और लक्ष्य नहीं होना चाहिए।

नियम 4हमेशा जरूरत से कम बोलें

लोगों को शब्दों से प्रभावित करने की कोशिश ना करें आप जितना ज्यादा बोलेंगे उतने ही ज्यादा साधारण नजर आएंगे और आपका नियंत्रण उतना ही कम होगा।

सशक्त लोग कम बोल कर प्रभावित करते हैं और ज्यादा रौबदार दिखते हैं इस बात की ज्यादा संभावना होती है कि ज्यादा बोलते समय आपके मुंह से कोई ना कोई मूर्खतापूर्ण बात नहीं कल ही जाएगी।

शक्ति कई मायनो में दिखावे का खेल है जब आप जरूरत से कम बोलते हैं तो आप हमेशा वास्तविकता से ज्यादा महान और शक्तिशाली नजर आते हैं। आप की चुप्पी से दूसरे लोग परेशान हो जाएंगे जब आप अपने शब्दों को सावधानी से नियंत्रित करते हैं तो लोग आपके इरादो और आपकी मंशा को नहीं समझ पाते हैं।

एक बार बाहर निकल जाने के बाद आप अपने शब्दों को दोबारा नहीं लौटा सकते हैं इसलिए अपने शब्दों को नियंत्रण में रखें और किसी का भी मजाक उड़ाने या बुराई करने में विशेष सावधान रहें क्योंकि बदले में आपको उसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।

नियम 5- प्रतिष्ठा पर बहुत कुछ निर्भर करता है ,हर कीमत पर प्रतिष्ठा की रक्षा  करें।

प्रतिष्ठा शक्ति की नींव है सिर्फ प्रतिष्ठा के माध्यम से ही आप दबदबा कायम कर सकते हैं और विजय पा सकते हैं एक बार भी फिसल जाने पर आप  असुरक्षित हो जाएंगे और आप पर सभी दिशाओं से हमला होने लगेगा इसीलिए ऐसी प्रतिष्ठा बनाएं कि उस पर कोई हमला ना कर सके।

हमेशा संभावित हमलों के बारे में सचेत रहें और उनके होने से पहले ही उसे खत्म कर दें इस दौरान अपने शत्रुओं की प्रतिष्ठा में भी सेंध लगाकर उन्हें नष्ट करना सीखें फिर दूर खड़े हो जाएं और जनता को उसकी आलोचना करने दें।

अपनी प्रतिष्ठा को किसी एक विशेष गुण पर आधारित करें यह इकलौता गुण चाहे कार्यकुशलता हो या आकर्षण विजिटिंग कार्ड की तरह आपका परिचय देता है और लोगों पर जादू कर देता है।

प्रतिष्ठा किसी खजाने की तरह कीमती है इसलिए इसे सावधानीपूर्वक हासिल करें और सुरक्षित रखें खासकर शुरुआत में आपको दृढ़ता से इसकी रक्षा करनी चाहिए और इस पर होने वाले हमलों का पहले से ही अनुमान लगा लेना चाहिए।

 ठोस प्रतिष्ठा आपके वजन को बढ़ाती है और आपकी मेहनत के बिना ही आपकी शक्तियों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाती है यह आपके चारों तरफ आभामंडल भी बना सकती है जिससे लोगों के मन में आपके प्रति सम्मान यहां तक कि भय भी जाग जाए।

नियम 6- हर कीमत पर सबका ध्यान आकर्षित करें

हर चीज का मूल्यांकन देखने के आधार पर किया जाता है जो नजर नहीं आता है उसका कोई मूल्य नहीं होता है इसलिए भीड़ का हिस्सा ना बने और गुमनामी में दफन होकर ना रहे हैं सबसे अलग हटकर दिखे हर कीमत पर लोगों की नजरों में रहे।

समाज हमेशा ऐसे लोगों को पसंद करता है जो औसत लोगों से बड़े या अलग हो इसलिए ऐसे गुण विकसित करें जिसके कारण आप दूसरों से अलग दिखे और आप के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित हो।

आपको लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कला सीखनी पड़ेगी अपने कैरियर के शुरुआत में ही आपको अपने नाम और प्रतिष्ठा किसी एक गुण या छवि से जोड़ लेना चाहिए। ताकि आप दूसरे लोगों से अलग नजर आ सके यह छवि कुछ भी हो सकती है जैसे कपड़ों के विशेष शैली या व्यक्तित्व की कोई अनूठी बात जिससे लोगों की रूचि जागे और वे आपके बारे में बात करें एक बार जब आपकी प्रतिष्ठा स्थापित हो जाती है।तो आपके पास एक दिखावे का आसमान तैयार हो जाता है जिसमें आपका ही सितारा जगमगाता रहता है।

आलोचना से बचने की कोशिश ना करें किसी दूसरे को अपने से ज्यादा कुख्यात ना बनने दें लोगों का ध्यान चाहे जिस कारण से भी आप की ओर आकर्षित हो रहा हो यह आपको फायदा ही पहुंचाता है।

नियम 7- काम दूसरों से करवाए लेकिन श्रेय खुद ले

अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दूसरों की समझदारी ज्ञान और मेहनत का इस्तेमाल करें इस तरह से आप ना सिर्फ अपना बहुमूल्य समय और ऊर्जा बचाएंगे बल्कि इससे यह छवि भी बनेगी कि आप बहुत कार्य कुशल और तीव्र हैं!  दूसरों से जो काम करवा सकते हैं उसे खुद कभी ना करें।

इस नियम का सार है कि काम दूसरों से करवाना सीखे और क्रेडिट खुद ले ताकि लोगों को यह लगे कि आप में अनूठी शक्ति है। अगर आप हर काम खुद करना चाहेंगे तो आपकी उर्जा बेकार मे बर्बाद होगी और आप थकान के मारे निढाल हो जाएंगे। ऐसे लोगों को ढूंढे जिनमें वे योग्यताएं और रचनात्मकता है जिनकी आप में कमी है या तो उन्हें नौकरी पर रख ले या उनके काम पर अपने नाम का लेवल लगाना शुरु कर दें या फिर उनके काम पर अपना नाम चिपकाने का कोई और तरीका खोज लें। इस तरह से उनकी रचनात्मकता लोगों के सामने आपकी रचनात्मकता बन जाती है और आप जीनियस नजर आने लगते हैं।

इस छोटे से जीवन में सीखने को बहुत कुछ है और ज्ञान के बिना जिंदगी अर्थहीन है इसलिए सब से ज्ञान हासिल करना एक उत्कृष्ट तकनीक है दूसरों की जी तोड मेहनत के बल पर आप महानता की प्रतिष्ठा हासिल कर सकते हैं।

नियम 8दूसरों को अपने पास बुलाएं जरूरत पड़ने पर दाना भी डालें

अच्छा योद्धा कभी भी दूसरों के पास नहीं जाते हैं बल्कि दूसरों को अपने पास आने के लिए मजबूर कर देते हैं यह दूसरों के खालीपन और खुद के भरे होने का सिद्धांत है। जब आप अपने विरोधियों को अपने पास आने के लिए प्रेरित करते हैं तो उनकी शक्ति हमेशा खाली होती है जब तक आप उनके पास नहीं जाते हैं तब तक आप की शक्ति हमेशा बड़ी होती है खालीपन पर हमला करना अंडे पर पत्थर मारने की तरह आसान है।

शक्ति का मूल आधार है पहल करने की योग्यता अपने कार्यों पर दूसरों से प्रतिक्रिया करवाना अपने विरोधियों और अपने आसपास के लोगों को रक्षात्मक होने पर मजबूर करना जब आपकी रणनीति के कारण दूसरे लोग आपके पास आने लगते हैं। तो अचानक स्थिति का नियंत्रण आपके हाथ में आ जाता है और जिसके पास नियंत्रण होता है उसी के पास शक्ति होती है। इस स्थिति तक पहुंचने के लिए आपके पास दो चीजें होनी चाहिए पहला आपको अपनी भावनाओं पर काबू रखना सीखना चाहिए और दुसरा कभी भी नाराज नहीं होना चाहिए।

नियम 9बहस से नहीं अपने कार्यो से जीते

बहस से मिलने वाला क्षणिक विजय दरअसल खोखला होता है इससे सामने वाले के विचार नहीं बदलते हैं। इसके बजाय उसके मन में द्वेष और दुर्भावना उत्पन्न होती है जो काफी समय तक कायम रहती है कुछ बोले बिना अपने कार्यों से दूसरों को प्रभावित करना बहुत ज्यादा असरदार होता है बोलकर नहीं बल्कि काम करके लोगों को जितना सीखें।

काम के माध्यम से अपने विचार प्रकट करने से आपके विरोधी रक्षात्मक नहीं होते हैं इसलिए भी आसानी से आपकी बात मान लेते हैं बहस के बजाय कार्य से शाब्दिक और भौतिक दोनों रूपों में अपनी बात मनवाना ज्यादा कारगर होता है।

नियम 10- दुखी और बदकिस्मत लोगों से बचें!वे संक्रामक होते हैं

खुश किस्मत लोगों को पहचाने ताकि आप उनके साथ रहने का निर्णय ले सके साथ ही बदकिस्मत लोगों को भी पहचाने ताकि आप उनसे  बच सके। दुर्भाग्य आमतौर पर मूर्खता के कारण आता है और इससे शिकार लोगों से ज्यादा संक्रामक और कोई नहीं होता है इसलिए अपने दरवाजे को छोटे से छोटे दुर्भाग्य के लिए भी ना खोले क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो उसके पीछे पीछे बहुत से दुर्भाग्य चले आएंगे दूसरों के दुख से ना मरे।

बदकिस्मत लोग बदकिस्मती को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं अगर आप उनकी मदद करेंगे तो बदकिस्मती आपकी तरफ भी आकर्षित हो जाएगी इसलिए खुशी और खुश किस्मत लोगों के साथ रहे भावनात्मक अवस्थाएं बीमारियों की ही तरह संक्रामक होती है हो सकता है। आपको यह लगे कि आप डूबते आदमी की मदद कर रहे हैं लेकिन यह याद रखें कि ऐसा करके आप सिर्फ अपनी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं आप किसी दूसरे के दुख से मर सकते हैं।

शक्ति के खेल में यह बेहद महत्वपूर्ण है कि आप कैसे लोगों के साथ जुड़ते हैं बुरा प्रभाव डालने वालों के साथ जुड़ने में जोखिम यह है कि आप अपना बहुमूल्य समय और ऊर्जा बर्बाद करते हैं। इसके अलावा लोग जब आपको ऐसे लोगों के साथ उठते बैठते देखते हैं तो आपके बारे में उनकी राय अच्छी नहीं होती है इसलिए कभी भी बुरे प्रभाव के खतरों को कम ना करें।

नियम 11लोगों को अपने उपर निर्भर बनाना सीखिए

अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए आपको ऐसा बनना चाहिए ताकि लोगों को हमेशा आपकी जरूरत पड़े और वह आपको चाहे ! आप पर जितना ज्यादा भरोसा किया जाएगा आपके पास उतनी ही ज्यादा स्वतंत्रता होगी। कुछ ऐसा करें ताकि दूसरे अपनी सुख समृद्धि के लिए आप पर निर्भर बन जाए। ऐसा करने के बाद आपको किसी चीज का डर नहीं रहेगा। लोगों को इतना ना सिखाएं कि आपके बिना उनका काम चल जाए।

अगर आप खुद को अनिवार्य नहीं बना पाते हैं तो पहला मौका मिलते ही आपको बाहर निकाल दिया जाएगा आप की जगह पर किसी कम उम्र वाले कम महंगे और कम जोखिम वाले नए व्यक्ति को नियुक्त कर दिया जाएगा यह जोखिम ना लें और लोगों को अपने पर निर्भर बनाएं जब सब कुछ आप पर निर्भर होगा तो आपको निकाला नहीं जा सकता है।

इसके लिए आपको जीनियस होने की जरूरत नहीं है आपको तो बस एक ऐसी योग्यता की जरूरत है जो आपको भीड़ से अलग कर दें। अपने आप में ऐसे ही रचनात्मक प्रतिभा का विकास कीजिए जिसका कोई विकल्प ही ना हो।

नियम 12शिकार को निरस्त्र करने के लिए थोड़ा ईमानदारी और उदारता का इस्तेमाल करें

थोड़ी सी ईमानदारी किसी व्यक्ति से पहली बार मिलते समय सबसे अच्छी तरह काम करती है। हम सब आदतों के गुलाम होते हैं और हमारी पहली छवि लंबे समय तक चलती है। अगर कोई संबंध के शुरुआत में ही यह साबित कर देता है कि वह ईमानदार है तो बाद में इस भरोसा को बदलने में बहुत कोशिश करना पड़ता है।

अक्सर ईमानदारी का एक ही काम पर्याप्त नहीं होता है जरूरत है ईमानदारी की प्रतिष्ठा की यह प्रतिष्ठा बहुत से कामों से बनती है जो महत्वहीन भी हो सकता है एक बार यह प्रतिष्ठा बन जाए तो पहली छवि की तरह है इसे हिलाना भी आसान नहीं होता है।

नियम 13 मदद मांगते समय दया या कृतज्ञता की नहीं बल्कि स्वार्थ की बात बताएं

अगर आपको अपने किसी मित्र से मदद चाहिए तो उसे कभी भी यह याद ना दिलाएं कि आपने भी पहले उसकी कितनी मदद की है या उसके लिए कितने अच्छे काम किए हैं। अगर आप ऐसा करेंगे तो वह आप को नजरअंदाज करने का कोई ना कोई बहाना खोज लेगा इसके बजाय आप अपने आग्रह में किसी ऐसी चीज की तरफ इशारा करें जिससे आपके मित्र को लाभ हो और इस लाभ को आप बढ़ा चढ़ाकर जोर शोर से पेश करें जब उसे यह लगेगा कि आपकी मदद करने के कारण उसका बहुत लाभ होगा तो वह पूरे उत्साह से आपकी मदद करेगा।

मदद मांगने भी एक कला है और यह कला इस बात पर निर्भर करती है कि आप में सामने वाले को समझने की कितनी क्षमता है और यह भी कि आप अपनी और उसकी जरूरतों के फर्क को कितना समझते हैं ज्यादातर लोग मदद मांगने में सफल नहीं हो पाते हैं क्योंकि वह अपनी ही इच्छाओं और जरूरतों में खोए रहते हैं।

वे जिन लोगों से मदद मांग रहे हैं वह मान बैठते हैं कि वे उनकी निस्वार्थ भाव से मदद करेंगे वह इस तरह आग्रह करते हैं जैसे उनकी जरूरतें दूसरों के लिए महत्वपूर्ण है जबकि शायद उन्हें उनकी कतई परवाह नहीं होती।

शक्ति हासिल करने की राह में हर कदम पर आपको यह सीखना होगा कि आप दूसरे व्यक्ति की तरह सोचे उसकी जरूरतों और रुचियां को भापें आप अपनी भावनाओं के पर्दे को हटाया दे अगर आप इस कला में पारंगत हो जाते हैं तो फिर आपकी सफलता की कोई सीमा नहीं रहेगी।

नियम 14मित्र की तरह दिखें लेकिन काम जासूस की तरह करें

शक्ति के क्षेत्र में आपका लक्ष्य होता है भविष्य की घटनाओं पर नियंत्रण पाना इसमें एक बाधा यह होती है कि लोग आपको अपने सभी विचार भावनाएं और योजनाएं नहीं बताते हैं। अक्सर वे अपने चरित्र के सबसे छिपे हुए हिस्से यानी अपनी कमजोरियों उद्देश्यों और स्वार्थों को छुपा लेते हैं परिणाम यह होता है कि आप उनकी आगे के कदम का अनुमान नहीं लगा सकते हैं और हमेशा अंधेरे में रहते हैं। इसके कुंजी यह है कि आप कोई ऐसा तरीका खोजें जिससे आप उनके जांच कर सके उनके रहस्य और छिपे हुए इरादों का पता लगा सके।

दोस्ताना व्यवहार से आप मित्रों और शत्रुओं दोनों से ही गोपनीय जानकारी पा सकते हैं।

इसका एक उपाय यह है कि अगर आप किसी के सामने अपने दिल की भावना उजागर करने का नाटक करते हैं तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि वह भी आपके सामने अपने रहस्य उगल देगा अगर आप उसे कोई झूठा रहस्य बताएंगे तो बदले में वह आपको सच्चा रहस्य बता देगा।

इसलिए अपने प्रतिद्वंदी के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण है। सौहार्दपूर्ण सामाजिक मुलाकातों में यह काम करना सीखे अप्रत्यक्ष सवाल पूछे जिससे कि लोग अपनी कमजोरियों और इरादों को उजागर कर दें ।

नियम 15अपने दुश्मन को पूरी तरह से खत्म कर दे

शक्ति के संघर्ष में आपके बहुत से प्रतिद्वंदी और दुश्मन बनेंगे कुछ लोग आपके दुश्मन जरूर बनेंगे भले ही आप कुछ भी कर ले इस तरह के दुश्मन आपका बुरा चाहेंगे उनके इरादे आप को खत्म करने के होते हैं। अगर उनसे लड़ते समय आप दया आया समझौते की आशा में बीच रास्ते में ही रुक जाएंगे तो इससे आपको कोई फायदा नहीं होगा उल्टे इसकी बदौलत उनका संकल्प और नफरत बढ़ जाएगा और वह किसी न किसी दिन आप से बदला लेकर ही रहेंगे।

हो सकता है आप से पराजित होने के बाद वे कुछ समय तक दोस्ताना व्यवहार का ढोंग करें लेकिन ऐसा सिर्फ इसलिए होगा क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है और वह सही वक्त का इंतजार कर रहे होंगे।

इसलिए अपने दुश्मनों पर दया ना करें उनकी नफरत को व्यक्तिगत रुप से ना लें अपने दुश्मनों को उसी तरह से पूरा कुचल डाले जिस तरह मौका मिलने पर वे आप को कुचल डालते दुश्मनों के मिट जाने के बाद ही आपको शांति और सुरक्षा मिल सकती है।

अगर आप अपने शत्रुओं के प्रति निर्मम नहीं है तो आप कभी भी सुरक्षित नहीं रहेंगे अगर आप उन्हें मिटाने या अपनी नजरों से दूर रखने की स्थिति में नहीं है तो आप कम से कम इतना तो समझ ही लें कि वह आप के खिलाफ साजिश कर रहे हैं उनके दोस्ती के नाटक पर जरा भी ध्यान ना दें इस तरह की स्थिति में सतर्कता ही आपका एकलौता हथियार है।

नियम 16सम्मान पाने के लिए दूरी बनाएं

कहीं भी बहुत ज्यादा आने जाने से कीमत घटती है आप जितना ज्यादा दिखते और बोलते हैं। आप उतने ही साधारण नजर आते हैं अगर आप किसी समूह में स्थापित हो चुके हैं तो कुछ समय के लिए उससे दूर रहें आप के अनुपस्थित रहने पर आपके बारे में ज्यादा बातें होंगी और आपकी ज्यादा तारीफ भी होगी आपको बस यह सीख लेना चाहिए कि दूर कब रहना है अभाव से हर चीज का मूल्य बढ़ जाता है इस सिद्धांत का लाभ लें।

दुर्लभता का नियम को अपनी योग्यताओं पर लागू करें आप दुनिया को जो दे रहे हैं उसे दुर्लभ और दुरूह बनाएं इससे आप का महत्व तत्काल बढ़ जाएगा।

नियम 17दूसरों को दुविधा में रखें :अनिश्चय का माहौल बनाएं

अचानक अकस्मात या अन सोची चीज सबसे ज्यादा डरावनी होती है इसलिए हम भूकंप और तूफानों से डरते हैं  अप्रत्याशित मानवीय व्यवहार का हम पर इसी तरह का प्रभाव पड़ता है।

जानवर निश्चित तरीके से व्यवहार करते हैं इसलिए हम उनका शिकार करके उन्हें मार पाते हैं सिर्फ इंसान में ही अपने व्यवहार को बदलने नया काम करने और दिनचर्या तथा आदतों को छोड़ने की क्षमता होती है।

आप जानबूझकर अनपेक्षित काम करें अगर आपके व्यवहार में कोई निरंतरता तारतम्य या उद्देश्य नहीं दिखेगा तो आपके दुश्मनों का संतुलन बिगड़ जाएगा और वह आपके कदमों का मतलब समझने की कोशिश में थक कर चूर हो जाएंगे अगर यह क्रम जारी रहा तो यह रणनीति आतंक उत्पन्न कर सकता है।

अगर संभव हो तो हमेशा दुश्मन को धोखा दें हैरान करें और गलत जानकारी दें इस तरह की रणनीति हमेशा कामयाब होती है और इस तरह से एक छोटी सेना भी बड़ी सेना को नष्ट कर सकती है।

लोग हमेशा आपके कार्यों के पीछे छिपे उद्देश्य को समझने की कोशिश करते हैं ताकि आप के खिलाफ रणनीति बनाई जा सके इसलिए बिल्कुल अप्रत्याशित कदम उठाएं और उन्हें सुरक्षात्मक होने पर मजबूर कर दें।

नियम 18 अपनी सुरक्षा के लिए किले ना बनाएं – एकाकीपन खतरनाक है

दुनिया खतरनाक है और दुश्मन हर जगह है हर एक को अपनी रक्षा करनी पड़ती है। किला सबसे सुरक्षित नजर आता है लेकिन किले में अलग अलग रहना आपको जितने खतरों से बचाता है उससे ज्यादा खतरों को उत्पन्न करता है। यह आप तक बहुमूल्य जानकारी नहीं पहुंचने देता यह आपको सबकी नजरों में लाता है और नतीजा यह होता है कि आप आसान सा निशाना बन जाते हैं बेहतर होगा कि लोगों से मिले जुले साथी खोजें सब से जुड़े भीड़ के कारण आप अपने शत्रुओं से सुरक्षित रहेंगे।

चुके इंसान स्वभाव से सामाजिक होता है इसलिए शक्ति सामाजिक आदान-प्रदान और व्यवहार पर निर्भर होता है। खुद को शक्तिशाली बनाने के लिए आपको चीजों के केंद्र में रहना होगा हर गतिविधि आपके चारों तरफ घूमने चाहिए आपको सड़क पर होने वाली हर चीज की जानकारी होनी चाहिए और हर एक आदमी की जानकारी होनी चाहिए जो आपके खिलाफ साजिश रच सकता है।

अनिश्चितता और खतरे के क्षणों में आपको बिल के भीतर घुसने की  इच्छा से बचना चाहिए इसके बजाय लोगों से मेलजोल बढ़ाए पुराने सहयोगी खोजे नए साथी बनाएं और अलग-अलग समूहों में जाएं शक्तिशाली लोग सदियों से इस तकनीक पर चल रहे हैं।

नियम 19यह जाने कि आपके सामने कौन है – गलत व्यक्ति को नाराज ना करें

दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं आपको यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि हर व्यक्ति आप की रणनीतियों पर एक ही तरीके से प्रतिक्रिया करेगा कुछ लोगों के साथ जब धोखा या चालबाजी की जाती है। तो वह बदला लेने की तलाश में अपनी बाकी की जिंदगी बिता देते हैं अपने शिकार और विरोधियों को सावधानी से चुने लेकिन कभी भी गलत व्यक्ति को धोखा ना दे या उस पर हमला ना करें।

यह जान लीजिए कि चाहे व्यक्ति कितना ही महत्वहीन या छोटा हो वह कभी ना कभी आपके काम आ सकता है लेकिन अगर आपने उसका कभी अपमान किया है। तो वह आपके काम नहीं आएगा गलतियों को अक्सर माफ कर दिया जाता है लेकिन अपमान को कभी माफ नहीं किया जाता हमारा गर्व इसे हमेशा याद रखता है।

नियम 20किसी के पिट्ठू ना बने

मूर्ख व्यक्ति ही हमेशा पिट्ठू बनने के लिए दौड़ लगाता रहता है खुद के अलावा किसी भी व्यक्ति के पाले में ना जाएं अपनी स्वतंत्रता कायम रखकर आप दूसरों के स्वामी बन जाते हैं।

शक्ति काफी हद तक इस दिखावे पर निर्भर करता है इसलिए आपको ऐसी तरकीब सीखना चाहिए जिससे आपकी प्रतिष्ठा बढ़े किसी व्यक्ति या समूह का पिट्ठू ना बनना एक ऐसी ही तरकीब है। जब आप पिठ्ठू नहीं बनते हैं तो इसे सामने वाले को गुस्सा नहीं आता है बल्कि उसके मन में आपके प्रति सम्मान उत्पन्न होता है। आप तत्काल शक्तिशाली बन जाते हैं क्योंकि आप उस समूह व्यक्ति के प्रलोभन या बंधन से दूर रहते हैं जो ज्यादातर लोग नहीं कर पाते हैं शक्ति का यह आभामंडल समय के साथ बढ़ता है।

किसी भी व्यक्ति के पक्ष में रहने का वायदा ना करें क्योंकि यह किसी दूसरे व्यक्ति का गुलाम बनना है स्वतंत्रता किसी भी तो फिर से ज्यादा मूल्यवान होती है। आपको यह कोशिश नहीं करनी चाहिए कि आप किसी एक व्यक्ति पर ही निर्भर रहें बल्कि आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि कई लोग आप पर निर्भर रहे हैं सबसे बढ़कर खुद को सभी वायदों और एहसानों से मुक्त रखें।

नियम 21मूर्ख बनाने के लिए मूर्ख बनने का नाटक करें सामने वाले से ज्यादा मूर्ख दिखें

कोई भी या पसंद नहीं करता है कि वह सामने वाले से ज्यादा मूर्ख दिखाई दे इस नियम का लाभ यह है कि इससे आपके शिकार खुद को आपसे ज्यादा बुद्धिमान मान लेते हैं। जब उन्हें इस बात का विश्वास हो जाता है तो वह कभी यह शक नहीं करेंगे कि आप जैसे मूर्ख का भी कोई छुपा हुआ उद्देश्य हो सकता है और आप इसका फायदा उठाकर शक्ति हासिल कर सकते हैं।

मूर्खता का इस्तेमाल करना सीखे ,कई मौका ऐसा होता है जब सबसे ज्यादा समझदारी यह दिखाने में होती है कि आप कुछ नहीं जानते हैं ।आपको अज्ञानी नहीं होना चाहिए लेकिन इसका नाटक करने में निपुण होना चाहिए मूर्खों के बीच में समझदार बन्ना उतना ही लाभकारी है जितना कि पागलों के बीच में बुद्धिमान बन्ना।

नियम 22 समर्पण की चाल का प्रयोग करें  कमजोरी को शक्ति में बदलें

जब आप कमजोर हो तो सम्मान के लिए कभी भी ना लड़े इसके बजाय समर्पण करने का विकल्प चुने समर्पण से आपको दोबारा उठकर खड़े होने का समय मिल जाता है। इससे आपको अपने विजेता शत्रु को सताने और परेशान करने का समय भी मिल जाता है। इससे आपको उसकी शक्ति के घटने का इंतजार करने का भी समय मिल जाता है उसे युद्ध में जीतने ना दें इससे पहले ही उसके सामने समर्पण कर दें दूसरा गाल आगे करके आप उसे परेशान और विचलित कर देते हैं समर्पण का प्रयोग शक्ति के औजार के रूप में करें।

नियम 23 अपनी शक्तियों को केंद्रित करें

अपनी शक्तियों और ऊर्जा को सबसे महत्वपूर्ण बिंदु पर केंद्रित करें बहुत सी खानों को थोड़ा-थोड़ा खोजने की कोशिश करने के बजाय एक ही समृद्ध खान को गहराई तक खोजने से ज्यादा फायदा होता है। केंद्रित प्रयासों की जीत होती है और बिखरे हुए प्रयासों की हार होती है अपनी प्रगति के लिए शक्ति के स्रोतों की तलाश करते समय एक मुख्य संरक्षक खोजें एक ऐसी मोटी गाय जो आपको लंबे समय तक दूध देती रहे।

बहुत से काम करने में लगने वाला व्यक्ति कभी भी औसत से ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाता है बहुत ज्यादा रुचि वाले लोगों का दुर्भाग्य होता है। वह हर मामले में हाथ तो डालते हैं लेकिन उनकी पकड़ किसी पर भी नहीं होती है एकाग्रता से बहुत ऊंचा स्थान मिलता है और इससे इंसान बहुत ऊंचाई पर पहुंच जाता है।

नियम 24आदर्श दरबारी की भूमिका निभाए

आदर्श दरबारी बनने के नियम सीखे और इसका इस्तेमाल करें इसके बाद आप बहुत ऊंचाई तक पहुंच जाएंगे और बहुत शक्ति हासिल कर लेंगे आदर्श दरबारी वह होता है जो चापलूसी करता है श्रेष्ठ लोगों के सामने झुकता है और बाकी के ऊपर अपनी शक्ति का प्रयोग बहुत ही अप्रत्यक्ष और शालीन अंदाज में करता है।

आदर्श दरबारी बनने के लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना चाहिए जैसे:-

  • प्रदर्शन से बचें ।
  • उदासीनता का अभ्यास करें ।
  • चापलूसी में कंजूसी करें।
  • लोगों की नजरों में रहने की कोशिश करें।
  • सामने वाले के हिसाब से अपनी शैली और भाषा बदलें ।
  • बुरी खबर ना सुनाएं।
  • कभी अपने बॉस के साथ दोस्ती और अंतरंगता ना दिखाएं ।
  • अपने से ऊपर बैठे लोगों की प्रत्यक्ष बुराई ना करें।
  • अपने से ऊपर बैठे लोगों से एहसान मांगने में किफायत बरतें ।
  • कभी भी हुलिया या रूची के बारे में मजाक ना करें ।
  • दरबार के आलोचक ना बने।
  • खुद को देखते रहे।
  • अपनी भावनाओं के स्वामी बने।
  • समय के साथ चलें।
  • आनंद का स्रोत बने।

नियम 25खुद को नए सांचे में ढाले

समाज द्वारा ला दी गई भूमिकाओं को स्वीकार ना करें। एक नई पहचान बनाकर खुद को नए सांचे में डालें अपनी एक ऐसी पहचान बनाएं जिसकी तरफ लोगों का ध्यान जाए और वह आपसे कभी ना उबें दूसरों की बनाई छवि के हिसाब से जीने से बेहतर या है कि आप अपनी छवि खुद बनाएं अपने सार्वजनिक कार्यों और मुद्राओं में नाटकीय तरीकों का प्रयोग करें इससे आपकी शक्ति बढ़ेगी और आपका कद जिंदगी से बड़ा नजर आएगा ।

स्वयं के निर्माण की प्रक्रिया का पहला कदम है आत्म चेतना यह जानना कि आप एक अभिनेता हैं और आपको अपने हुलिए तथा भावनाओं का नियंत्रण अपने हाथ में रखना है।

खुद को नए सांचे में ढालने की प्रक्रिया का दूसरा कदम है एक यादगार चरित्र का निर्माण करना एक ऐसा चरित्र जो ध्यान आकर्षित करें जो बाकी लोगों से अलग दिखे।

नियम 26अपने हाथ साफ रखें

आपको कार्यकुशलता और शिष्टता की मूर्ति दिखना चाहिए आपके हाथ कभी भी गलतियां और बुरे कामों से सने नहीं दिखने चाहिए अपने हाथ साफ रखने के लिए दूसरों का प्यादों की तरह प्रयोग करें और खुद को बेदाग रखें।

मूर्खता करने में मूर्खता नहीं है बल्कि उसे ना छुपा पाने में है गलतियां सब करते हैं लेकिन समझदार लोग अपनी गलतियों को छुपा लेते हैं प्रतिष्ठा इस बात पर इतनी निर्भर नहीं करती कि क्या दिखता है जितने की इस बात पर निर्भर करती है कि क्या छुपाया गया है अगर आप से गलती हो गई हो तो सावधान रहें।

नियम 27अनुयाई बनाने के लिए लोगों के विश्वास का लाभ उठाएं

लोगों की प्रबल इच्छा होती है कि किसी चीज में विश्वास करें उन्हें अनुसरण करने के लिए कोई नया उद्देश्य या नहीं आस्था देकर इस इच्छा का लाभ उठाएं अपने शब्दों को और स्पष्ट लेकिन सुनहरी संभावनाओं से भरपूर रखें तर्क और अस्पष्ट चिंतन के बजाय उत्साह पर जोड़ दें अपने नए अनुयायियों को कर्मकांड की कुछ परंपराएं दें उन्हें अपने लिए त्याग करने को कहें संगठित धर्म और महान उद्देश्यों के अभाव में आपका नया आस्था तंत्र आपको असीमित शक्ति प्रदान करेगा।

नियम 28बहादुरी के साथ काम करने उतरे

अगर आपको किसी काम में सफलता मिलने का यकीन नहीं है तो उसे करने की कोशिश ना करें आपकी शंका और हिचक इसकी सफलता में बाधा डालेगी संकोच खतरनाक है। बेहतर यह है कि बहादुरी से  मैदान में उतरा जाए साहसिक गलतियों को ज्यादा साहस दिखाकर सुधारा जा सकता है हर व्यक्ति बहादुर व्यक्ति की प्रशंसा करता है कोई भी कायर का सम्मान नहीं करता है।

साहसिक कदम से आप वास्तविकता से ज्यादा बड़े और शक्तिशाली दिखते हैं आपको अपने साहसिकता का अभ्यास और विकास करना चाहिए।

नियम 29 अंत तक पूरी योजना बनाएं

अंत ही सब कुछ है। अंत तक पहुंचने की पूरी योजना बनाएं उन सभी संभावित परिणामों बाधाओं और किस्मत के उतार-चढ़ाव पर विचार करें।जो आपकी कड़ी मेहनत पर पानी फेर सकते हैं और उसका श्रेय दूसरों को देख सकते हैं अंत तक की योजना बनाने से आप परिस्थितियों के शिकार नहीं होंगे और यह जान जाएंगे कि कब रुकना है किस्मत को धीरे से राह दिखाएं और बहुत आगे तक विचार करके अपने भविष्य को तय करें।

जब आप कई कदम आगे तक देखेंगे और अंत तक की योजना बना लेंगे तो आप भावनाओं के प्रलोभन में नहीं फंसे गे और तत्काल प्रतिक्रिया करने की इच्छा से भी बचेंगे आपकी स्पष्टता से आपको तनाव नहीं होगा और आप उलझन में भी नहीं रहेंगे जिस कारण इतने सारे लोग अपने कामों में असफल रहते हैं।

नियम 30अपनी उपलब्धियों को आसान दिखाएं

आपके काम सहज नजर आने चाहिए जैसे आपने उन्हें आसानी से कर दिया हो आपके काम में जितनी मेहनत कोशिश और चतुर चाले लगी हैं उन्हें छिपाया जाना चाहिए जब ऐसा लगता है कि आपने बिना खास कोशिश के काम कर दिया है तो यह छवि बनती है कि अगर आप कोशिश करें तो बहुत ज्यादा काम कर सकते हैं। आप कितनी कड़ी मेहनत करते हैं यह बताने के प्रलोभन से बचें क्योंकि इसे सिर्फ सवाल उठते हैं किसी को भी अपनी चाल ना सिखाएं वरना उनका प्रयोग आप ही के खिलाफ किया जाएगा।

मुश्किल काम आसानी से करने का विचार शक्ति के सभी रूपों के लिए उचित है क्योंकि शक्ति दिखावे और आपके द्वारा पैदा किए गए भ्रम पर निर्भर करती है।

उदासीनता से किया गया काम चाहे जितना छोटा हो उससे ना सिर्फ इसे करने वाले की योग्यता दिखती है बल्कि अक्सर उदासीनता की वजह से वह काम वास्तविकता से ज्यादा बड़ा नजर आता है ऐसा इसलिए है क्योंकि देखने वाले यह मानते हैं कि जो व्यक्ति इतनी आसानी से इतना अच्छा काम कर सकता है उसमें उससे ज्यादा योग्यता होगी।

नियम 31विकल्पों पर नियंत्रण करें

 दूसरों को ताश के उन पत्तों से खिलाए जो आपने बांटे हैं

सर्वश्रेष्ठ धोखा वह होता है जिसमें आप सामने वाले को विकल्प देते हैं। इससे आपके शिकार को यह लगता है कि नियंत्रण में उसके हाथ में है जबकि वह दरअसल आपके हाथों की कठपुतली होता है लोगों को ऐसे विकल्प दे कि उनके द्वारा कोई सा भी विकल्प चुनने पर आपको लाभ हो उन्हें दो बुराइयों में से कम बुरी बात चुनने के लिए विवश कर दें जिसमें दोनों ही बातें आपका उद्देश्य को पूरा करें ।

अंततः दूसरों द्वारा दिए गए घाव और बुरी बातों से ज्यादा दर्दनाक वै घाव और बुरी बातें होती हैं जिन्हें इंसान खुद विकल्प चुनकर मॉल लेता है।

नियम 32लोगों की फंतासीयों के साथ खेलें

सच्चाई से लोग अक्सर बचते हैं क्योंकि यह बदसूरत और अप्रिय होती है जिंदगी इतनी कठोर और दुखद है कि जो लोग रोमांस निर्मित कर सकते हैं या फेंटेसी की उड़ान भर सकते हैं वे रेगिस्तान में भी नखलिस्तान  की तरह होते हैं हर व्यक्ति उनकी तरफ भागेगा लोगों की फैंटेसी ओं का दोहन करने में प्रबल शक्ति होती है।

फैंटेसी की कुंजी दूरी है दूर की चीजें आकर्षित करती है और लुभाती है वह आसान और समस्या रहित दिखती है आप जो देने का प्रस्ताव रख रहे हैं वह पकड़ में नहीं आनी चाहिए उसे कभी चिर परिचित ना बनने दें वह तो दूर की मृग मरीचिका होनी चाहिए जो पास पहुंचते ही और दूर हो जाए।

नियम 33 हर व्यक्ति की कमजोर नस पहचानें

हर व्यक्ति की एक न एक कमजोरी होती है हर महल की दीवार में एक ना एक छेद होता है यह कमजोरी आमतौर पर कोई असुरक्षा कोई अनियंत्रित भाव या आवश्यकता होती है या कोई छोटा रहस्य मय सुख भी हो सकता है चाहे जो भी हो एक बार मिल जाने पर आप इस कमजोर नस का इस्तेमाल अपने लाभ के लिए कर सकते हैं।

हर व्यक्ति की कमजोर नस का पता लगाएं इससे आप उससे इच्छा अनुसार काम करवा सकते हैं इसमें संकल्प की कम योग्यता की ज्यादा आवश्यकता होती है। आपको यह पता होना चाहिए कि किस जगह पर हाथ रखना है सभी लोग किसी न किसी चीज के लिए लालायित रहते हैं कुछ शोहरत के लिए तो कुछ स्वार्थ सिद्धि के लिए और ज्यादातर आनंद के लिए योग्यता यह जानने में निहित है कि सामने वाला किस चीज के लिए लालायित है ताकि उससे लाभ उठाया जाए।

नियम 34शहंशाह ओं की तरह रहे सम्राट जैसा सम्मान पाने के लिए सम्राट की तरह काम करें

आप जिस तरह खुद को पेश करते हैं उसी से अक्सर यह तय होता है कि लोग आपके साथ कैसा व्यवहार करेंगे घटिया या साधारण दिखने पर लोग आपका सम्मान हरगिज़ नहीं करेंगे क्योंकि सम्राट खुद अपना सम्मान करता है इसलिए दूसरों को भी उसका सम्मान करने की प्रेरणा मिलती है शहंशाह हो की तरह व्यवहार करके और अपनी शक्तियों में विश्वास दिखा कर आप स्वयं को मुकुट पहनने की दिशा में ले जाते हैं।

शाही व्यवहार का मतलब यह नहीं है कि आप दंभी या घमंडी बन जाए दरअसल हर व्यक्ति को सम्राट की तरह व्यवहार करना चाहिए अपने सभी कामों को सम्राट जैसा बनाए महान काम करें उसे विचार रखें और अपने सभी कामों के माध्यम से यह प्रदर्शित करें कि भले ही आप सच में सम्राट नहीं है लेकिन आप सम्राट बनने के काबिल है।

नियम 35 टाइमिंग की कला में माहिर बने

कभी भी जल्दबाजी में ना दिखें जल्दबाजी से ऐसा लगता है जैसे आप का खुद पर और समय पर नियंत्रण नहीं है हमेशा धैर्यवान नजर आए  जैसे आप को यह विश्वास हो कि आखिर कर आप सफल होंगे सही पल को खोजें उन प्रवृत्तियों को समझ ले जो आपको शक्तिशाली बनाएगी अगर समय अभी अनुकूल नहीं है तो थोड़ा सा पीछे हटे लेकिन समय अनुकूल आने पर कसकर बार करें।

हर इंसान की जिंदगी में एक समय ऐसा आता है जिसका फायदा उठाकर वह अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है लेकिन अगर इसका फायदा ना उठाया जाए तो जिंदगी का सफर उथले पानी और दुखों में ही खत्म हो जाता है।

नियम 36जो चीजें आप हासिल ना कर सके उनका तिरस्कार करें उन्हें नजरअंदाज करना ही सर्वश्रेष्ठ प्रतिशोध है

किसी भी छोटी समस्या को स्वीकार करके आप उसे शक्ति प्रदान करते हैं आप किसी दुश्मन पर जितना ज्यादा ध्यान देते हैं आप उसे उतनी ही ज्यादा शक्तिशाली बना देते हैं और जब आप किसी गलती को ठीक करने की कोशिश करते हैं। तो छोटी सी गलती भी अक्सर ज्यादा बुरी और स्पष्ट दिखती है कई बार चीजों को उनके हाल पर छोड़ देना ही सबसे अच्छा होता है अगर आप कोई चीज चाहते हो लेकिन उसे पा नहीं सकते हैं तो उसका तिरस्कार करें आप जितने कम रुचि दिखाएंगे आप उतने ही ज्यादा श्रेष्ठ दिखाई देंगे।

नियम 37चकाचौंध का आभामंडल बनाएं

प्रबल छवि और प्रतीकात्मक मुद्राएं शक्ति का आभामंडल बनाते हैं सब उस पर प्रतिक्रिया करते हैं। अपने आसपास के लोगों के सामने नाटक करें इस नाटक में रोचक तस्वीरें और चमकते प्रतीक होने चाहिए जो आपकी उपस्थिति को बढ़ा चढ़ाकर बताते हो दिखावे की चकाचौंध में कोई भी इस तरफ ध्यान नहीं देखा कि आप दर असल क्या कर रहे हैं।

लोग हमेशा चीजों के सतही ही रूप से प्रभावित होते हैं इसलिए राजा को हमेशा समय-समय पर लोगों को उत्सवों और तमाशा में व्यस्त रखना चाहिए।

नियम 38 जैसा चाहे सोचें लेकिन व्यवहार सब के जैसा करें

अगर आप समय के खिलाफ चलते नजर आएंगे अगर आप अपारंपरिक विचारों और अप्रचलित तौर-तरीकों को प्रदर्शित करेंगे तो लोग सोचेंगे कि आप सिर्फ उनका ध्यान खींचना चाहते हैं इसलिए वह आपको तिरस्कार की दृष्टि से देखेंगे क्योंकि आपने उन्हें हीन महसूस कराया है ।इसलिए वह आप को दंड देने का रास्ता खोज लेंगे यह ज्यादा सुरक्षित है कि आप सबके साथ धूल मिल जाए और सामान्य दिखने का अभ्यास करें अपने मौलिक विचार सिर्फ सहिष्णु मित्रों या उन्हें को बताए जिन पर आपको पूरा भरोसा है कि वह आपके अनूठे पन की कद्र करेंगे।

आपको जैसा भी सोचना है आप सोचिए परंतु व्यवहार हमेशा लोगों के हिसाब से ही करने में भलाई है और यही शक्ति की कुंजी है।

नियम 39मछली पकड़ने के लिए पानी हिलाएं

क्रोध और भावनाएं रणनीति की दृष्टि से नुकसान पहुंचाती है आपको हमेशा शांत और उद्देश्य पर केंद्रित रहना चाहिए स्वयं शांत रहते हुए अगर आप शत्रुओं को गुस्सा दिला सके तो आपको निश्चित रूप से लाभ होता है। अपने शत्रुओं को असंतुलित कर दें उनके दंभ में कोई दरार खोजें जिसके द्वारा आप उन्हें हिला सके अगर आप ऐसा करेंगे तो उनकी बागडोर आपके हाथ में होगी।

अगर आपका विरोधी गुस्सैल है तो उसे चिढ़ाने की कोशिश करें अगर वह दम भी है तो उसके गर्व को हवा देने की कोशिश करें जो व्यक्ति अपने शत्रु से कदम बनवाने में कुशल होता है वह इस तरह अपनी मनचाही स्थिति पैदा कर लेता है और शत्रु से अपनी इच्छा के अनुसार काम करवा लेता है।

नियम 40मुफ्त लंच का तिरस्कार करें

मुफ्त में मिली चीज खतरनाक होती है आमतौर पर इसमें कोई चाल या एहसान छुपा हुआ होता है जिस वस्तु का कोई मूल्य होता है वह कीमत चुकाने लायक होती है अगर आप कीमत चुकाते हैं तो आप कृतज्ञता अपराध बोध और धोखे से बचे रहते हैं अक्सर पूरी कीमत चुकाने में ही समझदारी होती है। उत्कृष्टता के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए अपने धन को उदारता से खर्च करें और इसे प्रवाहित होने दें उदारता शक्ति की निशानी है और इसे खींचने वाला चुंबक भी है।

जो आदमी बड़ा कंजूस होता है वह महामूर्ख होता है उच्च पदों पर बैठे आदमी के लिए कंजूसी से ज्यादा हानिकारक कोई अवगुण नहीं है ।कंजूस व्यक्ति ना तो देशों को जीत सकता है ना ही कोई बड़ी उपाधि पा सकता है क्योंकि उसके पास पर्याप्त मित्र नहीं होते हैं जिनके बल पर वह अपनी इच्छा पूरी कर सके जो भी मित्र बनाना चाहते हैं उसे अपनी वस्तुओं से ज्यादा प्रेम नहीं करना चाहिए बल्कि उचित उपहार देकर मित्र बनाना चाहिए।

नियम 41 महान व्यक्ति का अनुसरण ना करें

जो पहली बार होता है वह हमेशा बाद में होने वाले से ज्यादा अच्छा और मौलिक दिखता है अगर आप किसी महान व्यक्ति के उत्तराधिकारी या किसी मशहूर पिता की संतान हैं तो आपको उनसे ज्यादा चमकने के लिए उनसे दोगुनी उपलब्धि हासिल करनी होगी कहीं आप उनकी छाया में खोकर ना रह जाए या ऐसे अतीत में उलझ कर ना रह जाए जिसका निर्माण आपने नहीं किया है राह बदल कर अपनी पहचान और अपना खुद का नाम स्थापित करें।

किसी महान व्यक्ति का अनुसरण ना करें उनसे आगे निकलने के लिए आपको दोगुना हासिल करना होगा जो लोग अनुसरण करते हैं। उन्हें नकलची माना जाता है चाहे वह कितनी भी मेहनत करें वे उस छवि से नहीं उबर पाएंगे उत्कृष्टता की नई राह खोजने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है लेकिन महानता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।

नियम 42गराडिया को मार दे भेड़े तितर-बितर हो जाएगी

मुश्किलें अक्सर किसी एक प्रबल व्यक्ति की वजह से पैदा होती है जो दंभी और महत्वाकांक्षी होता है जो आंदोलन करता है और सद्भावना में जहर भर देता है अगर आप ऐसे लोगों को सक्रिय होने की जगह देते हैं तो दूसरे उनके प्रभाव और प्रलोभन में आ जाएंगे उनके द्वारा उत्पन्न मुशिकलों को कई गुना बढ़ने का इंतजार ना करें उनके साथ विचार विमर्श करने की कोशिश ना करें वह कभी नहीं सुधर सकते हैं उन्हें अलग-थलग करके या देश से बाहर निकाल कर उनके प्रभाव को खत्म कर दें मुश्किल की जड़ यानी गराडिया पर प्रहार करेंगे तो भेडे अपने आप ही तितर बितर हो जाएंगे।

नियम 43जीतने के लिए दूसरों के दिल और दिमाग पर काम करें

बलपूर्वक दमन करने से एक प्रतिक्रिया उत्पन्न होती है जो अंततः आपके खिलाफ काम करती है आपको दूसरों को इस तरह प्रेरित करना चाहिए ताकि वह खुशी-खुशी आपकी बताई दिशा में चल पड़े जिस व्यक्ति को आप इस तरह से राजी कर लेते हैं। वह आपका वफादार  बन जाता है दूसरों को फसाने का तरीका उनके व्यक्तिगत मनोविज्ञान और कमजोरियों से लाभ लेना है। उसके प्रतिरोध को नरम करने के लिए उनकी भावनाओं पर काम करें उनकी प्रिय चीजों का वादा करें और जिन से भी डरते हैं उनके बारे में उन्हें आश्वस्त करें अगर आप दूसरों के दिलो-दिमाग को नजरअंदाज करेंगे तो वह आपसे नफरत करने लगेंगे।

नियम 44दर्पण देखकर निरस्त  और क्रोधित करें

दर्पण सच्चाई का प्रतिबिंब दिखाता है लेकिन यह धोखे का आदर्श हथियार भी हो सकता है जब आप अपने शत्रुओं का प्रतिबिंब बन जाते हैं जब आप उन्हें की नकल करते हैं तो वह आपकी रणनीति का अनुमान नहीं लगा सकते हैं नकल से वे चिढ जाते हैं और अपमानित महसूस करते हैं जिससे वे अति प्रतिक्रिया कर बैठते हैं। उनका प्रतिबिंब सामने रखकर आप उन्हें वर्ग लाते हैं कि आप में भी उन्हीं जैसे जीवन मूल्य हैं उनके कार्यों की नकल करके आप उन्हें सबक सिखाते हैं बहुत कम लोग नकल प्रभाव की शक्ति का प्रतिरोध कर पाते हैं।

नियम 45 परिवर्तन की आवश्यकता का भाषण दें लेकिन अचानक से  बहुत ज्यादा सुधार कभी ना करें

हर व्यक्ति मानसिक रूप से परिवर्तन की जरूरत को समझता है लेकिन दिन-प्रतिदिन के स्तर पर लोग अपनी आदतों के हिसाब से चलते हैं ।बहुत ज्यादा प्रयोग सिलता से परेशानी पैदा हो जाती है और विद्रोह की संभावना भी हो सकती है अगर आप शक्ति के किसी पद पर नए हो या बाहरी व्यक्ति के रूप में शक्ति बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो पुराने तरीकों का सम्मान करने का ढोंग करें अगर परिवर्तन आवश्यक हो तो ऐसे जताएं जैसे परंपरा में सिर्फ थोड़ा सा ही सुधार किया जा रहा है।

नियम 46 बहुत आदर्श नजर ना आए

दूसरों से बेहतर नजर आना हमेशा खतरनाक होता है लेकिन सबसे खतरनाक यह होता है कि आप में एक भी गलति या कमजोरी नजर ना आए  कभी कबार दोषों का प्रदर्शन करना या हानि रहित कमजोरियों को स्वीकार करना ज्यादा समझदारी भरा तरीका है ताकि ईर्ष्या उत्पन्न ना हो और आप ज्यादा मानवीय नजर आए सिर्फ ईश्वर और मुर्दा लोग ही बिना किसी भय के डरे आदर्श देख सकते हैं।

नियम 47लक्ष्य से आगे ना जाएं सीखे की जीतने के बाद कहां रुकना है

विजय का पल अक्सर सबसे खतरनाक कौन होता है विजय की गर्मी में दंभ और अति आत्मविश्वास आपको उस लक्ष्य से आगे धकेल सकता है जिस पर आप निशाना लगाया था आप जितने शत्रुओं को पराजित करते हैं ज्यादा आगे निकलने के चक्कर में उससे ज्यादा शत्रु बना लेते हैं। सफलता को अपने दिमाग पर ना चढ़ने दे रणनीति और सुनियोजित योजना का कोई विकल्प नहीं होता है लक्ष्य तय करें और उस तक पहुंचने के बाद रुक जाएं।

नियम 48निराकार बने

दिखने वाली योजना बनाकर आप खुद को हमले का निशाना बना लेते हैं साकार बनकर खुद को शत्रु की पकड़ में रखने लाने के बजाय खुद को लगातार ढ़ालते रहें इस सच्चाई को स्वीकार करें कि कुछ भी निश्चित नहीं है और कोई नियम तय नहीं है। अपने को बचाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका पानी की तरह द्रव और निराकार होना है स्थिरता या स्थाई व्यवस्था पर भरोसा ना करें हर चीज बदलती है ।


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