हेलो दोस्तों “थॉट्स फॉर ग्रोथ ब्लॉग” में आपका स्वागत है । आज हम आपके लिए लेकर आए हैं “डॉक्टर स्पेंसर जॉनसन” द्वारा लिखी गई किताब “हू मुब्ड माय चीज” (WHO MOVED MY CHEESE) का समरी । हू मुब्ड माय चीज (WHO MOVED MY CHEESE) कहानी के माध्यम से हो डॉ स्पेन्सर जॉनसन हमें अपनी जिंदगी और काम में होने वाले परिवर्तनों का सामने कैसे किया जाए इस बारे में समझाते हैं ।
परिवर्तन के प्रति हमारा क्या नजरिया होना चाहिए यह बताए गया है । हमारा जीवन लगातार बदलता रहता है और यह बदलाव काफी तनावपूर्ण और मुश्किल होता है । हमारे जीवन में होने वाले इस बदलाव और तनाव का सामना कैसे किया जाए इस बात को समझने के लिए हम हू मुब्ड माय चीज (WHO MOVED MY CHEESE) कहानी को शुरू करते हैं।
हू मुब्ड माय चीज की कहानी (The Story Of Who Moved My Cheese)
बहुत पुरानी बात है । एक शहर में चार छोटे पात्र निवास करते थे । यह चारों पात्र एक भूल भुलैया में अपने लिए चीज की तलाश करते रहते थे और उसके लिए दिनभर भागते रहते थे ताकि उनका पेट भर सके और वह खुश रह सके ।
इन 4 पात्रों में से दो चूहे थे जिनका नाम स्निफ और स्करी था । बाकी 2 छोटे लोग थे जिनका नाम हैम और हा था ।
प्रत्येक दिन ये चूहे और छोटे लोग भूल भुलैया में अपने चीज को ढूंढने के लिए दौड़ लगाते रहते थे ।
हर सुबह यह लोग अपना जोगिंग सूट और जोगिंग शू पहनकर भूल भुलैया में दौड़ने के लिए निकल जाते थे जिससे कि वे अपना मनपसंद चीज को ढूंढ सके ।
दोनों चूहों ने ट्रायल एंड एरर तरकीब का सहारा लेकर अपनी चीज को ढूंढना शुरू किया । जब उन्हें किसी गलियारे में दौड़ने के बाद कुछ नहीं मिलता था तो फिर वह दूसरे गलियारे में दौड़ लगाना शुरू करते थे । ऐसा करते करते दोनों चूहे कई बार भूल भुलैया में गुम हुए ,रास्ता भटक गए , गलत दिशाओं में भी गए और कई बार दीवारों से भी टकराए ।
दूसरी तरफ दोनों छोटे लोग हेम और हां मैं सोचने समझने की काबिलियत थी जिसका प्रयोग करके वह अपनी चीज को भूल भुलैया में ढूंढ रहे थे । यह दोनों अपने पुराने अनुभवों से सीख लेते थे परंतु कई बार इन्हें अपने विश्वासों और भावनाओं के कारण ठोकर भी खाना पड़ता था ।
आखिरकार चारों को अपना चीज मिल ही गया जिसके तलाश वह कई महीनों से कर रहे थे । उनकी याद तलाश चीज स्टेशन सी में पहुंचकर खत्म हुई ।
इसके बाद प्रत्येक सुबह दोनों चूहे और छोटे लोग अपना जोगिंग सूट और जोगिंग सू पहनकर चीज स्टेशन से आ जाते थे और अपनी चीज का दिन भर आनंद लेते थे । धीरे-धीरे उनकी यह दिनचर्या नियत हो गई ।
हालांकि दोनों चूहे स्निफ और स्करी चीज़ स्टेशन पर पहुंच कर अपने जूते उतार लेते थे और दोनों फीतो को आपस में बांधकर अपनी गर्दन में लटका लेते थे ताकि जरूरत पड़ने पर वे अपने जूते तुरंत पहन कर दौड़ लगा सके ।
इसके विपरीत दोनों छोटे लोग चीज मिलने के बाद आलसी और आराम तलब हो गए थे । हो गई सुबह लेट से उठते थे आराम से तैयार होते थे और धीरे-धीरे कदमों से चीजें स्टेशन सी की तरफ चलते थे । क्योंकि वह जानते थे कि उन्हें कहां पहुंचना है और कैसे पहुंचना है ।
दोनों छोटे लोग हेम और हां काफी खुश और सफल महसूस कर रहे थे । उन्हें लग रहा था कि उनका जीवन अब सुरक्षित हो गया है । उन्होंने चीज स्टेशन सी को हमेशा के लिए अपना मान लिया था और वही पास में अपना घर भी बना लिया और आराम से रहने लगे ।
सीख 1 – अगर आपके पास चीज होती है तो आप खुश रहते हैं ।(you are happy if you have Cheese)
समय बीतता गया और हैम और हा चीज स्टेशन को हमेशा रहने वाला मान लिया था और वह बहुत ज्यादा आराम तलब और आलसी हो गए थे । चीजें स्टेशन सी में क्या हो रहा है यह उन्हें पता ही नहीं चला ।
दूसरी तरफ दोनों चूहे स्निफ और स्करी ने अपनी पुरानी दिनचर्या को चालू रखा ।
1 दिन सुबह जब वे चारों लोग चीज स्टेशन सी पर पहुंचे तो देखा कि चीज वहां नहीं थी । चीज खत्म हो चुका था । चीज गायब हो चुका था ।
दोनों चूहों को चीज गायब होने पर जरा भी हैरानी नहीं हुई क्योंकि वह प्रतिदिन यह देख रहे थे की चीज कम हो रही है और इसलिए वे पहले से ही तैयार थे । उन्हें पता था कि अब उन्हें आगे क्या करना है ।
दोनों चूहों ने अपने गले से लटके हुए अपना जूता खोला और अपने पैर में बांधकर दौड़ने की फिर से तैयारी की । उन्होंने समस्या के विश्लेषण में अधिक समय नहीं लिया उन्होंने इस बदलाव के साथ खुद को भी बदलने का फैसला कर लिया ।
दोनों चूहे नया चीज की तलाश में उसी समय फिर से दौड़ना शुरू कर दिया ।
उसी दिन जब हम दोनों छोटे लोग हेम और हां चीज स्टेशन से पहुंचे तो वहां चीज को गायब देखकर वह बहुत विचलित हो गए । उन्होंने जो देखा तो उसके लिए हुए मानसिक रूप से बिल्कुल भी तैयार नहीं थे । वे लोग चिल्लाने लगे कि मेरी चीज किसने हटाया यह तो अन्याय है ।
वे दोनों गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाते रहे पर वहां सुनने वाला कोई नहीं था ।
हेम और हां काफी सदमे में थे । वे रो रहे थे । चिल्ला रहे थे और विलाप करने में अपना समय बर्बाद कर रहे थे । जबकि दोनों चूहे तेजी से दौड़ने के लिए फिर से आगे बढ़ गए थे ।
दोनों छोटे लोगों ने इसे अपने खिलाफ जुर्म और अन्याय माना और काफी चीख-पुकार किया । पर उन्हें निराशा के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगा
सीख 2 – आपकी चीज आपके लिए जितना ज्यादा महत्वपूर्ण होगा आप उसे उतना ही ज्यादा पकड़ कर रखना चाहेंगे ।(The more important Cheese is to you, the more you want to hold onto it)
हेम और हा सच्चाई का सामना करना ही नहीं चाहते थे वह बार-बार परिस्थितियों का विश्लेषण करते रहे उनके दिमाग में एक ही सवाल बार-बार गूंजता रहा कि उन्होंने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ।
हां ने कई बार हेम को समझाने की कोशिश की कि हमें इतना ज्यादा विश्लेषण नहीं करना चाहिए और नए चीज की तलाश शुरू कर देनी चाहिए लेकिन हेम कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था । वह दोनों चीज स्टेशन सी पर बैठकर अपनी किस्मत को दोष दे रहे थे काफी कुंठित और निराश हो गए थे और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे थे ।
इसी बीच दोनों चूहो को कोशिश करते करते कई बार भटकने के बाद एक बार फिर से भूल भुलैया में वह चीज मिल ही गई जिसकी उन्हें तलाश थी । नए चीज का एक बड़ा सा ढेर । ऐसा ढेर जो आज तक उन्होंने नहीं देखा था । वह खुशी के मारे चिल्लाने लगे । उनकी तलाश पूरी हुई ।
हां जब भी हेम को समझाता था कि हमें अब नया चीज स्टेशन ढूंढने का प्रयास करना चाहिए तो हेम का एक ही जवाब होता था की मैं इस जगह को पसंद करता हूं । यह काफी आरामदेह है । यह जानी पहचानी है । इसके अलावा बाहर बहुत से खतरे हैं । मुझे डर है कि मैं कहीं गुम ना हो जाऊं । मैं कोशिश करके खुद को बेवकूफ ना बना लूं ।
यह सारी बात सुनकर हा भी डर जाता था और फिर हाथ पर हाथ धरे रख कर चीज स्टेशन सी में बैठा रहता था । ऐसा करते करते काफी दिन बीत गए । दोनों भूखे रहने लगे जिसके कारण उनकी ताकत कम होती गई और काफी चिड़चिड़ा होते गए । अब उन्हें अपना घर उतना खुशनुमा और आरामदायक नहीं लग रहा था जितना पहले लगा करता था ।
1 दिन हा को खुद पर हंसी आने लगी । वह कहने लगा- कितने ताज्जुब की बात है कि मैं बार-बार वही काम करता हूं और सोचता हूं कि मेरी हालत सुधर जाएगी इससे बड़ी बेवकूफी और क्या हो सकती है । अपने डर के कारण मैं भूल भुलैया में फिर से दौड़ने से बच रहा हूं यह सोच सोच कर उसे अपनी बेवकूफी पर हंसी आने लगी ।
इसके बाद हा ने अपना जोगिंग सूट खोजा और उसे पहनकर पुणे दौड़ने की तैयारी करने लगा । हेम ने हा को बहुत समझाया कि तुम मेरे साथ यही चीज स्टेशन सी पर इंतजार क्यों नहीं करते हमारी चीज वापस आ जाएगी । परंतु हा समझ चुका था कि पुरानी चीज कभी वापस नहीं आएगी वह कल का चीज था अब नया चीज ढूंढना ही होगा ।
हा ने हेम से कहा कि कई बार परिस्थितियां बदल जाती है और वह फिर से पुराने जैसी कभी नहीं होती । हमारी परिस्थिति भी अब ऐसी ही है हेम । यह जिंदगी है और जिंदगी हमेशा आगे की ओर बढ़ती रहती है इसलिए हमें भी अब आगे बढ़ना चाहिए ।
सीख 3 – अगर आप बदलते नहीं हैं तो आप नष्ट हो जाएंगे ।(if you don’t change you will perish)
हा डरा हुआ था । वह सोच रहा था कि अगर भूल भुलैया में कोई नई चीज नहीं मिली तो क्या होगा । उसका डर उसे आगे नहीं बढ़ने दे रहा था लेकिन फिर भी वह अपने आप पर मुस्कुराया और इस बात पर काफी हैरान था कि वह जल्दी क्यों नहीं जागा और अपनी चीज को पाने के लिए तुरंत आगे क्यों नहीं बढ़ गया ।
सीख 4 – अगर आप में डर नहीं होता , तब आप क्या करते ? (What would you do if you were not afraid?)
हा जानता था कि कुछ डर ऐसे होते हैं जिनका परिणाम अच्छा होता है । अगर आप डरे हुए हैं और उस डर को दूर करने के लिए कुछ भी नहीं करते तो आप के हालात बिगड़ जाते हैं । इसके विपरीत आपका डर आपको काम करने के लिए प्रेरित भी कर सकता है ।
हां कई बार यह सोचकर निराश हो जाता था कि उसने चीज स्टेशन सी पर इंतजार करने में काफी समय बर्बाद कर दिया । अब वहां पहले की तरह मजबूत भी नहीं रहा । अब उसे दौड़ने में पहले से ज्यादा वक्त भी लग रहा है । लेकिन फिर हां मुस्कुराकर यह सोचता कि – कभी नहीं करने से देर से भी करना ज्यादा अच्छा है ।
जब भी उसे लगता कि अब वह चीज स्टेशन को ढूंढने ही वाला है तभी उसे निराशा हाथ लग जाती । उसकी मौजूदा हालत पहले से बेहतर नहीं हो रही थी । लेकिन वह खुश था कि अब वह हाथ पर हाथ रखकर घटनाओं का इंतजार नहीं कर रहा है ।
हा ने यह महसूस किया के अगर वह अपने स्थिति पर शुरू से ही नजर बनाए रखता और परिवर्तन का पहले से ही अंदाजा लगाकर रखता तो उसे इतना सदमा नहीं लगता ।
सीख 5 – आप अपनी चीज को हर रोज सूंघते रहिए ताकि आपको पता चल सके कि यह कब बासी हो रहा है ।(Keep smelling your cheese every day so that you can know when it is going rancid)
हा की ताकत कम होती जा रही थी । उसे लग रहा था कि अगर वह भटक गया तो शायद जिंदा नहीं बचेगा । कभी-कभी वह सोचता था कि फिर से चीज स्टेशन सी की तरफ लौट जाए । पर हर बार वह खुद से यह सवाल पूछता था कि – मैं डरता नहीं तो मैं क्या करता ?
सीख 6 – किसी नई दिशा में आगे बढ़ने से नया चीज खोजने में मदद मिलती है ।(Moving in a new direction helps in discovering new cheese)
एक बार फिर से हां अपने आप पर हंसा और उसने यह सोचा कि डर ने मेरे हाल को और खराब बना दिया है । इसलिए उसने वही किया जो वह करता अगर वह डरा हुआ नहीं होता । वह फिर से एक नई दिशा में मुड़ गया और अंधेरे गलियारे में दौड़ना शुरू कर दिया ।
हा को अब काफी खुशी महसूस हो रही थी । उसने अपने आप से पूछा कि मैं इतना खुश क्यों हूं ? मुझे तो अभी चीज मिली भी नहीं है । लेकिन जल्द ही वह जान गया था कि अब वह अपने डर के जाल से आजाद हो चुका है ।
सीख 7 – जब आप अपने डर को जीत लेते हैं तो आप आजाद और आनंदित महसूस करते हैं ।(When you conquer your fear, you feel free and happy)
हां ने अब कुछ गहरी सांसे ली और उसे अपने अंदर एक नई ताकत का एहसास हुआ । अब वह अपने डर को जीत चुका था ।
अपने हालात को और बेहतर बनाने के लिए हा ने अपने दिमाग में एक काल्पनिक चित्र बनाना शुरू किया । उसने अपने आप को अपने मनपसंद चीज के ढेर के बीच में बैठा देखा और महसूस किया । उसने यह कल्पना की कि वह अपनी मनपसंद चीज को खा रहा है ।
उसने अपनी मानसिक तस्वीरों को जितनी स्पष्टता से देखा उसे बार-बार यकीन होने लगा कि अब वह अपने इस चीज को ढूंढ कर ही रहेगा ।
सीख 8 – चीज को पाने से पहले उस चीज के स्वाद लेने की कल्पना आपको उसकी तरफ ले जाता है ।(Before getting the cheese, the imagination of tasting that cheese takes you towards it)
हां अब और तेजी से भूल भुलैया में दौड़ लगाने लगा । जल्द ही उसे एक चीज स्टेशन दिखाई दिया जिसमें छोटे छोटे चीज के टुकड़े पड़े थे । उसने वे चीज खाएं जो जबरदस्त स्वादिष्ट थे । लेकिन जब वह उस चीज स्टेशन में घुसा तो उसने देखा कि वहां पहले ही कोई आ चुका था और अब बस थोड़े चीज के टुकड़े वहां बचे थे । उसमें सोचा कि अगर वह जल्दी पहुंचा होता तो उसे वहां चीज की काफी बड़ी मात्रा मिल सकती थी।
सीख 9 – आप जितनी जल्दी पुरानी चीज को छोड़ेंगे आपको उतनी ही जल्दी नया चीज मिल पाएगा ।(The sooner you let go the old cheese, the faster you will get new cheese)
कुछ समय बाद हां चीज स्टेशन सी जाकर अपने मित्र हेम से मिला और उसे भी अपने साथ नई चीज की तलाश के लिए आमंत्रित किया । परंतु हेम ने साफ मना कर दिया । उसने कहा मैं तब तक नहीं जाऊंगा जब तक मुझे मेरा मनचाहा पुराना चीज नहीं मिल जाए । फिर हा अकेले ही मन मार कर वहां से चल दिया ।
हां अब खुश था क्योंकि वह अपने डर से अब डर नहीं रहा था । अब उसे भरोसा हो चुका था कि उसे अपनी मनचाही वस्तु अवश्य ही मिलेगी ।
सीख 10 – चीज के बिना रहने की अपेक्षा भूल भुलैया में उसे तलाश करना ज्यादा सुरक्षित है ।(It is safer to seek cheese in a maze than to be without it)
हा ने एक बार फिर से यह महसूस किया कि आप किसी वस्तु से जितना डरते हैं वास्तव में वह इतनी बुरी नहीं होती । असल में कोई चीज उतनी ही बुरी होती है जितना की आपके दिमाग में बनी उसकी तस्वीर होती है ।
हा को नया चीज नहीं ढूंढ पाने का इतना ज्यादा डर था कि वह इसे ढूंढने का शुरुआत ही नहीं करना चाहता था । लेकिन एक बार जब उसने सफर शुरू किया तो उसे गलियारे में इतना चीज़ मिला कि उसका काम आराम से चल रहा था । अब उसे ज्यादा चीज पाने की उम्मीद भी मिल गई थी और वह आगे देखने भर से उत्साहित हो रहा था ।
पहले हा इस बात पर काफी सोच विचार करता था कि उसके साथ क्या बुरा हो सकता है बजाय इसके कि उसके साथ क्या-क्या अच्छा हो सकता है । वह सोचा करता था कि उसकी चीज को नहीं हटाया जाना चाहिए था और परिवर्तन सही नहीं होता है ।
पर अब वह समझ गया था की परिवर्तन होना बेहद ही स्वभाविक है । आप चाहे इसकी उम्मीद करें या ना करें परिवर्तन तो होना ही है । कोई भी परिवर्तन आपको तभी चौकाता है जब आप इसकी उम्मीद नहीं करते हैं या फिर आप इसे पसंद नहीं करते हैं ।
सीख 11 – आपके पुराने विश्वास आपको नई चीज की तरफ नहीं ले जा सकती है ।(Your old beliefs cannot lead you to new cheese)
हॉ को अब यह महसूस हो गया था कि उसका नया विश्वास उसे नए व्यवहार करने की ओर बढ़ावा दे रहा है । वह समझ गया था कि अगर आप अपना सोच बदल लेते हैं तो आपके कार्य भी बदल जाते हैं ।
अगर आप सोच सकते हैं कि कोई परिवर्तन आपको नुकसान पहुंचाएगा तो आप उसका विरोध करेंगे । इसके विपरीत अगर आप यह सोचते हैं कि कोई नई चीज अपनाने से आपकी जिंदगी बेहतर होगी तो आप उस परिवर्तन को गले लगा लेंगे । सब कुछ इस पर निर्भर करता है कि आप किस बात पर भरोसा रखते हैं ।
सीख 12 – जब आप देख सकते हैं कि आप नया चीज ढूंढ सकते हैं और इसका स्वाद ले सकते हैं तो आप अपना रास्ता बदल लेते हैं ।(When you see that you can find new cheese and taste it, you change your path)
हां समझ गया था कि अगर उसने तत्काल ही अपने परिवर्तन को गले लगा लिया होता और जल्दी ही चीज स्टेशन सी को छोड़ दिया होता तो आज वह बेहतर स्थिति में होता । उसके शरीर में ज्यादा ताकत होती और वह नई चुनौती को अच्छे से स्वीकार करके मुकाबला कर सकता ।
अगर उसने परिवर्तन की आशा पहले से की होती तो अभी तक उसे अपना नया चीज मिल भी गया होता । परंतु उसने इस बात को मानने में और समझने में बहुत समय गंवा दिया था और हालात काफी बदल गया था ।
सीख 13 – छोटे-छोटे परिवर्तनों को पहले से ही भाप लेने से आपको आने वाले बड़े परिवर्तनों के हिसाब से ढलने में काफी मदद मिलती है ।(Anticipating the small changes beforehand will go a long way in helping you adjust to the big changes to come)
हा ने अब अतीत को काफी पीछे छोड़ दिया था और अपने भविष्य के लिए खुद को बदल रहा था । अब वह पहले से ज्यादा ताकत से भूल भुलैया में आगे बढ़ रहा था और कुछ ही समय में हा को चीज स्टेशन N पर नया चीज मिल गया ।
जब अंदर पहुंचा तो उसे अपनी आंखों पर भरोसा ही नहीं हो रहा था । हर तरफ चीज के इतने ऊंचे ऊंचे ढेर लगे थे जैसा उसने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा था । उसे वह चीज मिल गया था जिसकी उसे तलाश थी ।
तभी उसे वहां पर अपने पुराने चूहे दोस्त स्निफ और स्करी मिले । उनके शरीर की हालत बता रही थी कि वह काफी पहले से इस चीज स्टेशन का मजा ले रहे हैं ।
हां ने नई चीज का मजा लेते लेते उन बातों पर गौर किया जो उसने अपनी इस यात्रा में सीखा था ।
जब वह परिवर्तन से डरा हुआ था तो वह उस पुराने चीज के चक्कर में पड़ा हुआ था जो वहां पर मौजूद था ही नहीं वहां से गायब हो चुका था ।
उसमें वह बदलाव तब आया जब उसने खुद पर हंसना सीखा और यह सोचा कि वह गलती कहां पर कर रहा है । तब उसे महसूस हुआ कि बदलने का सबसे तेज रास्ता है खुद की मूर्खता पर हंसना । जब आप ऐसा करते हैं तभी आप अपने अतीत को पीछे छोड़ सकते हैं और तेजी से आगे की तरफ पढ़ सकते हैं ।
उसने अपने मित्र स्निफ और स्करी से भी बहुत उपयोगी बातें सीखी । उन्होंने अपनी जिंदगी को आसान रखा । उन्होंने घटनाओं को बहुत ज्यादा पेचीदा कभी नहीं बनाया और ना ही घटनाओं का जरूरत से ज्यादा विश्लेषण किया । जब उनके हालात बदल गए और उनकी चीज हटा ली गई तो वह भी बदल गए और नई चीज खोजने के लिए वापस से चल पड़े ।
आपको अपने हालातों को कभी भी ज्यादा पेचीदा नहीं बनाना चाहिए और ना ही अपने डरावने विश्वासों से परेशान होना चाहिए । आपको हमेशा यह देखते रहना चाहिए कि कब छोटे-छोटे परिवर्तन हो रहे हैं ताकि आप भविष्य में आने वाले बड़े परिवर्तन लिए तैयार रहें।
अगर आप समय रहते खुद को नहीं बदलते हैं और परिस्थितियों के अनुसार नहीं ढलते हैं तो हो सकता है कि बाद में खुद को बदलने से आपको कोई फायदा ही ना हो ।
परिवर्तन का सबसे बड़ा विरोधी हमारे अंदर ही बैठा होता है । जब तक हम अंदर से नहीं बदलते हैं हमें कुछ भी सुधार नहीं हो सकता ।
हा ने जो सबसे महत्वपूर्ण बात सीखी वह यह थी कि बाहर हमेशा नया चीज मौजूद रहता है । चाहे आप इसे उस समय पहचान पाए या नहीं और यहां आपको तब मिलता है जब आप अपने डर से आजाद हो जाते हैं और रोमांच का मजा लेते हैं ।
इसके बाद हां को नई चीज स्टेशन के दीवार पर लिखी वह इबारत लिखी जिसने उसकी सोच हमेशा के लिए बदल दी –
- परिवर्तन होता है
- आप की चीज हटाई जाती है
- परिवर्तन को हमेशा भांपते रहिए
- अपनी चीज के हटने के लिए हमेशा तैयार रहिए
- परिवर्तन पर हमेशा नजर बनाए रखिए
- अपनी चीज को बार बार सूंघते रहिए ताकि आप यह जान सके कि वह कब बासी हो रही है
- परिवर्तन के हिसाब से अपने आप को जल्दी से ढ़ाल लीजिए
- आप जितनी जल्दी पुरानी चीज से दूर हटते हैं उतनी ही जल्दी आप नई चीज का आनंद ले सकते हैं
- खुद को बदलिए
- चीज के साथ आगे बढ़े
- परिवर्तन का मजा लीजिए
- रोमांच का मजा लीजिए और नई चीज का आनंद बनाएं
- जल्दी से बदलने के लिए तैयार रहिए और फिर इसका मजा लीजिए
- क्योंकि आप की चीज हटाई जाती है
अब हा सावधानीपूर्वक नई चीज स्टेशन में चीज का मजा ले रहा था वह जानता था कि अगर वहां ज्यादा आराम तलब हो गया तो फिर से अपने पुराने हालत में पहुंच जाएगा । इसलिए वह हर रोज अपनी नई चीजें स्टेशन का निरीक्षण करता रहता था । उसने यह सुनिश्चित कर लिया कि अब अचानक होने वाला कोई परिवर्तन उसे हैरान और परेशान ना कर दे ।
हां अब भूल भुलैया में जाकर नई-नई जगहों की छानबीन करता रहता था ताकि वह अपने चारों और हो रहे घटनाओं के बारे में जानकारी रख सके । वह जानता था कि आराम कर के खुद को अकेला रखने की बजाय हमेशा अपने विकल्पों की जानकारी रखना ज्यादा सुरक्षित है ।
सीख 14 – चीज के साथ आगे बढ़ते जाइए और उसका मजा लेते रहिए ।(Get on with the cheese and keep enjoying it)
अपने जीवन में होने वाले परिवर्तन का सामना कीजिए एवं नई चीज का आनंद उठाइए ।
दोस्तों यह थी Book “WHO MOVED MY CHEESE BY DR SPENCER JOHNSON” की summary in hindi यह समरी आपको कैसी लगी कृपया हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं । अगर आपको यह समरी अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और फैमिली मेंबर्स के साथ अवश्य शेयर करें ।
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