Ikigai Book Summary in Hindi

हेलो दोस्तों ! Thought for Growth Blog में आपका स्वागत है । इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए हैं हेक्टर गार्सिया और फ्रांसिस मिरेलस की लिखी किताब इकीगाई “Ikigai Book Summary” बुक की समरी जिसमें की दीर्घायु , तंदुरुस्त और आनंदित जीवन जीने के जापानी रहस्य को बड़े विस्तार से समझाया गया है । इस किताब में  9 चैप्टर्स हैं जिनके प्रत्येक चैप्टर कि हम चैप्टर वाइज समरी आपके सामने  प्रस्तुत कर रहे हैं । 

Table of Contents

इकिगाई एक जादुई शब्द

100 वर्ष जीने की चाहत आप में तभी होगी जब आपका हर पल सक्रियता से भरा हो: एक जापानी कहावत

इस पुस्तक (Ikigai Book) के लेखक हेक्टेयर गार्सिया और फ्रांसिस मेरेलस टोक्यो जापान में पहली बार मिल रहे थे और कई विषयों पर चर्चा करते हुए लोगो – थेरेपी के बारे में बात कर रहे थे । जो मनुष्य के जीवन के मकसद को ढूंढने में मदद करती है । आज भी लोग अपने जीवन का सही मकसद जानने में नाकामयाब होते रहे हैं ।

कुछ लोगों को यह पता होता है कि उन्हें क्या चाहिए जबकि कुछ लोग हमेशा दुविधा में जीते हैं । इसी चर्चा के बीच एक शब्द बार-बार आया और वह जादुई शब्द था Ikigai। यह एक जापानी संकल्पना है जिसका उपरी अर्थ होता है हमेशा व्यस्त रहने से मिलने वाला आनंद । और इसका  मकसद है अपने जीवन का उद्देश्य ढूंढना ।

इस जादुई शब्द का पता लगाने के लिए दोनों लेखक दक्षिणी जापान स्थित ओगिमी नामक एक छोटे से गांव गए जहां पर विश्व के सबसे ज्यादा दीर्घायु लोग रहते हैं और वही जाकर उन्हें इस जादूई शब्द Ikigai का सही अर्थ पता चला और इस किताब में लेखक ने इकीगाई के मतलब को 9 चैप्टर में विस्तार से समझाया है ।

उम्र बढ़ते हुए भी युवा रहने की कला

जापानी लोगों का मानना है कि हर मनुष्य के जीवन का एक इकिगाई होता है जिसे हम जीवन का उद्देश्य भी कहते हैं । कुछ लोगों में यह छुपा हुआ होता है जबकि कुछ लोगों को अपना इकीगाई मिल जाता है ।

कुछ भी करो लेकिन कभी भी सेवानिवृत्त मत होना 

एक बार यदि आपको अपना इकीगाई स्पष्ट हो जाता है तो फिर सुख और संतुष्टि अपने आप मिलती है । जीवन का असली अर्थ पता चल जाता है । जापान के लोग कभी रिटायरमेंट नहीं लेते हैं । वह हमेशा सक्रिय और व्यस्त रहते हैं । उन्हें अपने जीवन का उद्देश्य इतना महत्वपूर्ण लगता है कि वह जब तक शरीर साथ देता है अपना पसंदीदा काम करते रहते हैं ।

युवा लोगों का राज्य
  • दीर्घायु लोगों के रहस्य की जानकारी करते वक्त यह बात सामने आई की जापानी लोगों के खाने-पीने के तौर तरीके और उनकी खाद्य संस्कृति के साथ इकिगाई का ज्ञान उनके लंबी उम्र की बड़ी वजह है ।
80% का राज !
  • जापान में खाना खाने से पहले लोग एक कहावत का प्रयोग करते हैं वह है : हारा हाची बु ! इसका अर्थ है उतना ही खाइये जिससे आपका पेट 80% भरे ! इससे खाना हजम करने में जो ऊर्जा नष्ट होती है उस की बचत होती है साथ ही यह बिना वजह बढ़ने वाले ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया को भी कम करती है ।
  • जापान में लोग छोटी-छोटी थालियों में खाना देते हैं । इसी वजह से वहां के लोग कम खाना खाते हैं । होटलों में चार छोटी छोटी थालियां और एक उससे थोड़ी बड़ी थाली कुल 5 थालियां होती है । जब आप 5  थालियां देखते हैं तो ऐसा लगता है कि आप भरपेट खाना खाने वाले हैं लेकिन जब आप खाना खत्म करते हैं तो आपको पता चलता है कि आपने कम खाया है । इस वजह से कई विदेशी लोगों का जापान में वजन कम हो जाता है ।
मोआई जीवन से जुड़ना
  • मोआई का अर्थ होता है एक ही उद्देश्य से इकट्ठा हुए लोगों का गुट । मोआई जापानी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है । इस समाज के कई लोगों के लिए समाज सेवा करना ही उनका इकीगाई होता है । मोआई के लोग मासिक चंदा तय करते हैं और उसको जमा करते हैं । अगर  मोआई के किसी सदस्य को पैसे की जरूरत हो तो उसे कुछ पैसे उधार दिए जाते हैं ।
  • इस  प्रकार से  मोआई में जो सदस्य होते हैं उनकी भावनात्मक और आर्थिक दोनों जरूरतें पूरी होती रहती है । जब मिलते हैं तो खाना गपशप और विभिन्न प्रकार के खेल एक साथ करते हैं जिससे उनका सामाजिक बंधन और मजबूत होता है । हर कोई अपनी जिम्मेदारी पहचान कर इस समूह का फायदा लेता है इस वजह से सभी के मन में सुरक्षा की भावना पनपती है कि मेरी मदद के लिए पूरा संघ है और इस विचार से वे लोग तनाव रहित और दीर्घायु जीवन जीते हैं ।

उम्र ना बढ़ने का राज

छोटी-छोटी बातें आपको आनंददायक और दीर्घायु जीवन देती है

अमरत्व की कहानी

लेखक कहते हैं कि वर्तमान में हम अपने आयु को हर साल 0.3 वर्ष बढ़ा रहे हैं किंतु यदि हमारे पास एक ऐसा विज्ञान आ जाए जिसकी मदद से हम अपने आयु को हर साल 1 साल बढ़ा सके तो हम उम्र बढ़ने की गति को पीछे छोड़ देंगे और अमरत्व को प्राप्त कर लेंगे ।

एक उदाहरण से इसे हम समझ सकते हैं । मान लीजिए कि कहीं दूर एक बोर्ड लगा है जिस पर एक अंक लिखा है । उस उम्र तक पहुंचते ही आपकी मौत होने वाली है । वह बोर्ड आपके भविष्य में है और आप उस बोर्ड की यात्रा कर रहे हैं । हर गुजरते साल आप बोर्ड के नजदीक हो रहे हैं और जब आप बोर्ड के पास पहुंचेंगे तो आप की मौत हो जाएगी ।

अब यदि एक खरगोश है जो उस बोर्ड को हाथ में पकड़ा हुआ है और वह भी भविष्य की दिशा में यात्रा कर रहा है और यदि खरगोश हर साल 1 साल आगे जाने लगे तो आप उस बोर्ड तक कभी पहुंचे नहीं पाएंगे और आपकी कभी मौत ही नहीं होगी ।

यहां खरगोश की गति ही हमारा विज्ञान है । हम जितना विज्ञान और तकनीकी का विकास करेंगे और अपने शरीर को समझेंगे हम उस खरगोश को उतनी ही तेजी से आगे भगाने में सफल होंगे और अपनी उम्र को भी बढ़ाने में सफल होंगे ।

कार्यशील मन में युवा शरीर
  • हमेशा जवान बने रहने के लिए आपके मन का कार्यशील और खुला होना बहुत आवश्यक है । जोश से भरा हुआ मन हमेशा आपको जवान रखता है और उम्र बढ़ने के आसार कम दिखाई देते हैं ।
  • जिस प्रकार शारीरिक व्यायाम ना करने से हमारे शरीर और जोश पर बुरा असर होता है । उसी प्रकार मानसिक व्यायाम ना करने से हमारी न्यूरोलॉजिकल तंत्र कमजोर होने लगती है ।
  • दिमाग को हमेशा उत्तेजित और कार्यशील बनाए रखने के लिए व्यायाम मिलना ही चाहिए !
  • अपने आराम के दायरे से बाहर निकलकर ही हम जीवन में विकास कर सकते हैं परंतु आराम के दायरे से बाहर निकलना अत्यंत ही कठिन और तनावपूर्ण महसूस होता है ।
  •  इस कठिनाई और तनाव को हम दिमाग को नई नई जानकारी देकर दूर कर सकते हैं !जब दिमाग को नई जानकारी मिलती है तो दिमाग नए कनेक्शन का निर्माण करता है और पुनर्जीवित हो जाता है ।
  •  इसलिए भले ही हमें कठिन लगे और तनाव महसूस हो तब भी हमें अपने आराम के दायरे से बाहर आना जरूरी होता है ।
  • मानसिक व्यायाम का सबसे साधारण उदाहरण है दूसरों के साथ कोई खेल खेलना या गपशप करना इससे अकेलापन और निराशा भी नष्ट हो जाती है ।
तनाव दीर्घायु का मारक
  • तनाव से शरीर को जितना नुकसान होता है उतना और किसी भी चीज से नहीं होता ! बीमारी की सबसे बड़ी वजह होती है तनाव ।

तनाव कैसे काम करता है।

  • आजकल लोग बहुत ही तेज गति से जीवन जी रहे हैं साथ ही स्पर्धा भरे माहौल में रह रहे हैं । ऐसी परिस्थिति में हमारे शरीर को समस्या के संकेत हमेशा ही मिलते रहते हैं और प्रतिक्रिया के तौर पर शरीर में तनाव निर्मित होता रहता है ।
  • वैसे देखा जाए तो यह तनाव हमारे काम का है और हमारे बचाव के लिए उपयोगी भी है लेकिन हर थोड़े समय के बाद ही इस तनाव का बार बार आना शरीर के लिए यकीनन हानिकारक है ।
  • लगातार तनाव से निराशा पैदा होती है और इसकी वजह से बाकी परिणाम भी देखने को मिलते हैं जैसे कि चिड़चिड़ाहट , नींद ना आना , चिंता और उच्च रक्तचाप ।
  • अगर हमें समय से पहले आने वाला बुढापा टालना है तो अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर जीवन को तनाव मुक्त करने की कला सीखनी होगी।
तनाव कम करने के लिए माइंडफुल रहे
  • तनाव मुक्त होने के उपायों में सजग रहने या माइंडफुल होने को सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है । हम किन परिस्थितियों में कैसा रिएक्ट करते हैं इस पर अपना ध्यान एकाग्र करना सजगता की पहली पायदान है । ऐसा करने से हम अपने आप वर्तमान में जीने लगते हैं और विचारों को अपने नियंत्रण के बाहर जाने से रोकते हैं ।
  • सजगता की अवस्था तक पहुंचने का एक मार्ग है ध्यान और प्राणायाम । हम प्रशिक्षण के माध्यम से सजगता यानी माइंडफूलनेस हासिल कर सकते हैं और अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यकीनन आप अपने तनाव पर काबू पा सकते हैं ।
थोड़ा सा तनाव अच्छा होता है
  • जो लोग कुछ हद तक तनाव में रहते हैं वे सामने आई समस्या से लड़ने के लिए तन मन से ताकत लगाते हैं । ये लोग ज्यादा आरामदायक और सुस्त जीवन जीने वाले लोगों से ज्यादा स्वस्थ रहते हैं और ज्यादा जीते हैं ।
  • नियंत्रित मात्रा में तनाव लेने वाले लोगों पर तनाव का सकारात्मक परिणाम होता है । वैसे लोग ज्यादा आनंदित जीवन जीते हैं । ऐसे लोग अच्छी आदतें बनाते हैं तथा धूम्रपान व मद्यपान जैसी आदतों से दूर रहते हैं ।
बैठे रहना उम्र बढ़ने की वजह बन सकती है
  • बैठकर लगातार काम करने के कारण उच्च रक्तचाप और मोटापा जैसी बीमारियां आने लगती है । एक ही जगह पर बैठे रहने से हाइपरटेंशन , बदहजमी , हृदय रोग तथा हड्डियों का कमजोर होना जैसी तकलीफ भी शुरू हो जाती है । इससे प्रतिरक्षा शक्ति भी कमजोर पड़ जाती है और पूरे शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है ।
  • थोड़ी सी हलचल, रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़े से बदलाव से इस समस्या को जड़ से निकाल सकते हैं ।
  • ऑफिस जाते समय पैदल जाएं । अगर संभव ना हो तो रोज कम से कम 20 मिनट पैदल चलें ।
  • लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें !
  • सामाजिक कार्यों में सम्मिलित होइये !
  • जंक फूड की बजाय फल खाना शुरू करिए !
  • सही मात्रा में नींद लें ! 7 से 9 घंटे की नींद सही है ! उससे ज्यादा कि नींद आपको सुस्त बना देती है ।
  • छोटे बच्चे या जानवरों के साथ खेले या किसी क्लब के सदस्य बन जाए ।
  • अपने रोज के कामों को सजगता से देखें ।

स्वस्थ रहने का राज

हमारे शरीर का बदलाव हमारे त्वचा से स्पष्ट रूप से दिखने लगते हैं । जो लोग स्वस्थ होते हैं उनकी त्वचा भी स्वस्थ और झुर्री रहित होती है ।

विज्ञान ने यह साबित कर दिया है कि जवान रहने के लिए सबसे प्रभावी साधन है नींद । जब हम नींद में होते हैं तो हमारे शरीर में मेलेटोनिन हारमोंस तैयार होता है जिससे हम युवा दिखने लगते हैं । इसके और भी कई फायदे हैं जैसे:-

  • बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है ।
  • कैंसर से लड़ने के लिए जरूरी घटकों का निर्माण होता है ।
  • कुदरती इंसुलिन का निर्माण होता है ।
  • अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है ।
  • हृदय रोग का खतरा कम होता है ।
  • इस प्रकार मेले टोनिन आपको हमेशा युवा बनाए रखने में मदद करता है । परंतु 30 साल की उम्र के बाद इसकी मात्रा शरीर में कम होने लगती है ।
  • कुछ उपायों से हम अपने शरीर में मिलेटोनिन की मात्रा बढ़ा सकते हैं :-
  • संतुलित भोजन और उसमें कैल्शियम की ज्यादा मात्रा में सेवन करके ।
  • रोज अपने शरीर को सही मात्रा में सूर्य का प्रकाश देकर ।
  • सही मात्रा में नींद लेकर ।
  • नींद पर प्रभाव डालने वाले पदार्थ जैसे तंबाकू कॉफी ना आदि चीजों से परहेज कर कर ।
युवा रहने का नजरिया
  • हमारे मन में असामान्य शक्ति है । हमारा शरीर जवान दिखेगा या बुड्ढा इस पर मन का काफी प्रभाव पड़ता है । शरीर से जवान दिखने के लिए मन का कार्यरत होना और जोश से भरा हुआ होना जरूरी है । इसलिए हमें हमेशा जोश पूर्ण और कार्यक्षम रहने की कला सीखनी होगी ।
  • समस्या में होते हुए भी चेहरे की हंसी ना खोने वाला इंसान हमेशा युवा दिखता है । इस प्रकार की संयमित जीवनशैली से चिंताएं दूर होती है और तनाव का स्तर कम होने में मदद मिलती है ।
  • जिन लोगों ने समस्याओं की ओर देखने का सकारात्मक नजरिया होता है वह समस्या का सामना करते हैं और बिना हारे समस्याओं के ऊपर जीत पाते हैं ।

लोगोथेरेपी से इकिगाई तक

अपने जीवन का उद्देश्य जानकर लंबी आयु तक जीने की कला

लोगोथेरेपी क्या है

लोगोथेरेपी आपको जीवन जीने के लिए एक अच्छा सा मकसद ढूंढने में मदद करती है । लोगोथेरेपी लोगों को उनके जीवन का उद्देश्य समझाने में सहयोग करती है जिसकी वजह से उनके जीवन को अर्थ प्राप्त होता है  और उन्हें जीने की नई उम्मीद मिलती है ।

जीवन के असली अर्थ की खोज
  • आप लोगों से हर एक चीज छीन सकते हो लेकिन किसी भी परिस्थिति को किस नजरिए से देखना है और उसका किस भावना के साथ सामना करना है यह आजादी आप किसी से कभी भी नहीं छीन सकते । किसी भी परिस्थिति में कौन सा नजरिया रखना है और कौन सी भावना के साथ लड़ना है यह आजादी कोई भी इंसान किसी भी इंसान से नहीं छीन सकता ।
अस्तित्व की लड़ाई
  • लोगोथेरेपी के हिसाब से जब भी किसी इंसान को उसके जीवन का उद्देश्य प्राप्त होता है तो वह अपने अस्तित्व की लड़ाई जीत लेता है ।
  • मेंस सर्च फॉर मीनिंग किताब में विक्टर फ्रैंकल ने कहा है हमने आज तक क्या हासिल किया है और हमें क्या हासिल करना है इसके बीच में जो अंतर होता है वही हमारे अंदर तनाव का निर्माण करता है । यही तनाव हमारे अच्छे स्वास्थ्य की वजह बनती है । जब हमें अपने जीवन में कोई चीज हासिल करनी होती है तो हम आराम तलब और स्वस्थ जीवन जीना पसंद नहीं करते ।  उल्टे हम चुनौतियों से भरा जीवन जीना पसंद करते हैं ।
लोगोथेरेपी के माध्यम से अच्छे जीवन की ओर यात्रा
  • हम अपने जीवन का उद्देश्य बनाते नहीं हैं बल्कि उसे खोज कर निकलते हैं । हम में से हर एक के पास जीवन का उद्देश्य होता ही है और जीवन के हर पड़ाव पर उसमें थोड़े बहुत बदलाव आते रहते हैं । जब आप खुश मिजाज और जोश पूर्ण माहौल में रहते हैं तो निराशा और नकारात्मकता दूर हो जाती है ।
  • हम में से हर किसी के पास असाधारण और महान कार्य करने की क्षमता होती है । हम उस महान लक्ष्य को हासिल करेंगे या नहीं यह इस पर निर्भर नहीं करता है कि हम किस परिस्थिति में है बल्कि इस पर निर्भर करता है कि हमने उस परिस्थिति में क्या निर्णय लिया हैं ।
मोरिता थेरेपी
  • इस थेरेपी का इजाद जापान में किया गया जो जीवन उद्देश्य को खोजने मैं मददगार है । मोरिता थेरेपी में भावनाओं को जानकर उनको स्वीकार करने की सलाह दी जाती है क्योंकि भावनाएं ही हमारी क्रियाओं को दिशा निर्देश देती है । अभी हमारी जो भावनाएं हैं उन्हें स्वीकार करने के साथ-साथ नई भावनाओं का निर्माण करने की कला भी सिखाई जाती है ।

मोरिता इलाज पद्धति का सार

1- अपनी भावनाओं को स्वीकार करें !

अगर आप अपनी भावनाओं को रोकने की कोशिश करेंगे तो वे और भी गहरे होते जाएंगे । इसलिए आपको अपने हर भावनाओं को स्वीकार करना है , स्वागत करना है । भावनाएं मौसम की तरह होती है उनको बस बदलते हुए देखते  रहिए ।

2- जो कर रहे हैं वही करें !

आपको बिना परिणामों पर लक्ष्य केंद्रित किए जो कर रहे हैं वह करते रहें । अपना ध्यान बस वर्तमान पर केंद्रित करें । अगर परिस्थिति को स्वीकार करने में तकलीफ हो रही है तो तकलीफ पर ध्यान केंद्रित करें  ।  किसी भी प्रकार के काल्पनिक या बौद्धिक बहाने ना तलाशे ।

3- अपने जीवन उद्देश्य की खोज करें !

आप अपनी दिनचर्या पर काबू पाकर अपने जीवन पर काबू रख सकते हैं । इसलिए आपके पास जीवन का स्पष्ट उद्देश्य होना चाहिए । अभी मुझे क्या करना चाहिए , मैं अभी क्या करूं ऐसे सवाल आप अपने अंदर ही ढूंढ सकते हैं । और ऐसा करके आप अपने इकिगाई को भी ढूंढ सकते हैं ।

नाइकन ध्यान पद्धति
  • मोरिता पद्धति में आत्म परीक्षण से संबंधित जो ध्यान पद्धति का अभ्यास कराया जाता है उसका नाम है नाइकन ध्यान पद्धति ।

यह तीन मूलभूत प्रश्नों पर आधारित होता है ।

  • पहला :-
  • मुझे किसी इंसान से क्या मिला है ।
  •  दूसरा :-
  • मैंने उस इंसान को क्या दिया है ।
  • तीसरा :-
  • मेरी वजह से उस इंसान को क्या तकलीफ हुई है ।

इन सवालों को पूछने के बाद किसी इंसान की वजह से जो तकलीफ होती है वह अपने आप कम हो जाती है ।


फ्लो की खोज

कार्य का और खाली समय का इस्तेमाल अपने विकास के लिए कैसे करें?

बहाव के साथ जाना

जब हम अपना पसंदीदा काम करते हैं तो हमें अपनी इंद्रियों का और समय का कोई अनुभव नहीं होता है । इसके विपरीत जब भी हम कोई नापसंद काम करते हैं तो समय  कटता ही नहीं है ।

ऐसा कौन सा काम है जिसे करते वक्त हम सबसे ज्यादा आनंदित होते हैं और समय को भूल कर उस काम में पूरा डूब जाते हैं । सभी समस्याओं को भूल जाते हैं । इस सवाल का जवाब ढूंढना ही इकीगाई की खोज है ।

बहाव की शक्ति
  • किसी काम के साथ एक रूप हो जाना , उस काम को करते वक्त पूरा होश खोकर उसमें खो जाने की अवस्था को ही फ्लो कहते हैं ।  फ्लो एक ऐसी अवस्था है जिसमें हम आनंदित, उत्साहित व सृजनशील जीवन जीते हैं और तन मन को एक कर कार्य में जुट जाते हैं ।
  • इस अवस्था में इंसान अपने कार्य में इतना खो जाता है कि आसपास में क्या घट रहा है इससे उसको कोई फर्क ही नहीं पड़ता है । वह कार्य ही उसके लिए प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत होता है । उस काम को करने से जो फायदा होने वाला है उसके बारे में ना सोचते हुए सिर्फ काम करना है उसे ज्यादा आनंद देता है ।

फ्लो लाने वाली सात अवस्थाएं

  • पहला
  • क्या करना है इसका पता होना आवश्यक है ।
  • दूसरा
  • कैसे करना है यह पता होना चाहिए ।
  •  तीसरा
  • हम इस कार्य को कितने अच्छे तरीके से कर सकते हैं इसकी जानकारी होना चाहिए ।
  • चौथा
  • कहां जाना है यह पता होना चाहिए जब कार्य में दिशा महत्वपूर्ण होता ।
  • पांचवा
  • सामने कौन सी चुनौतियां है इसकी जानकारी होनी चाहिए ।
  • छठा
  • कौन सी कुशलता ओं की जरूरत है या पता होना चाहिए ।
  • सातवा
  • मन विचलित नहीं होना चाहिए ।
फ्लो पाने के लिए कुछ कदम
  • सोने से पहले और सुबह उठने के बाद किसी भी तरह की स्क्रीन की ओर ना देखें ।
  • कोई भी महत्वपूर्ण काम करते वक्त अपना मोबाइल बंद रखें सिर्फ अपने काम पर ध्यान केंद्रित करें ।
  • हफ्ते में एक दिन खास करके शनिवार और रविवार को टेक्नोलॉजी का उपवास करके उसका पालन करें ।
  • दिन भर में एक या दो बार ही ईमेल का जवाब दें यह समय पहले से ही तय कर लें और उसी वक्त वह काम करें ।
  • पोमोडोरो तकनीक का इस्तेमाल करें ।
  • अपने पसंदीदा काम से शुरुआत करें ।
  • जब कभी मन भटके तो मन को वर्तमान में लाने की आदत डालें ।
  • ऐसी जगह पर काम करें जहां ज्यादा मन भटकने की संभावना ना हो ।
  • काम को अलग-अलग वर्गों में बांट लें और हर काम का समय पहले से ही तय कर लें ।

इकिगाई ढूढ़ने के लिए फ्लो का इस्तेमाल

  • वे कौन-कौन से काम है जिन्हें करते वक्त आप फ्लो में जाते हैं उन सभी कामों को कागज पर लिख ले । अब यह खोजें कि इन सभी कामों में समान धागा क्या है ? इन सभी कामों में ऐसा क्या समान है कि इन्हें करते वक्त आप  फ्लो के नजदीक पहुंच जाते हैं ? हो सकता है कि इन सवालों के जवाब में आपको आपका  इकीगई मिल जाए ।
  • अगर ऐसा नहीं है तो आप अपनी खोज जारी रखें और ऐसा काम खोजे जिसे करते वक्त आप जल्द से जल्द फ्लो में जाते हैं । इसी के साथ आप ऐसे नए नए कामों की खोज करें जो आपको फ्लो की ओर लेकर जाता है । फ्लो एक अविस्मरणीय अनुभव होता है आप उसका जितनी ज्यादा बार अनुभव करेंगे उतना आप उसके नजदीक पहुंचेंगे । वह अनुभव आपको जल्द से जल्द मिलने लगेगा और उतना ही आप अपने इकिगाई के नजदीक पहुंचेंगे ।

दीर्घायु मास्टर्स

विश्व के सबसे दीर्घायु लोगों के लंबी उम्र का राज

1- अगर आपने अपने मन और शरीर को सक्रिय रखा तो आप यकीनन लंबी उम्र तक जिएंगे ।

2- सदा सीखते रहिए । भले ही आप बुजुर्ग हो जाएं और आपका शरीर थक जाए , भले ही आपके शरीर में तकलीफ होती रहे और दर्द आपको दिन रात जगाता रहे , भले ही आपका आत्मविश्वास कम हो गया हो फिर भी आप हमेशा सीखते रहिए । क्योंकि यही एकमात्र चीज है जो परिस्थितियों को बदल सकती है और यही एक ऐसी चीज है जिससे आपको कभी भी पश्चाताप नहीं होगा ।

3- उचित खाद्य संस्कृति , बीमार होने से पहले ही डॉक्टर की राय लेना और संस्कृति से जुड़े रहना यह सभी  जापानीज लोगों के लंबी उम्र की राज है ।

4- टीम भावना , मिल जुल कर रहना और जीवन के अंत तक सक्रिय रहना ।

5- जरूरत हो या ना हो सदा सक्रिय रहने के लिए आपको आपका  इकीगाई पता होना आवश्यक है । आपका इकीगाई आपको हमेशा आकर्षक और लोगों के उपयोग में आने वाली चीजें बनाने के लिए प्रेरित करता रहेगा ।


जापान में रहने वाले लंबी आयु के लोगों से सीख

१- चिंता ना करें!
  • लंबी आयु का राज है चिंता ना करना । मन से सदा युवा रहना और मन को कभी भी बुड्ढा ना होने देना! खुले मन से और हंसते-हंसते सामने आए इंसान का स्वागत करना ।
२- अच्छी आदतें!
  • यहां के लोग सुबह सुबह उठते हैं और अधिकांश लोग अपने ही बगीचे में फल और सब्जियां उगाते हैं । लोग सुबह उठकर हल्का सा व्यायाम करते हैं । यहां के लोग हर एक चीज को थोड़ा-थोड़ा खाते हैं । रोज व्यायाम करते हैं । खूब सारे फल और सब्जियां खाते हैं और लगातार अपने  इकीगाई हिसाब से काम करते रहते हैं ।
३- अपनी दोस्ती को रोज सीचें!
  • यहां के लोग अपने दोस्तों से रोज मिलते हैं और गपशप करते हैं । दोस्तों के साथ रहना ही कई लोगों का इकीगाई है । अपने पसंद के लोगों के साथ बातचीत करना  यहां के लोगों के लंबी उम्र का राज है ऐसा वे बताते हैं ।
४- आराम से जिए!
  • यहां के लोगों का कहना है कि अगर आप जल्दबाजी नहीं करेंगे तो यकीनन लंबी आयु पाएंगे । किसी भी काम को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना है । यही सबसे अच्छी बात है । छोटी छोटी चीजों में भी आनंद लेने की कला सीखना है ।
५- सकारात्मक बने!
  • यहां के लोग हमेशा सकारात्मक जीवन जीते हैं । दिन भर हंसते रहते हैं और लोगों को भी हंसाते रहते हैं । समाज से उन्होंने जो भी प्राप्त किया है । उसे वापस देने की हमेशा कोशिश करते रहते हैं ।

इकिगाई खाद्य संस्कृति

विश्व के सबसे लंबी आयु वाले लोगों की खाद्य संस्कृति

ओकीनावा की जादुई खाद्य संस्कृति

  • हार्ट अटैक से मौत होने की संभावना ओकिनावा में सबसे कम है इसकी मुख्य वजह है उनकी खाद्य संस्कृति ।
  • यहां के लोग काफी विविधता पूर्ण खाना खाते हैं जिनमें सब्जियों की मात्रा ज्यादा होती है ।
  • वे दिन में कम से कम 5 बार फल और सब्जियां खाते हैं । वह दिन में सात अलग-अलग प्रकार के फल खाते हैं ।
  • ओकिनावा में 30% से ज्यादा कैलोरी सब्जियों से मिलती है ।
  • अनाज उनकी खाद्य संस्कृति की नींव है । वे रोज चावल खाते हैं और साथ ही नूडल्स भी खाते हैं ।
  • वे लोग शक्कर बहुत ही कम खाते हैं और सिर्फ गन्ने से बनी हुई शक्कर खाते हैं ।
  • ओकिनावा के लोग हफ्ते में तीन बार मछली खाते हैं ।
  • जापान में लोग रोज औसतन 2068 कैलोरी खाते हैं । जबकि ओकीनावा में केवल 1785 कैलोरी ही खाते हैं ।
हारा हाची 
  • हारा हाची बू कामतलब है 80% खाना खाना
  • जब आपको लगे कि पेट भरने को आया है लेकिन आप थोड़ा और खा सकते हैं उसी वक्त खाना बंद कर दें ।
  • जापान में बर्तनों का आकार बाकी देशों के मुकाबले थोड़ा छोटा होता है । वहां पर खाना ऐपेटाइजर, मुख्य खाना और अंत में मीठा इस प्रकार से तीन हिस्सों में नहीं परोसा जाता है । इसकी बजाय सभी पदार्थ छोटी-छोटी थालियों में एक साथ परोसे जाते हैं । छोटे-छोटे बर्तनों में परोसने की वजह से ज्यादा खाने की संभावना ही खत्म हो जाती है ।

कम खाएं भरपूर जिए

  • आप कितना खाते हैं इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप क्या खाते हैं । इसलिए जो भी खा रहे हैं वह पौष्टिक होना चाहिए । कम कैलोरी लेना लंबा जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण है । अगर आप ज्यादा मात्रा में कैलोरी लेते हैं तो आलस होने की संभावना होती है और शरीर की सभी ऊर्जा खाना को पचाने में लग जाती है ।

लयबद्ध व्यायाम

स्वस्थ और शतायु जीवन के लिए व्यायाम

दीर्घायु जापानीज लोग भरपूर व्यायाम भले ही ना करते हो लेकिन भरपूर हलचल जरूर करते हैं । वहां के लोग सुबह जल्दी उठते हैं भरपूर चलते हैं । दोस्तों के साथ बातचीत करते हैं और गाना गाते रहते हैं । वह लोग कभी भी जिम में जाकर व्यायाम नहीं करते हैं लेकिन सदा कुछ ना कुछ हलचल करते रहना उनकी दिनचर्या का अंग होता है ।

कुर्सी से उठने जितना आसान
  • 30 मिनट तक एक ही जगह पर बैठे रहने के बाद मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया 90% कम हो जाती है । चर्बी जलने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और तकरीबन 2 घंटे के बाद कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 20% कम होती है । सिर्फ 5 मिनट अपनी जगह से उठने की वजह से यह प्रक्रिया शुरू हो जाती है ।
  • यह जरूरी नहीं है कि आप रोज जिम जाकर पसीना बहाए या मैराथन की रेस  लगाएं । जापान में लंबी आयु के लोगों ने यह साबित कर दिया है कि आप हमेशा हलचल करके भी लंबी आयु हासिल कर सकते हैं ।
  • आज पश्चिमी जगत में भी भारतीय योग की पद्धति प्रचलित हो रही है । योग सदा जवान रहने के लिए बिल्कुल सटीक तरीका माना गया है ।इसकी वजह से शरीर को कई और साधारण फायदे होते हैं ।

दृढ़ता और वाबी साबी

चिंता और तनाव का स्वास्थ्य पर परिणाम ना होने देते हुए चुनौतियों का सामना कैसे करें ?

दृढ़ता का क्या मतलब है ?

यह दुनिया की तरफ देखने का हमारा वह नजरिया है जिसमें तुरंत क्या करने की आवश्यकता है । इससे भी ज्यादा ध्यान इस बात पर दिया जाता है कि क्या करना जरूरी है । साथ ही इंसान नकारात्मक भावनाओं में बहता नहीं है । दृढ़ लोगों को यह पक्का विश्वास होता है कि कभी भी निराशा का शिकार ना होते हुए हमें हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके जीना चाहिए ।

सामने आई परिस्थिति का सामना करके उसमें से कैसे राह निकालनी है यह उन्हें पक्का पता होता है । जिन बातों पर उनका नियंत्रण होता है उन पर ही अपना ध्यान केंद्रित करते हैं और जो चीजें उनके नियंत्रण में नहीं होती है उसकी चिंता करना वे छोड़ देते हैं ।

बुद्धिज्म और स्टोइसिज्म के माध्यम से भावनात्मक दृढ़ता
  • नकारात्मक भावनाओं पर विजय पाना ही बुद्धिस्म और स्टोइसिज्म संप्रदायों का मुख्य उद्देश्य है । यह दोनों मार्ग भले ही अलग हो फिर भी दोनों अहंकार और नकारात्मक भावनाओं पर ही काम करते हैं । दोनों ही मार्ग में अच्छे जीवन शैली पर जोर दिया जाता है । स्टोइसिज्म के हिसाब से सुख और इच्छाएं समस्या नहीं है । अगर हम उनके गुलाम ना बने तो उसका लाभ लेने में कोई भी हर्ज नहीं है । किसी भी परिस्थिति में अपनी भावनाओं पर काबू पाना ही स्टोइक का गुणधर्म माना जाता है ।
बुरे से बुरा क्या हो सकता है ?
  • स्टोइक लोग ऐसा मानते हैं की इच्छाओं और आकांक्षाओं के पीछे भागने का कोई अर्थ नहीं है । मनुष्य के जीवन का उद्देश्य होता है निश्चल और स्थिर चित्त अवस्था को प्राप्त करना और इस प्रकार के गुण प्राप्त करने के लिए नकारात्मक कल्पना चित्रों का  वे प्रयोग करते हैं । वे कल्पना करते हैं कि उनके पास जो भी सुविधाएं और साधन हैं वह छीन गए तो क्या होगा ? इस प्रकार वे बुरे से बुरा क्या हो सकता है इसके बारे में पहले ही सोच कर रखते हैं और उस परिस्थिति का सामना करने की तैयारी करते हैं ।
उच्च भावनाओं के लिए ध्यान
  • जो चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं आती हैं उनके बारे में चिंता करने का कोई भी फायदा नहीं है । हमें यह पता होना चाहिए कि हम कौन सी चीजें बदल सकते हैं और कौन सी नहीं । इस जानकारी की वजह से हमें नकारात्मक भावनाओं को रोकने में मदद मिलती है । आपके साथ क्या घटना होती है या महत्वपूर्ण नहीं है , महत्वपूर्ण यह है कि आप उस घटना पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं ।
आज और अभी अस्थिरता को मात
  • वर्तमान ही एकमात्र ऐसा काल है जिस पर हमारा नियंत्रण है । भूतकाल और भविष्य काल की चिंता करने से अच्छा है कि हम वर्तमान में जिए और अभी हमारे सामने क्या है उस पर विचार करें । हमें यह बात याद रखनी चाहिए कि जो चीजें हमारे पास हैं वह सभी कभी न कभी नष्ट होने वाली हैं । अगर हम इस बात को ध्यान में रखें तो हम उनके पीछे  बहते हुए नहीं जाएंगे । इससे हमें वर्तमान में जीने की और इस पल जो मौजूद है उसका भरपूर आनंद लेने की प्रेरणा मिलती है ।
वाबी साबी और इचीगो इची
  • क्षणभंगुर और सदा बदलने वाले इस कुदरत में सुंदरता खोजने की कला वाबी साबी एक जापानी संकल्पना है । जो हमें बताती है कि परिपूर्णता में सुंदरता खोजने के बजाय अपूर्णता में सुंदरता को खोज ही असली कला है । अपूर्ण, क्षणिक और सदोष वस्तुएं असल में सुंदर होती हैं क्योंकि कुदरत भी ऐसी ही है ।
  • वाबी साबी से संबंधित एक जापानी संकल्पना है इचिगो ईची जिसका अर्थ है वर्तमान का पल ही असली है और वह जाकर कभी भी वापस नहीं आता है । इसलिए भूतकाल की समस्याओं में ना  खोते हुए वर्तमान के पल को खुशी से जीना है ।
  • जापानी आर्किटेक्ट कभी भी सर्वोत्तम के आग्रही नहीं होते हैं । वह चैतन्य और वाबी साबी की संकल्पना पर काम करते हैं । वहां की बड़ी-बड़ी इमारतें भी लकड़ी से बनी होती है । उन्हें इमारत बनाते वक्त ही पक्का होता है कि हमें इन्हें हमेशा के लिए नहीं बनाना है और हमारी अगली पीढ़ी को इन पर दोबारा काम करने का मौका मिलने वाला है । जापानी संस्कृति ने स्वीकारा है कि इंसान का जीवन और उसकी बनाई हुई चीजें दोनों क्षणभंगुर है ।
  • ईचीगो इची हमें वर्तमान में रहने और सामने आए हुए पल को खुशी से जीने की प्रेरणा देती है जिसकी वजह से हमें इकीगाई ढूंढने और उसके अनुसार काम करने में मदद मिलती है । वाबी साबी हमें अपूर्णता में भी विकास का मौका खोजने में मदद करती है ।
एक ही स्रोत पर निर्भर ना रहें
  • आप कभी भी एक ही स्त्रोत पर निर्भर ना रहे । अपनी वर्तमान कुशलता के साथ-साथ और भी कलाएं सीखे । इससे होगा यह कि अगर कभी परिस्थिति आधुनिक खोजों की वजह से आपके मुख्य काम में कोई दुविधा आ गई या वह काम इतना फायदेमंद ना रहा तो आप दूसरे रोजगार विकल्प के बारे में सोच सकते हैं । सदा नए-नए गुण सीखने की वजह से आप किसी भी एक चीज पर निर्भर नहीं रहेंगे ।
छोटे खतरों का सामना  करें
  • छोटे-छोटे खतरों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए ।

कमजोर बनाने वाली चीजों से दूर रहें

आपको जो भी चीजें कमजोर बना रही है उन चीजों से दूर रहना चाहिए इसके लिए आप छोटे छोटे लक्ष्य तय कर सकते हैं जैसे –

  • दो भोजनों के बीच में नाश्ता नहीं करना ।
  • हफ्ते में एक बार ही मीठा खाना ।
  •  छोटी-छोटी  किस्तों मैं अपने सभी कर्ज को चुका देना ।
  • गलत लोगों के साथ समय बिताना बंद करना ।
  •  सिर्फ जरूरत के लिए ही नहीं बल्कि पसंद का काम करना ।
  • दिन भर में 30 मिनट से ज्यादा सोशल मीडिया पर नहीं बिताना ।

जीवन में दृढ़ता लाने के लिए डर को हराना जरूरी है । हमें किसी भी समस्या को मौका समझकर उसकी ओर देखना चाहिए ।

इकिगाई के 10 नियम

1- सदा कार्य करते रहें और कभी भी सेवानिवृत्त ना हो !

जो लोग अपना पसंदीदा काम करना बंद कर देते हैं वह अपने जीवन का उद्देश्य खो देते हैं । इसलिए आपको जो चीजें महत्वपूर्ण लगती हैं उन्हें करना जारी रखें । विकास करते रहना, दूसरों के काम में आने वाली चीजों का निर्माण करना और रिटायरमेंट की उम्र के बाद भी कुछ बड़ा काम करते रहना जारी रखें ।

2- जल्दबाजी ना करें !

हमेशा भागदौड़ और जल्दबाजी वाला जीवन लंबी आयु के लिए घातक है । एक पुरानी कहावत है की धीमी गति से चलने पर आप दूर तक जा सकते हैं । जब हम बिना वजह की आने वाली जल्दबाजी को पीछे छोड़ देते हैं तो आने वाला समय जीवन को नया अर्थ देता है ।

3- पेट भर कर ना खाएं !

अगर आप लंबी आयु तक जीना चाहते हैं तो कम खाना खाएं । पेट भर कर खाने से अच्छा है कि अपनी क्षमता का 80% ही खाना खाएं ।

4- अच्छा मित्र परिवार !

दोस्त जैसी कोई अच्छी दवा नहीं है । चिंता को भगाने के लिए गपशप करें, एक दूसरे से बातचीत करें, सलाह लें और सलाह दें । मौज करें, स्वप्न देखें और खुलकर जीवन जिएं ।

5- अगले जन्मदिन पर ज्यादा तंदुरुस्त बने !

जब पानी बहता रहता है तो वह स्वच्छ और निर्मल रहता है । जब रुक जाता है तो वह खराब हो जाता है । इसी प्रकार से जीवन अगर तंदुरुस्त बनाना है तो शरीर को सदा कार्यरत रखना होगा । व्यायाम की वजह से हमारा शरीर में खुश रहने के लिए आवश्यक हारमोंस तैयार होते हैं ।

6- हंसी !

हंसी खुशी की मदद से दोस्त बनते हैं । इसी के साथ शांति भी मिलती है । छोटी-छोटी चीजों में भी आनंद मिलता है । एक बात सदा ध्यान में रखना चाहिए कि वर्तमान पल में अनंत संभावना है ।

7- कुदरत के साथ जुड़े रहना !

आज के युग में भले ही लोग शहर में रहते हो फिर भी हमारा जीवन कुदरत के साथ रहने के हिसाब से बना है । इसलिए बीच-बीच में कुदरत के साथ रहकर अपना बैटरी चार्ज करते रहना चाहिए ।

8- धन्यवाद दें !

आपके जिन पूर्वजों ने आपको शुद्ध खाना और हवा दिया है उन्हें धन्यवाद दें । आपके परिवार और दोस्तों ने आपको जीवन जीने की और इसे खूबसूरत बनाने की शक्ति दी है उन्हें दिन में कम से कम एक बार धन्यवाद दें । आपको पता चलेगा कि आपकी खुशी की तिजोरी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है ।

9- वर्तमान में जिए !

भूतकाल के बारे में दुख करना और भविष्य की चिंता करना छोड़ दीजिए । हमारे पास सिर्फ वर्तमान है उसका सबसे ज्यादा फायदा लें और उस पल को अविस्मरणीय बना दें ।

10- अपने इकिगाई के हिसाब से जीवन जिएं !

हम सभी के अंदर एक प्रेरणा छुपी होती है हम में  से सभी के पास कुछ ना कुछ विशेष चीज होती है और वह चीज जीवन के अंत तक आप को प्रेरित करती रहती है । इसीलिए अपना इकिगाई दुढ़ें और उसी के हिसाब से अपना जीवन जिए ।


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